चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ली, भाजपा ने फैसले का किया स्वागत, पढ़िए प्रशासन से क्या हुआ लिखित समझौता

BJP ने कांग्रेस व आम आदमी पार्टी पर दोहरी नीति अपनाने का लगाया आरोप

CHANDIGARH, 23 FEBRUARY: चंडीगढ़ में सोमवार को आधी रात के बाद से शुरू हुई बिजली कर्मचारियों की हड़ताल आज यानी बुधवार की शाम को खत्म हो गई। हालांकि कर्मचारियों ने वीरवार तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया था लेकिन शहर में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो जाने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इस हड़ताल का स्वतः संज्ञान लेने से हरकत में आए चंडीगढ़ प्रशासन ने कर्मचारी नेताओं से बातचीत हर हाल में सिरे चढ़ाने के गंभीर प्रयास किए तो आज शाम कर्मचारियों व प्रशासन के बीच समझौता हो गया। बता दें कि बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ में बिजली विभाग का निजीकरण करने का कड़ा विरोध कर रहे हैं। हड़ताल वापसी के बाद शहर में बिजली आपूर्ति चालू करने का काम तेज कर दिया गया है। रात 10 बजे तक बिजली व्यवस्था पूरी तरह बहाल कर दिए जाने की बात कही गई है।

इधर भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ ने बिजली कर्मचारी द्वारा गत दिवस से जारी हड़ताल को वापस लिए जाने के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही साथ कांग्रेस व आम आदमी पार्टी पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। जानकारी देते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन के अनुसार भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामवीर व चंद्रशेखर ने कहा है कि लोगों की परेशानी को समझते हुए बिजली कर्मचारियों द्वारा शहर में बिजली व्यवस्था को रिस्टोर करने व अपनी हड़ताल वापस लिए जाने के फैसले का स्वागत करते हैं। इन कर्मचारियों द्वारा जनहित में लिया गया यह सराहनीय फैसला है ।

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि पार्टी अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में इन कर्मचारियों को गुमराह कर रही है और इन्हीं की शह पर शहर में बिजली सप्लाई की व्यवस्था गड़बड़ाई थी।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार ने खुद माना है कि इस हड़ताल में राजनीतिक दखलंदाजी भी शामिल थी। इसके लिए कांग्रेस औऱ आम आदमी पार्टी को शहर वासियों से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस चंडीगढ़ में किस मुंह से बिजली निजीकरण का विरोध कर रही है, जबकि कांग्रेस शासित प्रदेश महाराष्ट्र में निजीकरण किया जा चुका है। इसी प्रकार आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा भी दिल्ली में बिजली का निजीकरण किया गया है।

उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों को जनता की परेशानी से कुछ लेना-देना नहीं है, केवल अपनी राजनीति चमकाना चाहती हैं, जबकि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने लोगों की परेशानी को देखते हुए शहर की बिजली व्यवस्था रेगुलर करने का फैसला लिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि भाजपा हमेशा लोगों की सुविधाओं के लिए कृत संकल्प है। साथ ही साथ कर्मचारियों के हितों का भी पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा, किसी प्रकार की धक्केशाही कर्मचारियों अथवा कंज्यूमर के साथ नहीं होने दी जाएगी।

चंडीगढ़ प्रशासन और बिजली कर्मचारियों के बीच ये हुआ लिखित समझौता
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