आप द्वारा किसानों के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग बेतुकी: कैप्टन अमरिंदर सिंह

कहा-अगर किसानों को पुलिस सुरक्षा देने का ऐलान कर भी दूं तो पंजाब पुलिस अन्य राज्यों में 72 घंटे से अधिक नहीं रह सकती

CHANDIGARH: आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन कर रहे पंजाब किसानों की सुरक्षा के लिए राज्य की पुलिस फोर्स को तैनात करने की माँग को मनमाना, बेतुकी और तर्कहीन करार देते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रविवार को कहा कि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी स्पष्ट तौर पर संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के सभी अर्थ भूल चुकी है। यहाँ तक कि आप सर्वोच्च अदालत द्वारा निर्धारित किए गए कानूनों से पूरी तरह अंजान है।

आप द्वारा उनके दफ़्तर को लिखे पत्र, जिसमें पंजाब के आंदोलनकारी किसानों के लिए सुरक्षा की माँग की है, पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह माँग न सिफऱ् पूरी तरह ग़ैर-कानूनी और तर्कहीन है, बल्कि कानून के सभी सिद्धांतों और नियमों के खि़लाफ़ है।

आप की अर्थहीन माँग की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार पंजाब पुलिस किसी भी अन्य राज्य में किसी की रक्षा के लिए 72 घंटे से अधिक नहीं ठहर सकती। उन्होंने आगे कहा, ‘‘तो इसका अर्थ यह होगा अगर मैं आज ऐसे किसी हुक्म पर दस्तख़त कर भी दूँ जिसके अनुसार सिफऱ् कुछ एक ही, यदि सभी नहीं, किसानों की सुरक्षा (सुरक्षा की ज़रूरत वाले) की घोषणा की जा सके, तो भी इसका अर्थ यह होगा कि पंजाब पुलिस वहाँ उनके साथ 72 घंटों की समय सीमा से अधिक नहीं रुक सकती।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा, ‘‘इसका अर्थ यह होगा कि बतौर मुख्यमंत्री पंजाब जोकि मैं हूँ, चाहे आम आदमी पार्टी कुछ भी सोचे, मेरे हाथ कानून से बँधे हुए हैं, जिस कानून का आपकी पार्टी कोई सत्कार नहीं करती।’’ आप के अफ़सोसजनक पत्र जिसने सिफऱ् पंजाब को हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए आप के उतावलेपन को उजागर किया है, पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल की पार्टी मोहल्ला स्तर की राजनीति पर उतर आई है और सभी कानून के पक्षों को हवा में उड़ा दिया है।

इस मुद्दे पर सुनील जाखड़ के बयान की आलोचना किए जाने के लिए आप पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पंजाब कांग्रेस के प्रधान नहीं बल्कि आप थी जो बेतुकी बातों में उलझी हुई थी, जिसको स्पष्ट तौर पर एक सुरक्षित और एक ग़ैर-सुरक्षित नागरिक में फर्क नहीं पता। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘शायद आपको इसके बारे में दिल्ली में अपने मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए, हालाँकि केजरीवाल के बुरे शासन और अनदेखी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह इस बारे ज़्यादा जानते होंगे।’’

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर ‘आप’ ने तथ्य की जांच करने की कोशिश की होती तो वह इस मुद्दे पर कानून की स्थिति का पता लगा लेते और इस तरह समय बर्बाद न करते, जिसका प्रयोग वह आंदोलनकारी किसानों के भले के लिए कर सकते थे, जो पिछले दो महीनों से दिल्ली सरहद पर उनके बिल्कुल नज़दीक बैठे हैं।

कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि ‘आप’ का पत्र पार्टी के द्वारा लाल किले की हिंसा में अपनी भूमिका से लोगों का ध्यान हटाने की एक चाल के अलावा और कुछ नहीं, जिस कारण किसानों को दिल्ली पुलिस के अत्याचार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘आप’ के अपने आदमी लाल किले पर हिंसा भडक़ाते हुए कैमरे में कैद हो गए। उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल द्वारा दिल्ली में कृषि कानूनों में से एक को नोटीफायी करने से कृषि कानूनों पर ‘आप’ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मिलीभुगत का खुलासा पहले ही हो गया है और यह अब किसी चर्चा का विषय नहीं रहा।

किसानों के आंदोलन को साबोताज़ करने के लिए भाजपा के साथ मिलकर साजि़श करने के लिए आप को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों पार्टियों द्वारा हिंसा भडक़ाए जाने तक शांतमयी ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पुलिस सुरक्षा की माँग करना, इस ड्रामेबाज़ों की पार्टी द्वारा की जा रही ड्रामेबाज़ी के सिवा और कुछ नहीं।

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