हर घर तिरंगा अभियान : ऑनलाइन इस तरह ले सकते हैं हिस्सा

CHANDIGARH, 31 JULY: हर घर तिरंगा अभियान को लेकर देश के आम नागरिकों के अलावा तमाम सरकारी विभाग, मंत्रालय के साथ ही निजी कंपनियां भी तैयारी कर रही है। दरअसल, हाल ही में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा की है। वहीं आज मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत, 13 से 15 अगस्त तक, एक स्पेशल मूवमेंट – ‘हर घर तिरंगा- हर घर तिरंगा’ का आयोजन किया जा रहा है। इस आंदोलन का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक, आप, अपने घर पर तिरंगा जरुर फहराएं, या उसे, अपने घर पर लगायें। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमें जोड़ता है, हमें देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है।

पीएम का सुझाव- तिरंगा को बनाए प्रोफाइल पिक्चर

पीएम मोदी ने आगे सुझाव देते हुए कहा कि 2 अगस्त से 15 अगस्त तक, हम सभी, अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर (Social Media Profile Pictures) में तिरंगा लगा सकते हैं। दरअसल 2 अगस्त का हमारे तिरंगे से एक विशेष संबंध भी है। इसी दिन पिंगली वेंकैया जी की जन्म-जयंती होती है, जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को design किया था। मैं उन्हें, आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में बात करते हुए मैं, महान क्रांतिकारी मदम कामा को भी याद करूंगा। तिरंगे को आकार देने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।

वहीं तिरंगा अभियान के तहत भारत सरकार ने पूरे देश में झंडे की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। देश के सभी डाकघर 1 अगस्त से झंडे बेचना शुरू कर देंगे।

डाकघर से 25 रुपए में खरीद सकते हैं ध्वज

हर घर तिरंगा अभियान में डाक विभाग भी हर घर तिरंगा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। डाक विभाग के वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सभी प्रधान डाकघरों में 1 अगस्त से बिक्री के लिए तिरंगा उपलब्ध रहेगा। जिसे लोग मात्र 25 रुपए में खरीद सकते हैं। इसे अपने घर पर लगाया जा सकता है। शीघ्र ही इसे अन्य डाकघरों में भी बिक्री हेतु उपलब्ध कराया जाएगा।

डाकघर में एक सेल्फी पॉइन्ट

पोस्ट मास्टर जनरल ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत प्रत्येक प्रधान डाकघर में एक सेल्फी पॉइन्ट, राष्ट्र ध्वज एवं स्वतंत्रता संग्राम पर जारी डाक टिकटों तथा विशेष आवरणों के फिलेटली फ्रेम के साथ भी बनाया जाएगा। नागरिकों को इस सेल्फी पॉइन्ट पर सेल्फी लेने के पश्चात हैशटैग के साथ इंडिया पोस्ट और अमृत महोत्सव हैंडल को टैग करते हुए सोशल मीडिया हैंडल पर साझा करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। सोशल मीडिया पर अभियान के साथ-साथ डाक कर्मियों एवं स्थानीय नागरिकों की भागीदारी के साथ प्रभात फेरी का आयोजन भी किया जाएगा।

खादी ग्रामोद्योग से भी खरीद सकते हैं तिरंगा

इसके अलावा, राज्य सरकारों ने झंडे की आपूर्ति और बिक्री के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ करार किया है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को GeM पोर्टल पर भी पंजीकृत किया गया है। भारत सरकार ने ध्वज की आपूर्ति की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइटों और स्वयं सहायता समूहों के साथ भी करार किया है। इसके अलावा खादी ग्रामोद्योग आयोग से तिरंगे झंडे लेने और उन्हें व्यापार संघों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है।

राष्ट्रीय ध्वज के लिए आकार सुनिश्चित

वर्तमान में बाजार में विभिन्न आकार के तिरंगे 10 रुपये से लेकर 150 रुपये तक उपलब्ध हैं। हालांकि, लोगों के लिए राष्ट्रीय ध्वज खरीदना आसान बनाने के लिए, सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय ने 20 “x30”, 16 “x24” और 6×9 के आकार का सुझाव दिया है।

ऑनलाइन भी ले सकते हैं हिस्सा

ऐसे लोग जो किसी कारणवश घर पर तिरंगा नहीं फहरा पा रहे हैं, वो इस अभियान में ऑनलाइन भी जुड़ सकते हैं। संस्कृति मंत्रालय ने एक वेबसाइट https://harghartirang.com/ लॉन्च की है, जहां कोई भी ‘झंडा लगा सकता है’ और अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए ‘फ्लैग के साथ सेल्फी’ भी पोस्ट कर सकता है।

भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन

गृह मंत्रालय ने 30 दिसंबर 2021 को अपने आदेश के तहत भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन किया है। जिसके तहत अब पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज या मशीन से बने झंडे को अनुमति दी गई। यानि अब, भारत का राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुने हुए या मशीन से बने, कपास,पॉलिएस्टर, ऊन, रेशम, खादी बंटिंग से बना होगा। इसके साथ ही भारतीय ध्वज संहिता 2002 को 20 जुलाई, 2022 को संशोधित किया गया, ताकि दिन और रात में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा सके। पहले प्रावधान था कि झंडा केवल सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता था।

इसमें किसी भी समारोह या अवसर के अलावा किसी भी दिन सार्वजनिक, निजी संगठनों या किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का प्रावधान भी शामिल है, बशर्ते वे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान को नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन कर रहे हों।

इसमें किसी भी समारोह या अवसर के बावजूद किसी भी दिन सार्वजनिक, निजी संगठनों या किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का प्रावधान भी शामिल है, बशर्ते वे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान को नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन कर रहे हों।

25 करोड़ घरों में तिरंगा लगाने का अनुमान

केंद्र सरकार ने देशभर में 25 करोड़ घरों पर स्वेच्छा से तिरंगा लगाने का अनुमान है। वर्तमान में बाजार में विभिन्न आकार के तिरंगे 10 रुपये से लेकर 150 रुपये तक उपलब्ध हैं। हालांकि लोगों के लिए राष्ट्रीय ध्वज खरीदना आसान बनाने के लिए, सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय ने 20 “x30”, 16 “x24” और 6×9 के आकार का सुझाव दिया है।

पीएम ने प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगा लगाने का दिया सुझाव, मन की बात में आयुष और खिलौना निर्यात में वृद्धि का भी किया जिक्र

पीएम मोदी ने रविवार को मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने खिलौनों के निर्यात और आयुष निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि का और हर घर तिरंगा अभियान का जिक्र किया। साथ ही खेल में भारत की उपलब्धियों के बारे में भी चर्चा की।

पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत शहीद उधम सिंह की शहादत को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे अन्य सभी महान क्रांतिकारियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

प्रोफाइल पिक्चर में लगा सकते हैं तिरंगा

इस दौरान पीएम मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ और आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र किया। देश के महान क्रांतिकारियों को याद करते हुए उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में भाग लें। उन्होंने कहा कि तिरंगा अभियान के तहत हम तिरंगे को अपना सोशल मीडिया प्रोफाइल भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। जीवन के सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक एक विशेष ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया जा रहा है। लोग इस अभियान का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक अपने घर पर तिरंगा जरूर फहराएं। तिरंगा हमें जोड़ता है। हमें देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। 2 अगस्त से 15 अगस्त तक हम सभी अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगा लगा सकते हैं।

2 अगस्त का तिरंगे से विशेष संबंध

तिरंगे के इतिहास का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 2 अगस्त का तिरंगे से विशेष संबंध है। इसी दिन पिंगली वेंकैया जी की जयंती होती है। उन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को रूपरेखा तैयार की थी। वे उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। साथ ही महान क्रांतिकारी मैडम कामा को भी याद करते हैं जिन्होंने तिरंगे को आकार देने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

आयुष निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि

पीएम मोदी ने कहा कि दुनियाभर में आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा में रुचि बढ़ रही है। आयुष निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आयुष ने वैश्विक स्तर पर अहम भूमिका निभाई है। दुनियाभर में आयुर्वेद और भारतीय औषधियों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। यह एक बड़ी वजह है कि आयुष निर्यात में रिकॉर्ड तेजी आई है और यह सुखद कर देने वाला है कि इस क्षेत्र में कई नए स्टार्ट-अप भी सामने आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हाल ही में एक वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें करीब दस हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। कोरोना काल में औषधीय पौधों पर शोध में भी बहुत वृद्धि हुई है। इस बारे में बहुत से शोध प्रकाशित हो रहे हैं। निश्चित रूप से एक अच्छी शुरुआत है।

खिलौनों का आयात 70 प्रतिशत तक घटा

पीएम ने कहा कि देश आज खिलौनों के निर्यात का ‘पावर हाउस’ बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं, उद्यमियों और स्टार्टअप के प्रयासों से मिली सफलता ऐसी है ‘जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।’

पीएम ने कहा कि भारत में अब विदेश से आने वाले खिलौनों की संख्या लगातार कम हो रही है। पहले जहां 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के खिलौने बाहर से आते थे, वहीं अब इनका आयात 70 प्रतिशत तक घट गया है। इसी दौरान भारत ने दो हजार छह सौ करोड़ रुपये से अधिक के खिलौनों को विदेशों में निर्यात किया है। पहले केवल 300-400 करोड़ रुपये के खिलौने ही भारत से बाहर जाते थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सब कोरोना काल में हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत के खिलौना उद्योग ने खुद को बड़े स्तर पर बदला है। भारतीय उत्पादक अब भारतीय पौराणिक कथाओं, इतिहास और संस्कृति पर आधारित खिलौने बना रहे हैं। देश में जगह-जगह छोटे उद्यमियों के बनाए खिलौने अब दुनियाभर में जा रहे हैं। भारत के खिलौना निर्माता विश्व के प्रमुख वैश्विक खिलौना ब्रांड के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं।

खिलौना उद्योग से जुड़े दिलचस्प विषयों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि बेंगलुरु में शुम्मे टॉयज स्टार्ट अप इको-फ्रेंडली खिलौनों पर ध्यान केन्द्रित कार्य कर रहा है। गुजरात में आर्किडजू कंपनी एआर आधारित फ्लैशकार्ड 3 एआर-आधारित स्टोरी बुक बना रही है। पुणे की कंपनी फनवेंशन लर्निंग, खिलौने और एक्टिविटी पजल के जरिये विज्ञान, तकनीक और गणित में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने में जुटी है।

मेले, जन-मन दोनों को जोड़ते हैं

मन की बात में पीएम ने लंबे समय से चले आ रहे हाट-मेले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ‘मेले’, अपने आप में, हमारे समाज, जीवन की ऊर्जा का बहुत बड़ा स्त्रोत होते हैं.. आधुनिक समय में समाज की ये पुरानी कड़ियां ‘एक भारत–श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करने के लिए बहुत ज़रूरी हैं | हमारे युवाओं को इनसे जरूर जुड़ना चाहिए। हमारे देश में मेलों का भी बड़ा सांस्कृतिक महत्व रहा है I मेले, जन-मन दोनों को जोड़ते हैं I

देश को गौरवान्वित कर रहे युवा

खेल-कूद को लेकर पीएम ने कहा कि जुलाई का महीना खेलकूद की दृष्टि से एक्शन से भरपूर रहा है। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने विश्व मंच पर असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, “कक्षा हो या खेल का मैदान, आज हमारे युवा, हर क्षेत्र में देश को गौरवान्वित कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि जुलाई में पीवी सिंधु ने सिंगापुर ओपन का अपना पहला खिताब जीता है। नीरज चोपड़ा ने भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए रजत पदक जीता है। आयरलैंड पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल में भी हमारे खिलाड़ियों ने 11 पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। रोम वर्ल्ड कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भी भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हमारे एथलीट सूरज ने तो ग्रीको-रोमन इवेंट में कमाल ही कर दिया। उन्होंने 32 साल के लंबे अंतराल के रेसलिंग का स्वर्ण पदक जीता है।

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिए पूरा महीना ही कुछ कर दिखाने से भरपूर रहा है। चेन्नई में 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करना भी भारत के लिए बड़े ही सम्मान की बात है। 28 जुलाई को ही इस प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ है। उसी दिन ब्रिटेन में कॉमनवेल्थ खेलों की भी शुरुआत हुई। युवा जोश से भरा भारतीय दल वहां देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है। वे सभी खिलाड़ियों और एथलीटों को देशवासियों की ओर से शुभकामनाएं देते हैं।

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