आम बजट 2023-24ः जानिए क्या महंगा होगा और क्या सस्ता, इलेक्ट्रिक गाड़ियों, किसानों व गरीबों के लिए भी बड़ी घोषणाएं

Budget 2023-24 NEW DELHI, 1 FEB: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मोदी सरकार का 9वां बजट पेश किया। आम बजट 2023-24 में उन्होंने कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की है। कई तरह के पुराने शुल्कों को हटाने का भी ऐलान किया गया है। अब सरकार सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को बढ़ाएगी। इसे फिलहाल, 16 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रयोगशालाओं में निर्मित हीरों को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी, जिससे इनकी कीमतों में भी गिरावट आएगी।

ये महंगा होगा
सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया। लिहाजा, सिगरेट की कीमतें बढऩा तय है।
सोना-चांदी और हीरे महंगे होंगे।

ये सस्ता होगा
प्रयोगशालाओं में निर्मित हीरों को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी।
मोबाइल फोन के पुर्जों और कैमरा लेंसों के आयात शुल्क में छूट का प्रावधान। हरित मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए आयात सीमा शुल्क में छूट।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों और लीथियम ऑयन बैटरी को लेकर बजट भाषण में बड़ी घोषणा की। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यह घोषणा की है। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों और लीथियम ऑयन बैटरी के दाम कम करेगी। सरकार की ओर से की गई इस घोषणा का सीधा असर इलेक्ट्रिक वाहनों और लीथियम ऑयन बैटरी को खरीदने वालों की जेब पर होगा। यानी अब इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना सस्ता हो जाएगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में अलग-अलग वर्गों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। गरीब वर्ग के लिए सरकार ने अपनी तिजोरी खोल दी है। सरकार ने मुफ्त राशन की योजना से लेकर जेल में बंद गरीबों की रिहाई तक के बिंदुओं को इस बार बजट में शामिल किया। मुफ्त आवासीय योजना पर भी सरकार ने बजट बढ़ा दिया।

बजट में गरीबों के लिए ये घोषणाएं हुईं

  1. आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ा: बजट में गरीबों के लिए केंद्र सरकार का सबसे बड़ा एलान आवासीय योजना को लेकर हुआ। पिछले साल के मुकाबले सरकार ने इस बार आवासीय योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ोतरी की है। पिछली बार आवासीय योजना के 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके जरिए देशभर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल 80 लाख घरों का निर्माण किया गया। पीआईबी की एक अधिसूचना के अनुसार, तीन जनवरी, 2022 तक कुल 1.14 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 53.42 लाख घरों का निर्माण और वितरण किया जा चुका है। अधिसूचना में कहा गया है कि नई तकनीकों का उपयोग करके 16 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है।
  2. गरीब परिवार को अगले साल तक मुफ्त राशन: केंद्र सरकार ने सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को अगले साल यानी 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
  3. जेल में बंद गरीबों की रिहाई कराएगी सरकार: जेल में बंद गरीबों के मुद्दे को पहली बार केंद्र सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है। इसके अनुसार पैसों की तंगी के चलते जो कैदी जेल से बेल नहीं ले पाते हैं, उनका खर्च सरकार उठाएगी। ऐसे करीब दो लाख कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है लेकिन रिहाई के लिए तय की गई रकम न होने से वह जेल में ही बंद रहते हैं। अब ऐसे गरीबों की मदद के लिए सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया है।

किसानों के लिए घोषणा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के लिए इस बार सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं। सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कई बिंदुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस बजट में सप्तऋषि की तरह सात प्राथमिकताएं हैं। पहली है- समग्र विकास। यह विकास किसान, महिलाएं, ओबीसी, एससी-एसटी, दिव्यांगजन, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को तक पहुंचना चाहिए। वंचितों को वरीयता मिलनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर का भी ध्यान रखा गया है। इसी प्राथमिकता के तहत कृषि के लिए डिजिटल लोक अधोसंरचना का निर्माण होगा। इससे किसानों को खेती की योजना बनाने, बीमा, कर्ज, मार्केट इंटेलिजेंस, स्टार्टअप और कृषि आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी। किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा, ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके। इससे आधुनिक तकनीक को भी बढ़ाया मिल सकेगा। उन्होंने आगे मोटे अनाज को लेकर भी ऐलान किए तथा कहा कि मोटे अनाज जिसे श्रीअन्न भी कहते हैं, इसे भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हम दुनिया में श्रीअन्न के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं। छोटे किसानों ने नागरिकों की सेहत को मजबूत करने के लिए श्रीअन्न उगाया है और बड़ी भूमिका निभाई है। सरकार कपास की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देगी। इससे किसानों, सरकार और उद्योगों को साथ लाने में मदद मिलेगी।

कृषि क्षेत्र के लिए ये घोषणाएं हुईं

  1. 20 लाख क्रेडिट कार्ड: केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए ऋण का दायरा बढ़ा दिया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा।
  2. किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर: किसानों के लिए अब किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।
  3. एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा: केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करवाने पर फोकस किया है। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
  4. मोटे अनाज को बढ़ावा: सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना की शुरुआत की है। इसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा।
  5. बागवानी के लिए: सरकार ने इस बार बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है। इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है।
  6. मछली पालन को भी मिलेगा बढ़ावा: केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है।
  7. सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना: 2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। इनके लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, इसके साथ बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने और अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी।
  8. प्राकृतिक खेती के लिए सरकार द्वारा मदद: सरकार, अगले 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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