श्री दरबार साहिब की सरायों को जीएसटी के घेरे में लाने से सिखों को गहरी ठेस पहुंची: मुख्यमंत्री भगवंत मान

कहा- फैसले को केंद्र सरकार तुरंत वापस ले

CHANDIGARH, 02 JULY: श्री दरबार साहिब, अमृतसर के नज़दीक सरायों को जीएसटी के घेरे में लाने के फ़ैसले को मनमाना और अनुचित कदम बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फ़ैसले को तुरंत वापिस लेने की माँग की है। आज यहां से जारी बयान में मुख्यमंत्री ने हरिमंदिर साहिब के नज़दीक सरायों पर जीएसटी लगाने के फ़ैसले की सख़्त शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि गुरू गोबिन्द सिंह एन. आर. आई. निवास, बाबा दीप सिंह निवास और माता भाग कौर निवास सहित सरायें दरबार साहिब से सम्बन्धित हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन सरायों का मुख्य मनोरथ पवित्र स्थान के दर्शन करने आने वाली संगतों के रहने की व्यवस्था करना है जिस कारण यह सराएं गुरुद्वारा कंपलैक्स का अटूट हिस्सा हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि दशकों से यह सरायें श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने के लिए आने वाली संगतों को कोई लाभ न कमाने के उद्देश्य से अरामदायक आश्रय मुहैया करवाती हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन सरायों के कमरों को जी. एस. टी. के घेरे में लाने से दुनिया भर से हरिमंदिर साहिब के दर्शनों के लिए आने वाली संगतों को अब महंगे भाव पर कमरे लेने पड़ेंगे। भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि श्री दरबार साहिब कंपलैक्स में सरायें ग़ैर-व्यापारिक संस्थाएं हैं और इनका निर्माण पवित्र नगरी में रोज़मर्रा के आने वाली हज़ारों संगतों की सुविधा के लिए किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने दुख ज़ाहिर करते हुये कहा कि भारत सरकार का यह निराधार फ़ैसला बिना किसी देरी से वापस लिया जाये। भगवंत मान ने कहा कि एन. डी. ए. सरकार ने इससे पहले भी लंगर पर जी. एस. टी. लगाने का फ़ैसला लिया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अब फिर सरायों पर जी. एस. टी. लगाने का कदम उठा कर श्री दरबार साहिब में माथा टेकने आने वाली समूह संगतों ख़ास कर सिखों के हृदयों को गहरी ठेस पहुंचायी है।

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