CHANDIGARH: अक्तूबर, 2020 में किसानों का आंदोलन शुरू होने के बाद से सरहद पार से ड्रोनों की हलचल में तेजी आने का गंभीर नोटिस लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज ऐलान किया कि जब तक मैं हूँ, किसी खालिस्तानी या पाकिस्तानी या अन्य किसी आतंकवादी गतिविधि को राज्य के अमन-चैन में बाधा पैदा करने की इजाजत नहीं दूँगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे की धारणा को हकीकत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए किसान आंदोलन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी और उनको बताया था कि केंद्रीय बलों को ड्रोन ढूँढकर मार गिराने के लिए उपयुक्त साजो-सामान मुहैया क्यों नहीं करवाया जा सकता।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब में इस समय खालिस्तानी सैल सक्रिय नहीं हैं परन्तु उनको ड्रोनों के जरिये हथियार दिए जा रहे हैं जिससे उनको गड़बड़ी पैदा करने के लिए सक्रिय किया जा सके। उन्होंने इस लहर की कमर तोड़ देने का संकल्प किया।
अपनी सरकार के चार वर्ष पूरे करने पर मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब की सरहद पर किसी तरह की सेंध का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध है। उन्होंने कहा कि चाहे सरहद के पास से बड़ी संख्या में हथियार पकड़े गए हैं परन्तु चिंता उन हथियारों की है, जो पकड़े नहीं गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से चिंतित हूँ कि वे हथियार गए कहाँ।’’
मार्च, 2017 में उनकी सरकार आने से लेकर गिरफ्तारियों और बरामदगियों के विवरण साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों और गैंगस्टरों के 333 गिरोह पकड़े गए जबकि 3472 आतंकवादी/गैंगस्टर गिरफ्तार किये गए। उन्होंने बताया कि 10 ड्रोन उठाए गए हैं और इसके अलावा 2000 से अधिक हथियार (राईफलें, रिवॉल्वर, पिस्तौल आदि समेत), हैंड ग्रेनेड, आर.डी.एक्स. और अन्य विस्फोटक सामग्री, वॉकी-टॉकी और सैटेलाइट फोन बरामद किये गए। इसी तरह 11000 गोली-सिक्का जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि पंजाब जैसे छोटे राज्य के लिए यह संख्या कम नहीं है।