पंजाब की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाएगा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग

पंजाब खाद्य प्रसंस्करण विकास समिति के सदस्यों के साथ पहली मीटिंग

CHANDIGARH: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पंजाब की आर्थिकता को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाएगा। उक्त प्रगटावा आज यहाँ पंजाब के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने पंजाब खाद्य प्रसंस्करण विकास समिति के सदस्यों के साथ पहली मीटिंग को संबोधन करते हुए किया।

सोनी ने कहा कि पंजाब का किसान फ़सलीय विभिन्नता की ओर तब और ज़्यादा उत्साहित होगा जब उसको यह भरोसा होगा कि उसके द्वारा उगाई गई फ़सल को वाजिब मूल्य पर खऱीद लिया जाएगा। 

सोनी ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को और मज़बूत करने के लिए काम करने पर विशेष ध्यान देने के आदेश दिए गए हैं, जिससे किसानों की आमदन को बढ़ाने के साथ-साथ राज्य की आर्थिकता को भी बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ही किसानों के लिए सबसे अधिक लाभदायक क्षेत्र साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस मकसद को पाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा एक ऐडवायजऱी कमेटी का गठन किया गया है, जिससे किसानों को गेहूँ-धान के फ़सलीय चक्र में से निकाल कर लाभप्रद खेती के साथ जोड़ा जा सके। 

इस मौके पर बोलते हुए पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज़ कोर्पोरेशन के चेयरमैन जोगिन्दर सिंह मान ने कहा कि जो खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा पूरे राज्य में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम के अंतर्गत सर्वे करवाया गया है, वह बहुत ही सराहनीय कार्य है।

उन्होंने इस मौके पर शाहकोट एरीए में खरबुज़े की फ़सल को और लाभप्रद बनाने की दिशा में काम करने के लिए भी कहा। मीटिंग को संबोधन करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवाड़ी ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा बड़े स्तर पर कोशिश की जा रही है कि किसानों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बढिय़ा तालमेल स्थापित करवाया जाए, जिससे किसानों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि हम पंजाब की किसानी को प्रफुल्लित करने के साथ-साथ राज्य की मिट्टी, पानी, हवा का भी ध्यान रखना है।

डायरैक्टर फूड प्रासैसिंग मनजीत सिंह बराड़ ने इस मौके पर कमेटी मैंबर साहिबान को सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के लिए चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों संबंधी जानकारी दी और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम संबंधी विस्तारपूर्वक अवगत करवाया गया।

इस मौके पर कमेटी मैंबर भवदीप सरदाना द्वारा सुझाव दिए गए कि राज्य के जितने भी ब्रांड हैं, उनके लिए एक आई.एस.आई. जैसा मार्का स्थापित किया जाए, जो कि उत्पाद की गुणवत्ता की भरोसे योग्यता के साथ-साथ पंजाब का उत्पाद होने सम्बन्धी पहचान करवाता हो।

लैंड बैंक संबंधी अधिक से अधिक प्रचार की माँग करते हुए कमेटी मैंबर ने कहा कि हर तरह के उद्योग को पानी की बहुत ज़रूरत होती है, इसलिए उद्योगों में पानी के प्रयोग सम्बन्धी नीति को जल्द से जल्द तैयार किया जाना चाहिए।

इसके अलावा एक पंजाब राज्य की गुणवत्ता नियंत्रण संस्था बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया गया, जो कि पंजाब राज्य में तैयार होने वाले खाद्य प्रसंस्करण अधीन आने वाले हर तरह के उत्पादों की गुणवत्ता को तस्दीक करती हो। कमेटी मैंबर डॉ. ए.आर. शर्मा ने कहा कि आज की तारीख़ में कोविड के कारण प्रोसैस्ड फूड की माँग बहुत बढ़ी है, इसको देखते हुए हमें इस क्षेत्र में निवेश को और प्रोत्साहित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य को खाने वाले तेल बीज फसलों की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए जो कि बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा, क्योंकि इस समय देश में सबसे ज़्यादा यदि कोई खाने वाली चीज़ विदेश से आयात की जा रही है तो वह खाने वाला तेल है।

उन्होंने कहा कि हमें इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए। कमेटी मैंबर अजय कुमार ने कहा कि उद्योगों को इनसैंटिव नहीं मिल रहे और सरकार को इस दिशा में और ध्यान देने की ज़रूरत है। कमेटी मैंबर नरिन्दर गोयल ने कहा कि किसान फ़सलीय विभिन्नता तभी अपनाएँगे जब उनको इस बात का भरोसा होगा कि सरकार द्वारा इनसैंटिव लाजि़मी तौर पर मिलेगा।

विजय गर्ग ने माँग की कि जिन जि़लों में फूड पार्क या फोकल प्वाइंट नहीं हैं तो वहाँ छोटे फूड पार्क ज़रूर स्थापित किए जाएँ, जिससे निवेश के इछुक्क निवेशकों को ज़मीन मिल सके। कमेटी मैंबर  प्यारा लाल सेठ ने अमृतसर में अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित करने और अमृतसर एयरपोर्ट पर स्थित कोल्ड स्टोर को चलाने की माँग करते हुए कहा कि पंजाब राज्य में गुजरात की तजऱ् पर कोऑपरेटिव सोसाइटियों को मज़बूत किया जाए, जिससे छोटे-छोटे उद्योग एकजुट होकर तरक्की कर सकें।

समिति के सदस्यों के विचारों के साथ सहमत होते हुए सोनी ने कहा कि दिए गए सुझावों को लागू करवाने के लिए जल्द ही वह मुख्यमंत्री जी के साथ मीटिंग करेंगे। मीटिंग में डायरैक्टर व्यय अभिनव तरीखा और कृषि विभाग, इनवैस्ट पंजाब, उद्योग विभाग, पशु पालन के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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