जीवन के इस पड़ाव में पंजाब और पंजाबियों के साथ संकुचित राजनीति करने से परहेज करें प्रकाश सिंह बादल: सिंगला

प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाले अकाली दल को पाखंडी और अवसरवादी बताया

CHANDIGARH: शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री पंजाब विजय इंदर सिंगला ने आज किसानी संघर्ष का राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश करने वाले शिरोमणि अकाली दल के नेताओं पर बरसते हुए प्रकाश सिंह बादल के पद्म विभूषण वापस करने के ढंग को अवसरवादी और राजनीति से प्रेरित बताया।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अकाली दल के सरपरस्त नेता प्रकाश सिंह बादल ने देश के प्रतिष्ठित पुरुस्कारों में से एक ‘पद्म विभूषण’ अपनी मर्ज़ी या नैतिकता के आधार पर नहीं बल्कि पंजाब में अपने खोते जा रहे राजनैतिक अस्तित्व को बचाने की मजबूरी में वापस किया है।

उन्होंने कहा कि पहले मोदी सरकार द्वारा पास किये गए खेती बिलों की हिमायत करने वाले बादलों ने अब संघर्ष कर रहे किसानों और लोगों का गुस्सा देखते ही यह पलटी मारी है।तीखे लफ्ज़़ों में ट्वीट करते हुए सिंगला ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने अवसरवादी की हद पार कर दी है जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम में अलग अलग पदों पर आसीन अकाली नेताओं की तरफ से इस्तीफ़ा देना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा कि इतने महीनों बाद पद्म विभूषण वापस करने से कोई फर्क़ नहीं पडऩे वाला क्योंकि आपकी पार्टी का दोगलापन अब जग ज़ाहिर हो चुका है। विजय इंदर सिंगला ने कहा कि इन हानिकारक बिलों को ऑर्डीनैंस के तौर पर पेश करते समय प्रकाश सिंह बादल, उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल, बहु हरसिमरत कौर बादल और अन्य अकाली नेताओं ने न सिफऱ् खुलेआम इन किसान विरोधी बिलों का समर्थन किया था बल्कि उन नेताओं का विरोध भी किया था जो इन बिलों का विरोध कर रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि यह वह समय था जब इन काले बिलों के विरुद्ध उनका (अकाली दल)  विरोध राजनैतिक मोर्चे पर अपेक्षित था परन्तु तब अकाली नेता सत्ता का आनंद लेने में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि अब जब किसानी संघर्ष ने मोदी सरकार को घुटनों पर ला दिया है तो बादल और ढींडसा परिवार मगरमच्छ के आंसुु बहाकर राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल मोदी सरकार के साथ मिला हुआ है, क्योंकि उनके नेता दिल्ली नगर निगम में काऊंसलर के तौर पर राजनैतिक सत्ता का आनंद ले रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जि़ंदगी के इस मोड़ पर प्रकाश सिंह बादल को ‘अन्नदाता’ के साथ संकुचित राजनीति करना बंद कर देना चाहिए और अपनी पार्टी के अन्य नेताओं को ऐसा करने से मना करना चाहिए।सुखदेव सिंह ढींडसा की तरफ से पद्म भूषण वापस करने के मुद्दे पर बोलते हुए सिंगला ने कहा कि हर कोई जानता है कि पंजाब में बीजेपी की बी-टीम तैयार करने के लिए ही ढींडसा परिवार बादलों से अलग हुआ था और अब वह ऐसी राजनैतिक चालों के द्वारा अपने आप को किसान हितैषी और पंजाबी हितैषी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

सिंगला ने कहा कि इन बिलों की खुलकर हिमायत करने वाले बादलों और अकाली दल के अन्य नेताओं के विडीयोज़ और खबरें पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं और राजनैतिक मंच से राजनैतिक स्टंट खेलने की बजाय किसानों की पीठ में छुरा घौंपने के लिए उनको बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

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