हरियाणा में अग्निवीर की तैयारियों के लिए दी जाएगी कोचिंग

11वीं में दाखिले के समय विद्यार्थियों से लिया जाएगा विकल्पः मुख्यमंत्री

CHANDIGARH, 29 JULY: केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत थल सेना, नौसेना व वायुसेना में अग्निवीर के रूप में सेवाएं देने वाले युवाओं को हरियाणा सरकार इसकी तैयारियों के लिए कोचिंग का प्रंबध करेगी। विद्यार्थियों से 11वीं के दाखिले के समय विकल्प लिया जाएगा। आरंभ में प्रदेश के 200 स्कूलों में 50-50 के बैच में इसकी शुरूआत की जाएगी।

यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल व वायुसेना ट्रेनिंग कमांड, मुख्यालय बेंगलुरू के एयर ऑफिसर- कमांडिंग- इन चीफ एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह के साथ अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के संबंध में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि शारीरिक व शैक्षणिक अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम होंगे। शारीरिक प्रशिक्षण के लिए जिला सैनिक बोर्ड तथा इच्छुक भूतपूर्व सैनिक, जो अपनी सेवाकाल के दौरान सेना की ट्रेनिंग संस्थान व भर्ती कार्यालयों में रहे हैं, को वरीयता दी जाएगी। शैक्षणिक पाठ्यक्रम के लिए स्कूल के अध्यापकों की सेवाएं ली जाएंगी। आरंभ में प्रशिक्षण कार्यक्रम सप्ताह के अंत में और बाद में गर्मी की छुट्टियों के दौरान एक महीने चलाया जाएगा।

आईटीआई व बहु-तकनीकी संस्थानों में भी दी जाएगी कोचिंग

हरियाणा सरकार की 1.80 लाख वार्षिक आय वाले परिवारों को दी जाने वाली सरकारी योजनाओं के लाभ की तर्ज पर ऐसे परिवारों के बच्चों को भी अग्निवीर कोचिंग की सुविधा निशुल्क होगी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार किया जाएगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान व बहु-तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए भी कोचिंग सुविधा उपलब्ध होगी।

तीसरा सैनिक स्कूल हरियाणा में लाने का प्रयास

बैठक में मुख्यमंत्री ने एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह को जानकारी दी कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने पूरे देश में 10 नये सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की है। हरियाणा में कुंजपुरा व रेवाड़ी में 2 सैनिक स्कूल पहले से ही संचालित हैं। हमारा प्रयास है कि 10 नये सैनिक स्कूलों में से 1 सैनिक स्कूल हरियाणा को मिले। हमारे पास इस स्कूल के लिए झज्जर जिले के मातनहेल में पहले से ही जमीन उपलब्ध है।

आरंभ में 48000 अग्निवीर भर्ती करने की योजना

बैठक में एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री को अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10वीं पास युवाओं की अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी) तथा 12वीं पास युवाओं की अग्निवीर (टेक्निकल) के रूप में भर्ती होगी। इस वर्ष आयु सीमा 17 से 23 वर्ष है और अगले वर्ष से अग्निपथ योजना के नियमों अनुसार 17 से 21 वर्ष होगी। अग्निवीर के रूप में सेवा करने उपरांत अग्निवीरों को सेना की ओर से कौशल योग्यता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जिसके आधार पर वह सिविल में भी नौकरी पा सकता है। थल सेना, नौसेना, वायुसेना सभी की भर्ती प्रक्रिया की शर्तें पूर्व-निर्धारित शर्तों के अनुरूप ही रहेंगी। नौसेना और वायुसेना में 12वीं (विज्ञान विषयों के साथ) तथा सेना के लिए 10वीं और 12वीं (कला विषय) के साथ रहेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस बात से भी अवगत कराया कि सेना में 42 हजार अग्निवीर, जबकि नौसेना और वायुसेना के लिए 3-3 हजार अग्निवीर भर्ती करने की योजना है। एनसीसी ए, बी व सी प्रमाण पत्र प्राप्त युवाओं को अलग से अंक दिए जाएंगे। एनसीसी के आरडी परेड वाले कैडेट्स को भी वरीयता मिलेगी। उतराखंड राज्य में अग्निवीर प्रशिक्षण कोचिंग की योजना तैयार की है। कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। कोचिंग का मुख्य उद्देश्य क्रैश कोर्स के माध्यम से युवाओं को सैनिक जीवन के बारे में जागरूक करना भी है। कश्मीर के युवाओं को सामुदायिक सद्भावना के  तहत सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में सेना व वायुसेना के बेस हैं वहां से भी कोचिंग कार्यक्रम चलाये जा सकते हैं। कोचिंग के कार्यक्रम प्री-रिक्रूटमेंट्स ट्रेनिंग की तरह होंगे। अग्निवीर कोचिंग लेने के बाद विद्यार्थी आगे सेना में भर्ती होने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार होगें।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, स्कूल शिक्षा विभाग अतिरिक्त मुख्य  सचिव डा. महावीर सिंह, उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य  सचिव आनंद मोहन शरण, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक डा. अजीत बालाजी जोशी, महानिदेशक तकनीकी शिक्षा डा. राजीव रतन तथा एनसीसी मुख्यालय, चण्डीगढ़ के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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