भर्ती घोटाले, बेरोजगारी, यूरिया की किल्लत, जलभराव, कानून व्यवस्था समेत दर्जनभर मुद्दों पर कांग्रेस ने दिया काम रोको व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
किसानों को एमएसपी, खाद, बीज, दवाई और मुआवजा समेत हर चीज के लिए तरसा रही है सरकार: हुड्डा
CHANDIGARH: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में शहीद किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने एकबार फिर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही सरकार से उनके परिवारों को उचित आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी की मांग की। सदन में बोलते हुए हुड्डा ने जलभराव की समस्या से जूझ रहे किसानों का मुद्दा भी उठाया और सरकार से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की।
पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि सरकार कई मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। इसलिए कांग्रेस विधायकों की तरफ से दिए गए कई प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया है। लेकिन कांग्रेस विधायक पूरी तैयारी के साथ सत्र में आए हैं और वो सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर कर देंगे।
इससे पहले हुड्डा की अध्यक्षता में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। कांग्रेस विधायकों की तरफ से एचएसएससी-एचपीएससी भर्ती घोटाले, डीएपी और यूरिया की किल्लत, कानून व्यवस्था की खस्ता हालत, यूनिवर्सिटीज की भर्तियों में हस्तक्षेप, भर्तियों में देरी, अलग-अलग महकमों के खाली पड़े पदों, बढ़ती बेरोजगारी, सड़कों की हालत, महंगाई, सड़कों की खस्ता हालत, जलभराव और नंबरदारों की नियुक्ति जैसे अलग-अलग मुद्दों पर काम रोको और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया गया।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश की जनता के सामने समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। प्रदेश का युवा रिकॉर्ड बेरोजगारी और भर्ती घोटालों की मार झेल रहा है। विपक्ष की तरफ से पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग की जा रही है लेकिन सरकार इससे भाग रही है। इससे स्पष्ट है कि खुद सरकार की भूमिका संदेहास्पद है। सिर्फ एचपीएससी का डिप्टी सेक्रेटरी इतने बड़े भर्ती घोटाले को अंजाम नहीं दे सकता। भर्ती माफिया के तार ऊपर तक जुड़े हुए हैं। अभी तो सिर्फ दुकान का सेल्समैन ही पकड़ा गया है, उसका मालिक पकड़ा जाना बाकी है।
हुड्डा ने बताया कि सरकार के निक्कमेपन की वजह से एकबार फिर किसानों को खाद के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। डीएपी के बाद किसानों को यूरिया की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। यह सरकार किसानों को एमएसपी, खाद, बीज, दवाई और मुआवजे समेत हर चीज के लिए तरसा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए विपक्ष प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा भी सदन में उठाएगा। सरकार को जवाब देना होगा कि पिछले सत्र में कोरोना और ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का पता लगाने के लिए जो हाई पावर कमेटी बनाने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है, उसका क्या हुआ? साथ ही प्रदेश के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 70% पद और स्वास्थ्य महकमे में लगभग 10 हजार खाली पदों को भरने के लिए सरकार क्या कर रही है?
हुड्डा ने कहा कि शिक्षा महकमे में भी करीब 40,000 पद खाली पड़े पदों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। यूनिवर्सिटीज की भर्तियों में हस्तक्षेप और नंबरदारों की नियुक्तियों पर रोक लगाने का भी विपक्ष विरोध करेगा।