अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला और एमडीएसडी गर्ल्स कॉलेज अंबाला के संयुक्त तत्वावधान में हुआ दो दिवसीय आयोजन
PANCHKULA, 8 MARCH: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला और एमडीएसडी गर्ल्स कॉलेज अंबाला के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दो दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। उमंग अभिव्यक्ति मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि इस कार्यक्रम में देशभर से कवियत्रियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती सविता मदान उपस्थित रहीं, जो कि रोटरी क्लब अंबाला की पहली महिला मेंबर हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. किरण अंगारा ने की, जो एमडीएसडी गर्ल्स कॉलेज अंबाला शहर की प्राचार्य हैं। कार्यक्रम का संचालन शीनू वालिया ने किया।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली कवियत्रियों में नीलम त्रिखा, शिखा श्याम राणा, शीनू वालिया धरा, डा. नीलम जोशी, डा. मंजू तोमर, डॉ. कौशल चौहान, डॉ. जसप्रीत, शहला जावेद, रेखा मित्तल, निशा वर्मा, डेज़ी बेदी जुनेजा, आभा मुकेश साहनी, शीला गहलावत ‘सीरत’, डॉ. अलका बोस, राशि श्रीवास्तव, रेणु अब्बी रेणू, कृष्णा गोयल, नीरू मित्तल नीर, संगीता शर्मा कुंद्रा, मोनिका, नेहा, डिंपल गर्ग,-नीरजा शर्मा, डॉ. गीता रजनी पाठक, मधु गोयल कैथल, डॉ. ममता सूद कुरुक्षेत्र, स्नेहलता, अनुष्का चंडीगढ़, गरिमा गर्ग, सुनीता गर्ग, सोनीमा सत्या, डा. कृष्णा आर्य नारनोल आदि ने महिला सशक्तिकरण पर कविताओं के माध्यम से समां बांध दिया।
सभी ने महिला दिवस पर अपनी रचनाओं के माध्यम से नारी के अनेक रूपों का वर्णन किया। प्रिंसिपल डॉक्टर किरण अंगारा ने भी एक मधुर गीत सुनाया, वहीं सविता मदान ने नारियों को सबसे ऊपर नारायणी का दर्जा देते हुए उसकी महिमा बताई।
नीलम त्रिखा ने बेटियों के गौरव गान में कहा,
वह काम क्या है जो न कर पाती हैं बेटियां,
सारे जहां में नाम कमाती हैं बेटियां। नीलम त्रिखा ने अपनी कविता, मुझे अबला समझने की कभी तुम भूल न करना भी सुनाई।
रेखा मित्तल ने शक्ति स्वरूपा नारी, आज की नारी हूं नारायणी हूं, सुनाई।
शीनू वालिया धरा ने कहा, ज़्यादा कुछ नहीं चाहते, बस इक पहचान बनानी है, अब साया बन नहीं जीना,
उपमा अबला की हटानी है। निशा वर्मा ने आज का दिन खुशी है लाया चलो मुझे याद करने का दिन है, रचना पेश की। अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला की संस्थापक नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।