CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशभर की 42212 वर्ग किलोमीटर जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में राजस्व विभाव के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि जमीन का रिकॉर्ड इस प्रकार से तैयार किया जाए जिसमें जमीन के स्वामित्व के बारे में जानकारी के साथ ही यह भी स्पष्ट रूप से जानकारी हो कि उक्त जमीन का कब्जा किसका है। यदि जमीन का कब्जा मालिक के पास न हो तो उक्त कब्जे को छुड़वाने के लिए कानूनी तरीके अपनाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक इंच जमीन का भी डिजिटल रिकॉर्ड बनने से नहीं रहना चाहिए।
किसी भी तहसील में करा सकेंगे रजिस्ट्री
हरियाणा सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसके लागू होने पर प्रदेश की किसी भी तहसील में देश के किसी भी कोने में बैठकर रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में भूमि के रजिस्ट्रेशन की इस प्रक्रिया को जल्दी अमलीजामा पहनाए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य जमीन के रजिस्ट्रेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ऐसा पोर्टल तैयार किया जाए, जिस पर जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए जमीन खरिदने और बेचने वाले अपने मुताबिक तहसील का चयन कर सकें। इसके लिए प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।
लैंड एक्सचेंज
मुख्यमंत्री ने भविष्य में स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही लैंड एक्सचेंज बनाने के लिए ऑप्शन पोर्टल शुरू करने की योजना पर भी काम करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कई बार कोई जरूरतमंद अपनी जमीन बेचना चाहता है लेकिन समय से उसे कोई खरीददार नहीं मिलता। ऐसे में कोई ऐसा पोर्टल बनाया जाना चाहिए जहां पर जमीन को बेचने वाला और खरीदने वाला अपनी जानकारी अपलोड कर सके। इससे खरीदने और बेचने वाले दोनों को लाभ होगा। यदि कोई जमीन बेचने वाला अपनी जमीन सम्बन्धी जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करेगा तो इससे उसे आसानी से और जल्दी खरीददार मिल सकेगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने म्यूटेशन प्रक्रिया को भी और आसान तथा ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि जिस जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन हो, उसका म्यूटेशन तय समय मे ऑटोमेटिक प्रक्रिया से हो जाना चाहिए। ऐसे रजिस्ट्रेशन पर कोई आपत्ति भी ऑनलाइन ही मांगी जानी चाहिए और तय समय मे म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देना है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में कारगर साबित होगी। मुख्यमंत्री ने तहसीलों में पर्याप्त मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए। विशेष रूप से डिजिटल युग के हिसाब से आईटी सम्बन्धी सभी सुविधाएं रजिस्ट्रेशन कार्यालयों में उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की कोई दिक्कत नहीं रहनी चाहिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं राजस्व विभाग के वित्तायुक्त संजीव कौशल एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अलावा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।