कोरोना से लड़ने में असम की ब्लैक टी निभा सकती है बड़ी भूमिका, शोध में सामने आई बात

CHANDIGARH: कोरोना से लड़ने में असम की चाय एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। गौरतलब हो मार्च 2021 में ‘टोकलाई टी रिसर्च सेंटर’ की रिपोर्ट बतलाती है कि असम की ब्लैक टी में ऐसे कम्पाउंड पाए जाते हैं जो शरीर में कोरोनावायरस के प्रसार को ब्लॉक कर देते हैं। साथ ही ब्लैक टी इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करती है।

मार्च 2021 में टोकलाई टी रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट

कोरोना वायरस की चपेट में आने से असम के बागानों की चाय हमें बचा सकती है। जी हां, अलग-अलग देशों में अलग-अलग संस्थानों द्वारा किए गए शोध में ये बात साबित हुई है। इसके साथ ही जोरहाट में पहले एशियाई रिसर्च सेंटर टोकलाई में मार्च 2021 में सामने आई रिसर्च भी यह बताती है कि ब्लैक टी कोरोना से जंग लड़ने में एक कारगर हथियार है। सवाल ये भी है कि आखिर असम के बागानों की चाय में ऐसा क्या है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। असम के बागानों की चाय कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर को जरूरी इम्यूनिटी देती है।

टोकलाई टी रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर ए. के. बरुआ बताते हैं कि हमें टेनिन प्रोटीन चाय से भी मिलती है। यह प्रोटीन बाकी किसी भी फसल से हमें नहीं मिल पाती। टेनिन सबसे बेहतर इम्यूनिटी बूस्टर है।

असम की ब्लैक टी में पाए जाते हैं रसायनिक तत्व

टोकलाई रिसर्च सेंटर की हालिया रिपोर्ट के अनुसार ब्लैक टी में ऐसे कम्पाउंड पाए जाते हैं जो कोरोनावायरस के शरीर में प्रसार को ब्लॉक कर देते हैं यानी कोरोनावायरस शरीर में ज्यादा जगह पर फैल नहीं पाता। कोरोना के शुरुआती दौर में इस इंडस्ट्री को काफी घाटा उठाना पड़ा था लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। ऐसे में एशिया के पहले टी रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट असम की चाय की इस बात को साबित कर रही है कि असम की चाय सिर्फ ताजगी नहीं देती बल्कि ताकत भी देती है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मदद करती है ब्लैक टी

यदि एक व्यक्ति दिन में चार से पांच कप ब्लैक टी पीता है तो यह उसके शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मदद करेगा। ब्लैक टी पर की गई हाल ही की रिसर्च से यह बात सामने आती है कि आने वाले समय में यदि इसे और अधिक डेवलप किया जाए तो कोरोनावायरस से लड़ने में ब्लैक टी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। ~(PBNS)

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