कृषि कानून: चंडीगढ़ भाजपा में किसान मोर्चा की बगावत से कोहराम, आज प्रभारी के सामने उठेगा मामला, जानिए कौन आया निशाने पर

CHANDIGARH: केंद्र की मोदी सरकार और देश में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने तीन नए कृषि कानूनों पर चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के बगावती सुरों ने यहां पार्टी में कोहराम मचा दिया है। भाजपा का प्रदेश नेतृत्व इसको लेकर सकते में है तो पार्टी के एक अतिमहत्वाकांक्षी प्रदेश महासचिव संगठन के निशाने पर आ गए हैं। उन पर गांवों की राजनीति की आड़ में पार्टी के भीतर गुटबाजी को हवा देने और प्रदेश नेतृत्व को मुश्किल में डालने की कोशिश करने के आरोप लग रहे हैं। मामला पार्टी में उच्च स्तर तक पहुंच गया है और नतीजा क्या होगा? इस पर सबकी निगाह लगी है। फिलहाल, मंगलवार को पहली बार चंडीगढ़ आ रहे भाजपा के प्रदेश संगठन प्रभारी दुष्यंत गौतम के सामने भी यह मामला गूंजने के आसार हैं।

क्या कहा भाजपा किसान मोर्चा ने
गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के पदधिकारियों ने हाल ही में मनीमाजरा में एक बैठक कर नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध का समर्थन किया है। इन पदाधिकारियों ने पार्टी लाइन से अलग जाकर यहां तक कह दिया कि यदि केंद्र सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती है तो वह भाजपा किसान मोर्चा से इस्तीफा दे देंगे। यही नहीं, स्थानीय किसान मोर्चा के पदाधिकारियों की इस बैठक में भाजपा के कोआपरेटिव प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया और उन्होंने भी किसानों के विरोध का समर्थन करते हुए उनकी मांगें न माने जाने की सूरत में किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ अपने भी इस्तीफे का ऐलान कर दिया।

एक प्रदेश महासचिव की भूमिका संदेह के घेरे में
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी के किसान मोर्चा पदाधिकारियों के इन बगावती सुरों ने चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा नेतृत्व को चौंका दिया। क्योंकि यह स्थिति न केवल कृषि कानूनों के मुद्दे पर पार्टी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने वाली है, बल्कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष असहज बनाने की कोशिशों का भी हिस्सा मानी जा रही है और इस सब में ग्रामीण राजनीति से निकले चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के एक महासचिव की भूमिका संदेह के घेरे में है। क्योंकि नए कृषि कानूनों पर पार्टी में बगावती सुर अपनाने वालों को भाजपा किसान मोर्चा व कोआपरेटिव प्रकोष्ठ में पदाधिकारी बनवाने में इस महासचिव का विशेष प्रभाव रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस वरिष्ठ नेता पर पार्टी में गुटबाजी को भी हवा देने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में अब वह खुद संगठन में निशाने पर आ गए हैं। पार्टी ने किसान मोर्चा व कोआपरेटिव प्रकोष्ठ के बगावती सुरों को बेहद गंभीरता से लिया है। मामला उच्च स्तर तक पहुंच गया है। क्योंकि चंडीगढ़ में अगले वर्ष नगर निगम चुनाव भी होना है और अगले महीने से यहां राजनीतिक दलों के लिए चुनावी साल शुरू होने जा रहा है। इस बार चंडीगढ़ के 13 और गांव नगर निगम में शामिल हो गए हैं। ऐसे में भाजपा में यह बगावत और जोर पकड़ती है तो निगम चुनाव के दौरान भाजपा को गांवों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इसलिए भी बगावती सुरों पर भाजपा ज्यादा गंभीर
बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर देश में किसानों के विरोध की शुरुआत पंजाब से हुई थी, जहां कांग्रेस की सरकार है। इसलिए भाजपा किसानों के इस विरोध के पीछे भी कांग्रेस का ही हाथ मान रही है। कांग्रेस की ही रणनीति में उलझकर और किसान राजनीति के दबाव में आकर अकाली दल ने भी पहले भाजपा नीत एनडीए सरकार में मंत्री पद छोड़ा, फिर पंजाब में दो दशक से भी पुराना भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया। नए कृषि कानूनों को लेकर बन रहे विरोध के माहौल के बीच भाजपा भी अपने स्तर से किसानों को समझाने की लगातार कोशिशें कर रही है। चंडीगढ़ चूंकि पंजाब की राजधानी है और यहां से निकलने वाले संदेश पंजाब में प्रभावी माने जाते हैं, इसलिए चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा ने भी केंद्रीय नेताओं व मंत्रियों को बुलाकर कई वैबीनार, सम्मेलन व बैठकों आदि के जरिए नए कृषि कानूनों के पक्ष में अपने तर्क-दलीलें लोगों के समक्ष रखी हैं लेकिन चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के ही किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों पर बगावती तेवर दिखा दिए हैं तो इसका संदेश भी पंजाब में जाना तय है। लिहाजा, इस कारण भी पार्टी बगावती सुरों को ज्यादा गंभीरता से ले रही है।

भाजपा प्रदेश प्रभारी करेंगे मोर्चा व प्रकोष्ठों के साथ बैठक
माना जा रहा है कि इन्हीं सब हालात के बीच चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के प्रभारी दुष्यंत गौतम और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन को अचानक चंडीगढ़ प्रवास का कार्यक्रम बनाना पड़ा। यह दोनों केंद्रीय नेता आज चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। प्रभारी दुष्यंत गौतम पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा किसान मोर्चा व कोआपरेटिव प्रकोष्ठ समेत पार्टी के तमाम मोर्चा व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। कहा जा रहा है कि इस दौरान कृषि कानूनों पर किसान मोर्चा व कोआपरेटिव प्रकोष्ठ के बगावती तेवरों का मामला भी जोरशोर से उठेगा, जिसमें पार्टी के संबंधित प्रदेश महासचिव की भी घेराबंदी हो सकती है।

भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष का दौरा भी महत्वपूर्ण
दूसरी ओर, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन के दौरे को नगर निगम चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ समय से चंडीगढ़ में महिला कांग्रेस ने अपनी गतिविधियां काफी तेज कर दी हैं। यहां तक कि पिछले दिनों भाजपा की कई महिला कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गईं। इसको लेकर भाजपा व महिला कांग्रेस नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी हुए थे। लिहाजा, शहर में भाजपा महिला मोर्चा की गतिविधियों को नई दिशा देने और महिला कार्यकर्ताओं में नया उत्साह पैदा करने के लिए भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन का यह दौरा अहम होगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा महिला मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर वानती श्रीनिवासन की नियुक्ति भी हाल ही में हुई है।

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