पंजाब में 10 विभागों के पुनर्गठन को कैबिनेट की हरी झंडी, 50,000 पद भरने की प्रक्रिया शुरू

लम्बे समय से खाली पड़े मौजूदा गैर-जरूरी पदों की जगह सृजित किए जाएंगे नए पद

CHANDIGARH: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा किये वायदे के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान 50,000 सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए पंजाब मंत्रीमंडल ने बुधवार को 10 विभागों के पुनर्गठन को मंज़ूरी दे दी है, जिससे इन विभागों में कार्यकुशलता बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई कैबिनेट की बैठक में मौजूदा ग़ैर-ज़रूरी पद, जिनमें से बहुत से पद लम्बे समय से खाली पड़े हैं, की जगह पर नए और तर्कसंगत पद सृजन करने का फ़ैसला किया गया। यह सरकारी विभागों के आधुनिकीकरण की तरफ बड़ा कदम है, जिससे विभागों को मौजूदा समय की कार्य करने की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय की चुनौतियों के मद्देनजऱ विभिन्न विभागों में सेवाएं प्रदान करने की सामर्थ्य में और वृद्धि के लिए और स्टाफ भर्ती करने, जिसकी ज़रूरत थी, और मौजूदा ग़ैर-ज़रूरी पद ख़त्म करने का फ़ैसला किया है। मंत्रीमंडल ने मुख्यमंत्री को विभागों के पुनर्गठन के बाद प्रस्तावित भर्ती के लिए जहाँ ज़रूरत हो नियमों में संशोधन करने का अधिकार दे दिया है।

जि़क्रयोग्य है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रीमंडल ने सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और एजेंसियों में पद भरने के लिए 14 अक्तूबर को ‘प्रांतीय रोजग़ार योजना 2020-22’ को मज़ूरी दी थी, जिससे उनकी सरकार के बाकी बचे कार्यकाल के दौरान नौजवानों को एक लाख सरकारी नौकरियाँ देने सम्बन्धी मुख्यमंत्री का वायदा पूरा किया जा सके। इस पुनर्गठन की प्रक्रिया के साथ खाली पदों को ख़त्म कर दिया जायेगा।

मंत्रीमंडल के फ़ैसले के बाद पुनर्गठन किये जाने वाले 10 विभागों में श्रम, तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण, लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर), पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास, पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामला, स्थानीय सरकार, प्रिंटिंग और स्टेशनरी, खेल और युवक सेवा, रक्षा सेवा कल्याण और सहकारिता विभाग शामिल हैं। इस पुनर्गठन की प्रक्रिया के दौरान इन विभागों में तकरीबन 2375 पद ख़त्म/सरेंडर हो जाएंगे और पहले दौर में 785 पदों का सृजन किया जाएगा।

यह खुलासा करते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य में ज़रूरत के अनुसार और पदों की सृजना की जायेगी। श्रम विभाग में 204 खाली/ग़ैर-तर्कसंगत पुराने पदों के विरुद्ध अलग-अलग काडरों, जिसमें आई.टी., अकाऊंट्स, लेबर इंस्पेक्टर और कानूनी काडर शामिल हैं, में 68 नए पद सृजन किए जाएंगे। मंत्रीमंडल द्वारा ग्रुप-डी के सभी पदों को ख़त्म हो रहे काडर के तौर पर विचारने का फ़ैसला किया गया।

तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग में 271 ग़ैर-ज़रूरी या खाली पोस्टों के विरुद्ध 84 नए पदों का सृजन किया जाएगा। इसके साथ ही सर्विस प्रोवाईडर ट्रेनरों के 81 पदों को वही स्केल पर ग्रुप इंस्ट्रक्टरों के तौर पर फिर नामांकित किया जायेगा। इनमें से 53 पदों को सहायक अप्रैंटिसशिप ऐडवाईजऱ (जूनियर) और बाकी को ग्रुप इंस्ट्रक्टरों के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा और ग्रुप-डी की लम्बे समय से खाली पड़े पद आऊटसोर्सिंग के द्वारा भरे जाएंगे। पी.डब्ल्यू.डी. (बी एंड आर) विभाग के पुनर्गठन सम्बन्धी प्रस्ताव को दी गई मंज़ूरी के अंतर्गत क्रिटीकल डिज़ाइन सैल का नेतृत्व अब चीफ़ इंजीनियर द्वारा किया जायेगा, जिसके सुपरीडैंटिंग इंजीनियर (डी.आर.डी.), 4 ऐक्सियन और 12 एसडीई सहयोगी होंगे।

यह डिज़ाइन सैल आधुनिक तकनीक और प्रौद्यौगिकी के साथ बनाईं जाने वाली इमारतों, पुलों और सडक़ों की डिजाइनिंग के लिए जि़म्मेदार होगा। इसके अलावा क्वालिटी कंट्रोल की मौजूदा प्रणाली को डिप्टी डायरैक्टर रिर्सच लैब, पटियाला के अधीन तीन क्षेत्रीय लैबों में विस्तार करके अपग्रेड किया जायेगा। क्वालिटी ऐशोरैंस मकैनिज़म सैल में चीफ़ इंजीनियर (क्यू.ए.-कम-सी.वी.ओ.), एस.ई. (क्यू.ए.-कम-एस.वी.ओ.), 5 ऐक्सियन-कम-वी.ओ., डिप्टी डायरैक्टर रिर्सच लैब और 10 एस.डी.ई. शामिल होंगे।

इसके अलावा काम के बढ़ रहे बोझ के कारण अमला शाखा से संबंधित मामलों से निपटने के लिए अब एक चीफ़ इंजीनियर की जगह पर दो डिप्टी डायरैक्टर (प्रशासन) द्वारा चीफ़ इंजीनियर की सहायता की जाया करेगी। नया बनाया गया लीगल सैल बढ़ रहे कानूनी मामलों से निपटेगा, जिसके लिए सीनियर लॉ अफ़सर, लॉ सुपरीटेंडैंट, लॉ अफ़सर, सीनियर असिस्टेंट लॉ और लॉ क्लर्क के पदों को मंज़ूरी दी गई है। इसी तरह आई.टी. पेशेवरों के 35 पदों को भी मंज़ूरी दी गई और हरेक पेशेवर को लोक निर्माण विभाग (भवन और मार्ग) में सूचना तकनीक से संबंधित अजिऱ्यों को सहयोग और अमलीकरण के लिए कार्य और उद्देश्य सौंपा गया है।

पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास विभाग के पुनर्गठन के अंतर्गत मौजूदा 625 पदों में से कुछ ग़ैर-ज़रूरी पदों को ख़त्म करके 326 पदों की सृजना की गई है, जिससे बड़ी संख्या में पद भरने में मदद मिलेगी। इनमें 264 पद पशु पालन विभाग, 19 मछली पालन विभाग और 43 डेयरी विकास विभाग में सृजन किए जाएंगे। इसके अलावा गुप-डी के सभी पदों को भी ख़त्म माना जायेगा। पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, पुरातत्व, अजायब घर और पुरालेख विभाग की पुनर्गठन योजना के अंतर्गत 53 पद, जिनमें से ज्य़ादातर खाली हैं, की जगह पर भी नए पदों की सृजना की जाएगी।

इसी तरह 87 खाली पद, जिनमें ग्रुप-डी के 67 पद हैं, को आऊटसोर्सिंग के द्वारा भरा जायेगा। स्थानीय सरकार संबंधी विभाग की पुनर्गठन की रणनीति के अंतर्गत पहले 49 पदों के विरुद्ध 23 पदों की सृजना करने के लिए हरी झंडी दे दी है। कैबिनेट ने प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग में पुनर्गठन के अंतर्गत 30 पद भरने के अलावा चार नए पदों की भी सृजना करने की मंज़ूरी दे दी है।

विभाग में पुनर्गठन की ज़रूरत इस कारण पड़ी क्योंकि पटियाला और मोहाली स्थित सरकारी प्रैस पत्रों, प्रैस प्रिंटिंग की तकनीक पुरानी हो गई और पटियाला के गवर्नमैंट टाइपराइटर वर्कशॉप और गवर्नमैंट टिकट प्रिंटिंग प्रैस पटियाला ख़त्म हो गए हैं। खेल और युवक मामलों संबंधी विभाग के पुनर्गठन के अंतर्गत मंत्रीमंडल ने राज्य में खिलाडिय़ों के प्रशिक्षण में सुधार लाने के लिए प्रशिक्षकों की अहमीयत को मद्देनजऱ रखते हुए ग़ैर-ज़रूरी 69 पदों की जगह पर ज़रूरत के मुताबिक 42 नए पदों में बदलने की मंज़ूरी दे दी है।

विभाग में लंबे समय से खाली पड़े ग्रुप-डी के पदों को आऊटसोर्सिंग के द्वारा भरा जायेगा। मंत्रीमंडल ने रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग में सेवाएं मुहैया करवाने और कुशलता में सुधार लाने के मंतव्य के अंतर्गत लाई गई पुनर्गठन योजना के द्वारा 49 पद ख़त्म करके 23 पद सृजन करने की मंज़ूरी दे दी है। सहकारिता विभाग के पुनर्गठन प्रस्ताव के अंतर्गत मंत्रीमंडल ने 93 पद बढ़ाने की मंज़ूरी दे दी, जिनमें दो ऑडिट अफ़सर, 75 सीनियर ऑडीटर्ज़, छह सुपरीटेंडैंट ग्रेड-2 और 10 सीनियर सहायक शामिल हैं, जिससे लेखा -पड़ताल के कामकाज में तेज़ी आयेगी, जबकि इंस्पेक्टर ऑडिट की कुल प्रवानित 774 पदों के विरुद्ध 120 पद घटाने के साथ-साथ चालकों के तीन पदों के विरुद्ध एक पद भी घटा दिया गया है।

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