चुनाव आयोग 1 अगस्त से मौजूदा मतदाताओं के आधार नंबर इकठ्ठा करने का कार्यक्रम शुरू करेगा

आयोग ने अब मतदाता प्रामाणिकता के लिए आधार व11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों की व्यवस्था की
आधार विवरण केवल मतदाताओं की पहचान और मतदाता सूची में एंट्रियों की प्रामाणिकता करने के लिए हैं, यह गुप्त रहेंगे: डॉ. राजू

CHANDIGARH, 15 JULY: भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.) द्वारा एक नया फॉर्म-बी, जो 1 अगस्त, 2022 से लागू होगा, पेश करके मतदाताओं को अपने आधार कार्ड के विवरण देने के लिए कई विकल्प दिए हैं।  17 जून, 2022 की नोटिफिकेशन के अनुसार वह व्यक्ति जिसका नाम मतदाता सूची में शामिल है, वह 1 अप्रैल, 2023 या इससे पहले अपना आधार नंबर दे सकता है। इसलिए आयोग ने मौजूदा मतदाताओं के आधार नंबर के विवरण समयबद्ध ढंग से इकठ्ठा करने का एक कार्यक्रम शुरू करने का फ़ैसला किया है।  

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सी.ई.ओ.) पंजाब डॉ. एस. करुणा राजू ने बताया कि मौजूदा मतदाताओं से आधार नंबर के विवरण इकट्ठा करने का मकसद मतदाता सूची में दर्ज एंट्रियों की पुष्टि करने के साथ-साथ एक ही व्यक्ति द्वारा एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में या एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार अपना नाम देने वाले मतदाताओं की पहचान करना है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मतदाताओं द्वारा आधार नंबर देना स्वैच्छिक है और यदि मतदाता के पास आधार नंबर नहीं है, तो वह फॉर्म बी में दिखाए गए 11 वैकल्पिक दस्तावेज़ों में से किसी भी दस्तावेज़ की एक कॉपी जमा करवा सकता है।  

यदि मौजूदा मतदाता आधार विवरणों को पेश नहीं कर पाता तो ई.आर.ओ. मतदाता सूची में कोई भी प्रविष्टि नहीं हटाएगा और आधार जमा ना करने की सूरत में किसी भी नए मतदाता को प्रविष्टि करने से इन्कार नहीं करेगा।  आधार नंबरों के विवरण एकत्रित करने सम्बन्धी 1 अगस्त, 2022 को शुरू किए जाने वाले कार्यक्रम के बारे में और विवरण देते हुए सी.ई.ओ. ने कहा कि ई.आर.ओज द्वारा राज्य के सभी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ स्तर पर विशेष कैंप लगाए जाएंगे। पहला कैंप 4 सितम्बर, 2022 को राज्य के सभी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में लगाया जाएगा। इसके अलावा डी.ई.ओज आधार विवरणों को एकत्रित करने के लिए और विभिन्न कैंपों का आयोजन करेंगे। 

इसके अलावा डॉ. राजू ने कहा कि वोटर इलैकटर-फेसिंग पोर्टल/ऐप्स और 6बी फॉर्म ऑनलाइन भर कर अपने आप को प्रमाणित कर सकते हैं और अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त हुए ओटीपी का प्रयोग करके आधार को प्रमाणित कर सकते हैं या यदि ओटीपी-आधारित प्रामाणिकता में किसी तरह की समस्या आ रही हो तो वह ज़रुरी अटैचमैंटों के साथ फॉर्म 6बी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।  

उन्होंने कहा कि ई.आर.ओज द्वारा फॉर्म 6बी में मतदाताओं से घर-घर जाकर स्वैच्छा से आधार नंबर एकत्रित करने के लिए बी.एल.ओज को भी तैनात किया जाएगा, इसके अलावा मतदाता सूची में विशेष संशोधन करने के दौरान विशेष मुहिम की तारीख़ों के साथ मेल खाती तारीख़ों पर कलस्टर स्तर पर विशेष कैंप लगाए जाएंगे, जहाँ मतदाताओं को फॉर्म 6बी में स्वैच्छा से उनके आधार नंबर देने के लिए कहा जाएगा। फॉर्म 6बी की सभी ऑफलाईन सबमिशनों को फॉर्म प्राप्त होने के 7 दिनों के अंदर जीएआरयूडीए का प्रयोग करते हुए बीएलओ द्वारा या ईआरओएनईटी का प्रयोग करते हुए ईआरओ द्वारा डिजीटाईज़ किया जाएगा। आधार नंबरों की गोपनीयता पर डॉ. राजू ने कहा कि उनको ईसीआई की सख़्त हिदायतें हैं कि किसी भी स्थिति में आधार नंबर सार्वजनिक ना किए जाए और मतदाता की जानकारी सार्वजनिक करने से पहले आधार के विवरण हटा दिए जाएँ। इसी तरह हार्ड कॉपी में आधार विवरणों को इकठ्ठा करते समय आधार विवरणों को गुप्त रखा जाएगा और ईआरओएनईटी में स्टोर नहीं किया जाएगा। जि़क्रयोग्य है कि सभी डीईओज़ और ईआरओज़ को पहले ही आधार विवरणों को एकत्र करने सम्बन्धी सभी हिदायतों की सही पालना करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।  

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