पीजीआई के पूर्व डायरेक्टर पद्मश्री प्रोफेसर जगत राम चंडीगढ़ में ही जारी रखेंगे अपनी सेवाएं

CHANDIGARH: कोविड के दौरान उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले पीजीआई के पूर्व डायरेक्टर व पद्मश्री नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जगत राम सेक्टर 9 चंडीगढ़ के ग्रेवाल आई इंस्टीट्यूट में रोजाना अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। गौरतलब है कि प्रो. जगत राम पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ऐंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक हैं। आंखों के डॉक्टर जगत राम ने लगभग 42 वर्ष लंबे अपने करियर में एक लाख से ज्यादा आंखों के ऑपरेशन किए हैं। इसमें से 10 हजार से ज्यादा बच्चे शामिल हैं। उन्होंने मोतियाबंद ऑपरेशन की पुरानी तकनीक की जगह, नई, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक विकसित की। साल 2017 से  2021 तक वह पीजीआई के डायरेक्टर रहे हैं। वह 45 किताबें भी लिख चुके हैं।प्रो. जगतराम नेतृत्व में पीजीआइ को लगातार चार साल से बेस्ट मेडिकल कॉलेज का अवार्ड मिला। पीजीआइ निदेशक की कमान संभालते हुए उन्होंने उत्तर भारत में मरीजों को बेहतर और नई तकनीकी के जरिए इलाज पहुंचाने के अलावा रोज नए शोध कर मेडिकल साइंस की दुनिया में इतिहास रच रहा है। पीजीआइ के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जगतराम को मेडिकल साइंस में उनके योगदान के लिए 2019 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1985 में पीजीआइ में ज्वाइनिग की थी और 2017 में वहीं के निदेशक बने। वह अक्टूबर 2018 से एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य रहे। पीजीआइ के डायरेक्टर जगतराम ने 1978 में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद जून 1982 में पीजीआइ चंडीगढ़ से नेत्र विज्ञान में एमएस किया। बाद में उन्हें स्टॉर्म आई इंस्टीट्यूट यूएसए में उन्नत फेकमूल्सीफिकेशन के क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ फैलोशिप से सम्मानित किया गया। प्रो. जगतराम के जीवन की ये हैं अहम उपलब्धियां

पीजीआइ चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक प्रो. जगतराम को ऑल इंडिया कॉलेजियम ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी (एफएआइसीओ) पुरस्कार के फैलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है। 1998 में उन्हें बाल चिकित्सा मोतियाबिद सर्जरी में एक और फैलोशिप से सम्मानित किया गया था। भारत सरकार ने उन्हें 2003 से 2005 तक एक सलाहकार नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। प्रो. जगतराम ने 1994 में पीजीआइ में एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिद सर्जरी की पुरानी तकनीक की जगह फेकमूल्सीफिकेशन की तकनीक पेश की। साल दर साल उन्होंने नेत्रहीन रोगियों का ऑपरेशन किया और उनमें दृष्टि बहाल की और पिछले 39 वर्षो में लगभग 90 हजार रोगियों का सफल इलाज किया है। उन्हें अप्रैल 2013 में सैन फ्रांसिस्को यूएसए में आयोजित अमेरिकन सोसायटी मोतियाबिद और अपवर्तक सोसायटी में डबल क्रिस्टलीय लेंस के प्रबंधन पर एक नई सर्जिकल तकनीक के लिए उन्हें अवॉर्ड मिला है। 9 मई 2016 को फिर से एक दुर्लभ सम्मान में उन्हें अमेरिकन सोसायटी के एक सम्मेलन में न्यू ऑरलियंस, यूएसए में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला। प्रो. जगतराम को 2015 में बार्सिलोना में आयोजित बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान और स्ट्रैबिस्मस की विश्व कांग्रेस में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान का ऑस्कर भी मिला।

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