अनमोल रत्न सिद्धू बने पंजाब के एडवोकेट जनरल, अपना वेतन दान करने की घोषणा की

अपना वेतन नशा पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास पर करेंगे खर्च, अमृतसर के गांव मकबूलपुरा से होगी इस नेक कार्य की शुरूआत

CHANDIGARH, 19 MARCH: कानूनी क्षेत्र में एक नामवर शख़सियत के तौर पर जाने जाते अनमोल रत्न सिंह सिद्धू ने आज पंजाब के एडवोकेट जनरल के तौर पर अपना पद संभाल लिया है। नशे के विरुद्ध जंग में अपना बनता योगदान डालते हुये आज पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न सिंह सिद्धू ने अपना वेतन नशा पीड़ित लोगों के इलाज और पुनर्वास के लिए दान करने का वायदा किया।

एडवोकेट  जनरल ने बताया कि वह इस नेक कार्य की शुरूआत अमृतसर (पूर्वी) के विधायक जीवन जोत कौर के नेतृत्व में गांव मकबूलपुरा से करेंगे। बताने योग्य है कि एडवोकेट अनमोल रत्न सिद्धू का जन्म 1 मई, 1958 को एक किसान परिवार में हुआ था। गाँव के स्कूल से अपनी प्राइमरी शिक्षा प्राप्त करने उपरांत ज़िंदगी में अपनी अलग पहचान बनाने के दृढ़ इरादे से सिद्धू वर्ष 1975 में चंडीगढ़ चले गए और सरकारी कॉलेज सैक्टर-11, चंडीगढ़ से उच्च शिक्षा प्राप्त की। राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और यहीं से ही एल.एल.एम. और पी.एच.डी. (कानून) की डिग्री भी की।

वह कॉलेज के शुरूआती दिनों के दौरान सामाजिक-राजनैतिक विद्यार्थी के तौर पर विचरते रहे। श्री सिद्धू 1978-79 में सरकारी कॉलेज सैक्टर 11, चंडीगढ़ की विद्यार्थी यूनियन के प्रधान और साल 1981-82 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की विद्यार्थी कौंसिल के प्रधान भी रहे। इसके बाद, वह 1990 से लगातार (12 साल) के लिए सैनेट और सिंडिकेट के निर्वाचित मैंबर के तौर पर सेवाएं निभाई और 2003-04 में डीन फेकल्टी ऑफ लॉ के तौर पर भी काम किया। 1985 में कानूनी पेशे की शुरूआत करते हुये सिद्धू 1993 में डिप्टी ऐडवोकेट जनरल, पंजाब के तौर पर नियुक्त हुए और 2005 तक अपनी ड्यूटी बहुत तनदेही से निभाई। उन्होंने अतिरिक्त ऐडवोकेट जनरल (पंजाब और हरियाणा) के पद पर रहते माननीय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में आए कई अति संवेदनशील सरकारी और निजी मामलों को संवैधानिक, फ़ौजदारी, सिविल, सेवा और ज़मीनी मामलों को अपनी कानूनी सूझबूझ से हल किया।

साल 2007 में एक सीनियर वकील के तौर पर वकालत शुरू करने और बाद में साल 2008 से 2014 तक भारत के सहायक सॉलिसीटर जनरल के तौर पर सेवा निभा चुके सिद्धू इसी कार्यकाल के दौरान पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सी.बी.आई. के विशेष सरकारी वकील भी रहे। अपनी मेहनत और सहृदय लगन स्वरूप कानून के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित करने वाले श्री सिद्धू 1997 से लगातार पाँच बार पंजाब और हरियाणा बार कौंसिल के मैंबर भी चुने गए और उन्होंने साल 2001-02 में वकीलों की सर्वोच्च रैगूलेटिंग संस्था के चेयरमैन के तौर पर भी सेवा निभाई। हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते हुए, वह 2018-19 में आठ बार पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट बार ऐसोसिएशन के प्रधान रहे (देश में किसी भी हाई कोर्ट में इतनी बार चुने जाने वाले पहले व्यक्ति हैं)। कानूनी क्षेत्र की इस नामवर हस्ती को पंजाब सरकार (राज्य द्वारा सर्वोच्च नागरिक पुरुस्कार) द्वारा अतुल्य समाज सेवा करने के लिए प्रमाण-पत्र के साथ भी सम्मानित किया गया। 

error: Content can\\\'t be selected!!