हरियाणा के आढ़तियों को बड़ी राहत: डिफॉल्ट राशि पर 40 प्रतिशत और दंडात्मक ब्याज की 100 प्रतिशत माफी की घोषणा

CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 1 अप्रैल 2021 से आरंभ होने वाले रबी खरीद सीजऩ से पूर्व आढ़तियों को बड़ी राहत देते हुए दुकानों की बकाया राशि और ब्याज में छूट प्रदान करने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की अनूठी पहल ‘विवादों का समाधान’ के तहत आढ़तियों को डिफाल्ट राशि पर ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट और दंडात्मक ब्याज शत प्रतिशत माफ करने की घोषणा की। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के तहत अनाज मण्डियों और सब्जी मण्डियों के जो प्लॉटधारक किन्हीं कारणों से समय पर अपनी किस्त का भुगतान नहीं कर पाए, उन के लिए अब हरियाणा सरकार ने डिफाल्ट राशि पर ब्याज में 40 प्रतिशत  और दंडात्मक ब्याज को शत-प्रतिशत माफ करने का निर्णय लिया है, बशर्ते कि प्लॉटधारक 15 जून, 2021 तक पूरी शेष राशि जमा करवा दें। उन्होंने कहा कि इस समय हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के 2421 आबंटी डिफॉल्टर हैं जिनकी तरफ लगभग 1131 करोड़ रूपये की राशि बकाया है। आज की घोषणा के बाद प्लॉटधारकों को 370 करोड़ रुपये (ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट और शत प्रतिशत दंडात्मक ब्याज माफी) का लाभ होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादों का समाधान पहल के तहत हाल ही में प्रदेश सरकार ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) के भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और दंडात्मक ब्याज के भुगतान में बड़ी राहत की घोषणा की थी।      

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्लॉट की लागत और एनहांस्ड कॉस्ट के एकमुश्त भुगतान के लिए एक योजना लाई गई है, जिससे 2250 उद्योगपति लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत 31 मार्च 2021 तक की देनदारियों के लिए ओवरडयू ब्याज पर 25 प्रतिशत की छूट और दंडात्मक ब्याज 100 प्रतिशत माफ किया जाएगा, बशर्ते पूरी शेष राशि का भुगतान 30 जून, 2021 तक एक बार में ही किया जाए। इससे 1500 करोड़ रुपये की बकाया राशि में से 225 करोड़ रुपये के लाभ होने की संभावना है।

एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को अधिक तर्कसंगत व सरल बनाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल, 2021 से एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को और अधिक तर्कसंगत व सरल बनाया जाएगा । एक्सटेंशन फीस को पहले की अपेक्षा कम भी किया गया है।

श्रेणी ए संपदा के लिए चौथे और पाँचवें वर्ष की एक्सटेंशन फीस 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर, श्रेणी बी संपदा के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर और श्रेणी सी संपदा के लिए 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी।

6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सटेंशन फीस के मामले में भी उद्योगपतियों को राहत दी गई है। अब 6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी और प्लाट की अनिवार्य रूप से नीलामी की जाएगी। उन्होंने कहा कि 6 साल के बाद यदि कोई आवंटी परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, तो वह प्लॉट को सरेंडर कर सकता है अथवा एचएसआईआईडीसी के माध्यम से प्लॉट नीलाम करवा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आवंटी अपने प्लॉट को सरेंडर करता है तो प्लॉट की कीमत की 10 प्रतिशत (अरनेस्ट मनी) राशि की कटौती करके, शेष 90 प्रतिशत राशि में से जितनी राशि का आवंटी ने भुगतान किया है उसका 50 प्रतिशत या 10 प्रतिशत, जो भी कम हो, वह राशि ली जाएगी। कुल मिलाकर आवंटी से अधिकतम 20 प्रतिशत राशि ही ली जाएगी। शेष राशि आवंटी को रिफंड कर दी जाएगी। यदि कोई आवंटी नीलामी के साथ सरेंडर का विकल्प चुनता है तो एचएसआईआईडीसी प्लाट की नीलामी करेगा और अपने शुल्क की कटौती के बाद , बिक्री पर हुआ लाभ आवंटी के साथ समान रूप से विभाजित हो जाएगा।

मनोहर लाल ने कहा कि नीलामी का एक प्रावधान और किया गया है जिसमें यदि 6 साल बाद भी आवंटी परियोजनाओं को पूरा नहीं करता है तो उसे नोटिस देकर प्लॉट को नीलाम किया जाएगा, जिस पर नीलामी के उपरोक्त नियम व शर्तें लागू होंगी।       

ओसी प्रक्रिया का सरलीकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आवंटी ने सभी दस्तावेज आदि आवश्यकताएं पूरा करने के बाद ओ.सी. जारी करने के लिए आवेदन किया है, लेकिन शुल्क बकाया होने के कारण ओसी जारी नहीं किया गया, ऐसे मामलों में निर्णय लिया गया है कि अब यदि ओसी के आवेदन करने की तिथि से 6 महीने के भीतर विभाग इन्सपेक्शन कर लेता है तो ओसी के आवेदन करने से इन्सपेक्शन की तिथि तक ही फीस ली जाएगी। यदि विभाग 6 महीने के बाद इन्सपेक्शन  करता है या इन्सपेक्शन नहीं की जाती है तो उस स्थिति में ओसी के आवेदन करने की तिथि तक ही फीस ली जाएगी। ओसी का यह प्रावधान तब लागू होगा जब आवेदक बकाया राशि का भुगतान कर देगा।

प्रतिष्ठित परियोजनाओं से एग्जिट रूट

मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठित परियोजनाओं में निवेश करने वाले उद्योगपतियों को राहत देते हुए घोषणा की कि एमनेस्टी स्कीम की तिथि 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दी है। यह योजना उन आवंटियों के लिए है, जिन्होंने प्रस्तावित फिक्स्ड  कैपिटल इनवेस्टमेंट का कम से कम 25 प्रतिशत निवेश कर दिया है और वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है तथा विस्तार शुल्क सहित सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया है।

नए प्लॉटधारक को राहत

मनोहर लाल ने कहा कि नए प्लॉटधारक को भी राहत दी गई है। यदि प्लॉटधारक प्लॉट की राशि का भुगतान निलामी से 60 दिनों के भीतर करता है तो प्लॉटधारक को प्लॉट की राशि पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

एचएसआईआईडीसी और एचएफसी के लिए टर्म लोनिंग स्कीम

मुख्यमंत्री ने कहा कि टर्म लोनिंग स्कीम में एचएसआईआईडीसी के डिफ़ॉल्ट मामलों में, जिस तिथि को आवंटी एनपीए हुआ, उस दिन से बकाया राशि (जो मूलधन जमा ब्याज है) पर दंडस्वरूप ब्याज माफ किया गया है। उपरोक्त फॉर्मूला एचएफसी के मामले में 25 लाख रुपये से अधिक के ऋण खातों के मामले में भी लागू होंगे।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में एकमुश्त निपटान राशि का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त छूट भुगतान करने के समय के अनुसार प्रदान की जाएगी।  इसके अनुसार यदि भुगतान 30 दिनों के भीतर किया जाता है, तो 13.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर साधारण ब्याज की गणना करके 3 प्रतिशत ब्याज की छूट मिलेगी। इसी प्रकार यदि  भुगतान 60 दिनों के भीतर किया जाता है, तो 13.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर साधारण ब्याज की गणना करके 2 प्रतिशत ब्याज की छूट मिलेगी। अगर भुगतान 61 से 90 दिनों के भीतर किया जाता है तो तो 13.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर साधारण ब्याज की गणना करके 1 प्रतिशत ब्याज की छूट मिलेगी। यदि भुगतान 90 दिनों के बाद किया जाता है तो कोई छूट नहीं दी जाएगी।  उन्होंने कहा कि यह योजना 30 सितंबर, 2021 तक लागू रहेगी।

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक विनय सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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