Haryana Budget 2023-24: कोई नया टैक्स नहीं, बस किराए में अब 60 वर्ष के बुजुर्गों को भी छूट, वृद्धावस्था पेंशन भी बढ़ाई, जानिए और क्या-क्या मिला राज्य को

वर्ष 2023-24 के लिए वित्त मंत्री ने 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट किया पेश

बुजुर्गों का सम्मान बढ़ाया, पेंशन 2,750 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा

वृद्धावस्था पेंशन पात्रता आय 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा

CHANDIGARH, 23 FEBRUARY: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो वित्त मंत्री भी हैं, ने आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में अमृतकाल में हरियाणा का पहला बजट प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के नाते हरियाणा के इतिहास का आज तक का सबसे बड़ा बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया और बजट में कोई नया कर भी नहीं लगाया गया।

मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए वृद्धावस्था पेंशन में 2,750 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन पात्रता आय 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा की। सरकारी आई.टी.आई. में प्रवेश लेने वाली 3 लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाली हर लड़की को 2,500 रुपये वित्तीय सहायता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास की स्थापना, अंत्योदय परिवारों के लिए 1 लाख घर, चिरायु-आयुष्मान भारत योजना का लाभ 3 लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों को भी प्रदान करने, लैंड पूलिंग, लैंड पार्टनरशिप और ई-भूमि के माध्यम से 10 औद्योगिक सेक्टर और 10 शहरों में आवासीय सेक्टर को विकसित करने और नगरों में नवीनीकरण शुल्क के बकाया ब्याज राशि पर छूट योजना सहित कई नये आयाम जोड़े हैं।

उन्होंने कहा कि बजट सभी के लिए कल्याणकारी है। अब पत्रकारों को कैशलेस मेडिकल सुविधा मिलेगी। चोटिल खिलाड़ियों के पोषण व पुर्नवास के लिए राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक खेल प्रशिक्षण और पुनर्वास केंद्र बनाये जाएंगे। आंगनवाड़ी वर्कर्स व चौकीदारों को भी चिरायु योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ-साथ प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। सब बच्चों को शिक्षा मिले, इसके लिए 6 से 18 वर्ष के हर बच्चे की मैपिंग की जाएगी।

बजट में नहीं लगाया गया कोई नया कर

मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 का बजट संशोधित अनुमान वर्ष 2022-23 के 1,64,808 करोड़ रुपये से 11.6 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें अमृत काल का हरियाणा का पहला बजट प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। यह बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। हम 2047 में समृद्ध भारत, समर्थ भारत, हर प्रकार से सम्पन्न भारत बनाकर रहेंगे।

सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कुल बजट का 65.8 प्रतिशत आवंटित

वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023-24 के बजट आवंटन को सतत् विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) से संरेखित किया है। राज्य में लागू किए जा रहे एसडीजी की प्राप्ति के उद्देश्य से 1,83,950 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 1,20,958 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो कि 65.8 प्रतिशत है। यह आवंटन उन स्कीमों के लिए किया गया है, जो सतत् विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए क्रियान्वित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह बजट अन्य वित्त वर्षों के बजट से हटकर है। 25 साल बाद जब हम आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएंगे, तो हरियाणा खुशहाली और समृद्धि के मामले में कैसा होगा, इसकी परिकल्पना कर के इस बजट में उन्नत हरियाणा के निर्माण की नींव डालने की रूपरेखा तय की है। उन्होंने कहा कि बजट में पूंजीगत परिसम्पत्ति के सृजन के लिए 57,879 करोड़ रुपये के परिव्यय, जो कि 31.5 प्रतिशत तथा राजस्व परिव्यय के लिए 1,26,071 करोड़ रुपये, जोकि 68.5 प्रतिशत है, का प्रस्ताव किया गया है।

विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान

वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) विजन-2030 के अनुसार राज्य के विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी प्रकट करता है। हरियाणा का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 3.86 प्रतिशत का योगदान है, जो कि इसके आकार या जनसंख्या के अनुपात से कहीं अधिक है। हरियाणा के लिए यह गर्व की बात है कि वर्ष 2022-23 में जीएसडीपी विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

जीडीपी में हरियाणा की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 3.52 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.86 प्रतिशत

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर देश के सकल घरेलू उत्पाद से और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय से कहीं अधिक रही है। वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक हरियाणा की जीएसडीपी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर स्थिर मूल्यों पर 5.62 प्रतिशत रही है, जबकि इसी अवधि में राष्ट्र की जीडीपी वृद्धि दर 4.58 प्रतिशत रही है। फलस्वरूप राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 3.52 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.86 प्रतिशत हो गई है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) की क्षेत्रवार संरचना के रुझान यह दर्शाते हैं कि वर्ष 2022-23 में जी.एस.डी.पी. में प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा क्रमशः 19.6 प्रतिशत, 29.7 प्रतिशत और 50.7 प्रतिशत रहने की संभावना है।

हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2022-23 में 2,96,685 रुपये होने की संभावना

मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2014-15 में वर्तमान मूल्यों पर 86,647 रुपये थी, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,70,620 रुपये होने की संभावना है, जबकि हरियाणा के लिए यह वर्ष 2014-15 में 1,47,382 रुपये से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 2,96,685 रुपये होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि बजट अनुमान वर्ष 2023-24 के लिए 1,09,122 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें 75,716 रुपये का कर राजस्व और 12,651 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व शामिल है। कर राजस्व प्राप्तियों में जीएसटी, वैट, आबकारी एवं स्टाम्प शुल्क राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं। केंद्रीय करों का हिस्सा 11,164 करोड़ रुपये और केंद्र से सहायता अनुदान 9,590 करोड़ रुपये है। इसके अतिरिक्त, पूंजीगत प्राप्तियां 71,173 करोड़ रुपये अनुमानित है।

राजकोषीय घाटा जी.एस.डी.पी. का 2.96 प्रतिशत

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा केंद्रीय वित्त आयोग और भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार राजकोषीय मानकों को बनाए रखने में सफल रहा है। संशोधित अनुमान (आरई) 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.29 प्रतिशत रहा जो कि जी.एस.डी.पी. के 3.5 प्रतिशत की अनुमत सीमा के अंतर्गत है। वर्ष 2023-24 के लिए जी.एस.डी.पी. के 2.96 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का प्रस्ताव है, जो कि अनुमेय सीमा के अंतर्गत है।

मनोहर लाल ने कहा कि सकल ऋण स्टॉक को भी निर्धारित सीमा में रखने में सफल रहे हैं। संशोधित अनुमान 2022-23 में ऋण जी.एस.डी.पी अनुपात 25.78 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित सीमा 33.3 प्रतिशत की सीमा में है। वर्ष 2023-24 में ऋण स्टॉक जी.एस.डी.पी का 25.45 प्रतिशत प्रक्षेपित है, जोकि निर्धारित मानकों 33.1 प्रतिशत से बहुत नीचे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राजकोषीय विवेक के मार्ग पर आगे भी अग्रसर रहेंगे, क्योंकि यह सतत् आर्थिक विकास का एकमात्र रास्ता है।

हम एक मजबूत और बेहतर समाज व राज्य बनने की ओर अग्रसर: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम एक मजबूत और बेहतर समाज व राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं। अमृतकाल में प्रवेश करते समय हम अपनी उपलब्धियों को समेकित करके, उसकी मजबूत नींव पर नये हरियाणा को विकास की नई बुलंदियों पर लेकर जाएंगे। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकते हुए सितारे के रूप में उभरा है और साथ ही हरियाणा भी राष्ट्र के आर्थिक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और प्रगतिशील नेतृत्व में और हमारे सामूहिक प्रयासों से राज्य कोविड-19 महामारी के प्रभाव को न्यूनतम रखने में सफल रहा है। विगत वर्षों में सरकार की विवेकपूर्ण नीतियों एवं वित्तीय उपायों के फलस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पुनः गति आई है। इसके लिए राज्य के निवासियों, कोविड योद्धाओं और इस कठिन समय में हमारी मदद करने वाले सभी व्यक्तियों की सेवा भावना और योगदान को नमन करता हूं।

पूंजीगत परिव्यय पर अधिक ध्यान

वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा के सरकार ने बढ़ते पूंजीगत परिव्यय पर ध्यान केन्द्रित किया है। हरियाणा उन तीन राज्यों में से एक है, जिनका पूंजीगत परिव्यय बजटीय लक्ष्यों की तुलना में अधिक था, जबकि देश के सभी राज्यों का औसत लक्ष्य से 21.3 प्रतिशत कम था।

इस वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लगभग 7500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करने का अनुमान

मनोहर लाल ने कहा कि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पर्याप्त पूंजी निवेश करके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह अनुमान है कि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आगामी वित्त वर्ष में लगभग 7500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने काफी सुधार दिखाया है और कई उपक्रमों की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है। यह प्रस्ताव है कि वर्ष 2022-23 में लाभ में चल रहे सभी राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने लाभ का 25 प्रतिशत राज्य सरकार को हस्तांतरित करेंगे, ताकि सरकार के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में अपना योगदान दे सके।

उन्होंने कहा कि हरियाणा का ‘सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) विजन-2030’ दस्तावेज राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें उल्लेख है कि ‘‘हमारी परिकल्पना हरियाणा को संघीय भारत की एक जीवंत, गतिशील और पुनरुत्थानशील इकाई के रूप में विकसित करना है। एक ऐसा राज्य जहां खेतों में भरपूर पैदावार हो, उद्योग का पहिया निर्बाध गति से घूमे, कोई भी वंचित महसूस न करे, लोगों में पूर्ण संतुष्टि का भाव हो, युवाओं में गर्व की भावना हो, महिलाओं को न केवल सुरक्षा और समानता के अवसर मिलें, बल्कि वे सशक्त महसूस करें और अंत्योदय के सिद्धांत को प्राथमिकता हो और हम ‘सरकार न्यूनतम और शासन अधिकतम’मंत्र से राज्य को इसके नागरिकों के लिए एक बेहतर स्थान बनाने में सहायक हो। ‘सबका साथ-सबका विकास’का आदर्श इस विचार को दर्शाता है कि लक्ष्य को प्राप्त करने में हम किसी को भी पीछे नहीं रहने देंगे।

‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना होगी शुरू

अंत्योदय उत्थान की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराते हुए हरियाणा सरकार द्वारा दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत परिवार पहचान पत्र डाटा के आधार पर 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के समय व्यक्ति की आयु के आधार पर सहायता प्रदान करेगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 6 वर्ष की आयु तक 1 लाख रुपये, 6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक 2 लाख रुपये, 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 वर्ष से अधिक और 40 वर्ष तक 5 लाख रुपये तथा 40 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 2 लाख रुपये सहायता प्रस्तावित की गई है। इस लाभ में 18-40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मिलने वाली 2 लाख रुपये की राशि भी शामिल होगी।

वर्ष 2022-23 में लाभार्थियों को डीबीटी से भेजे 11,250 करोड़ रुपये, 36.75 लाख फर्जी लाभार्थियों को हटाने से 1182 करोड़ रुपये की बचत

वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा का डीबीटी पोर्टल सितंबर, 2017 में परिचलन में आया था। डीबीटी पोर्टल पर 142 योजनाएं ऑनबोर्ड की गई, जिनमें से 58 केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं और 84 राज्य की योजनाएं हैं। वर्ष 2022-23 में दिसंबर, 2022 तक लाभग्राहियों को 11,250 करोड़ रुपये का डीबीटी के माध्यम से अंतरण किया गया है। इस स्कीम के शुरू होने के बाद 36.75 लाख फर्जी लाभार्थियों को हटाने से 1182 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई है।

विशिष्ट विभागों को सौंपी नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी

मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र डाटाबेस में उपलब्ध डेटा का उपयोग करते हुए सरकार ने विशिष्ट विभागों को नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। 6 वर्ष तक के आयु समूह को महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है, ताकि हर जरूरतमंद बच्चे की देखभाल की जा सके, भले ही बच्चा वर्तमान में आंगनवाड़ी केंद्र में जा रहा हो या नहीं। 6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के आयु समूह को स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है, ताकि विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।

इसी प्रकार, 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक के आयु समूह को उच्च शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए सौंपा गया है कि प्रत्येक युवा या तो शिक्षित हो या नौकरियों के लिए कौशलप्राप्त हो। 25 वर्ष से अधिक एवं 40 वर्ष तक के आयु वर्ग को युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग को सौंपा गया है ताकि इस आयु वर्ग के युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता एवं रोजगार सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि 40 से 60 वर्ष तक की आयु वर्ग की देखभाल राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा की जाएगी और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की देखभाल सेवा विभाग द्वारा की जाएगी। यह सरकार को राज्य के लोगों तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।

हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास

मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने मौजूदा बीमा योजनाओं को समेकित करने, मानकीकृत सुनिश्चित करने और दावों की प्रक्रिया को सरल बनाने तथा लोगों को सीधे लाभ प्रदान करने के लिए हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास की स्थापना की है। यह न्यास उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले वर्ग सी और डी श्रेणियों के कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री हरियाणा कर्मचारी दुर्घटना बीमा योजना, छोटे कारोबारियों के लिए दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना, अंत्योदय परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवच देने के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना का कार्यान्वयन कर रहा है।

इसके अलावा, स्ट्रीट वेंडर्स, छोटे कारोबारियों और व्यापारियों, जिनका वार्षिक कारोबार 1.50 करोड़ रुपये तक है, को प्राकृतिक आपदा या आग के कारण परिसम्पतियों के नुकसान के मामलों में मुआवजा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना के संशोधित दिशानिर्देश हाल ही में अधिसूचित किए गए हैं। यह योजना भी 1 अप्रैल, 2023 से शुरू हो जाएगी।

आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए राज्य लेखापरीक्षा विभाग बनाया जाएगा

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी विभागों, पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों में आंतरिक लेखापरीक्षा करने के लिए ‘हरियाणा सार्वजनिक वित्त जवाबदेही अधिनियम, 2019‘ को अधिसूचित किया है। सरकार का स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों, जो सरकार से वित्तीय मदद लेते हैं, में उचित प्रक्रिया का प्रयोग करने, सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा और संसाधनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए आंतरिक लेखापरीक्षा करने के लिए राज्य लेखापरीक्षा विभाग बनाने का प्रस्ताव है। जहां तक संभव होगा आंतरिक लेखापरीक्षा फेसलेस मोड में इस उद्देश्य के लिए स्थापित पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इससे सार्वजनिक व्यय में पारदर्शिता और अधिक जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

2023-24 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को प्रमुखता

कृषि एवं किसान कल्याण की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को 8,316 करोड़ रुपये आवंटित करने करने की घोषणा की गई है। यह चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 19 प्रतिशत की वृद्धि है।

वित्त मंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2023-24 के बजट को प्रस्तुत करते हुए कहा कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों का राज्य की अर्थव्यवस्था में 18.5 प्रतिशत योगदान है। भारत के आर्थिक विकास में हरियाणा के किसानों का योगदान सभी जानते हैं। हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जो किसानों को 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आश्वासन देता है।

उन्होंने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर 9 लाख से अधिक किसान नियमित रूप से पंजीकरण कराते हैं। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा को व्यापक रूप से अपनाने से राज्य के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत, धान की ‘बीज से सीधी बिजाई’ के लिए वित्तीय सहायता, तिलहन और दलहनों को बढ़ावा देने और बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर सहायता देने के लिए ‘भावांतर भरपाई’ जैसी कई अनूठी पहल करना संभव हुआ है।

पिछले दो वर्षों में किसानों के खातों में भेजे 45,000 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, सरकार ने कृषि क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के लिए 428 करोड़ रुपये के अलावा किसानों की फसलों की खरीद के 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके खातों में जमा करवाई है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि कृषि में आय बढ़ाने के हमारे प्रयासों को मान्यता देते हुए भारतीय कृषि और खाद्य परिषद द्वारा हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य कृषि व्यवसाय पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया।

बाजरे की खेती को बढ़ावा देने के लिए 27 करोड़ रुपये की परियोजना

मनोहर लाल ने कहा कि भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। हरियाणा सरकार राज्य में मोटे अनाजों की कास्त और खपत को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है। क्लस्टर प्रदर्शन, संकर बीजों के वितरण, प्रमाणित बीज उत्पादन, एकीकृत पोषक तत्व और कीट प्रबंधन से बाजरे की खेती को बढ़ावा देने के लिए 27 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बाजरे की उत्पादकता में सुधार के लिए चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जिला भिवानी के गोकलपुरा में एक पोषक-अनाज अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जो वर्ष 2023 में चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा विभिन्न उत्पादों के माध्यम से बाजरे की खेती की उत्पादकता, इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग में सुधार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए 20 हजार एकड़ का लक्ष्य निर्धारित

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए 20 हजार एकड़ का लक्ष्य निर्धारित करने का प्रस्ताव है, जिसमें से 6,000 एकड़ पर प्रदर्शन किया जाएगा। कुरुक्षेत्र में गुरुकुल और करनाल के घरौंडा में दो प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2023-24 में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, जींद और सिरसा के मंगियाना में तीन और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है।

उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्राकृतिक खेती पर एक नए कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। यह खुशी की बात है कि इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। वर्ष 2022-23 में, 2238 किसानों की पहचान की गई और 5906 एकड़ में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सहायता प्रदान की गई जबकि गत वर्ष के बजट भाषण में निर्धारित 2500 एकड़ का लक्ष्य रखा गया था।

सटीक कृषि हेतु सिरसा जिले में शुरू की जाएगी परियोजना

मनोहर लाल ने कहा कि सरकार उर्वरकों, कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के माध्यम से पानी का समुचित उपयोग, ड्रोन इमेजरी के माध्यम से फसल स्वास्थ्य निगरानी, मृदा स्वास्थ्य निगरानी, स्थानीय क्षेत्र की बीमारी, कीट निगरानी और सौर ऊर्जा का उपयोग करने के माध्यम से सटीक कृषि, जो जलवायु स्मार्ट कृषि की ओर अग्रसर होने में सक्षम बनाती है, पर बल दे रही है। इसके लिए परियोजना सिरसा जिले में शुरू की जाएगी और परिणामों के आधार पर इसे अन्य जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। कृषि गतिविधियों में किसान ड्रोन को अपनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई पहल को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन में प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव है।

किसानों द्वारा हरी खाद अपनाने के लिए शुरू की जाएगी योजना

वित्त मंत्री ने कहा कि हरी खाद या ढैंचा की खेती मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ को बढ़ाती है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है। इसके लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव है, जिसके अंतर्गत किसान को ढैंचा की खेती के माध्यम से हरी खाद अपनाने के लिए सहायता दी जाएगी और सरकार 720 रुपये प्रति एकड़ की लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी और किसान को लागत का केवल 20 प्रतिशत योगदान देना होगा।

31,500 करोड़ लीटर पानी की बचत, 29.16 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों को दी

मनोहर लाल ने कहा कि कम पानी की खपत के लिए धान की सीधी बिजाई हेतु 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता दी जा रही है। खरीफ-2022 में, 72,000 एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बुवाई के तहत लाया गया और 29.16 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों को दी गई। इससे राज्य में 31,500 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई है। वर्ष 2023-24 में धान के अधीन 2 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बिजाई के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पराली जलाने की घटनाओं में 48 प्रतिशत तक की कमी

वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें सदन को बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य के किसानों ने पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के आह्वान के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और राज्य के किसानों ने एक्टिव फायर लोकेशन (एएफएल) में पराली जलाने की घटनाओं में 48 प्रतिशत तक की कमी की है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से सराहना हुई है।

उन्होंने कहा कि एक अनूठी पहल के तहत सरकार किसानों को प्रोत्साहन सहित निर्धारित सेवा क्षेत्रों में नामित एजेंसियों द्वारा धान की पराली की खरीद के लिए 1000 रुपये और पराली प्रबन्धन से सम्बंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपये प्रति टन की सरकारी दर को अधिसूचित करेगी।

इसके अलावा, राज्य में थर्मल पावर प्लांट भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ पेलेट के रूप में धान की पराली बायोमास का उपयोग करेंगे। पानीपत में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा स्थापित 2जी-इथेनॉल संयंत्र चालू हो गया है और इथेनॉल उत्पादन के लिए धान की पराली का उपयोग करेगा।

1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती का लक्ष्य

मनोहर लाल ने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती से मृदा में उर्वरता बढ़ती है। राज्य सरकार का आने वाले सीजन में 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने के लक्ष्य का प्रस्ताव है। सरकार किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करने का आश्वासन देती है।

मृदा लवणता और जलभराव वाली 50,000 एकड़ भूमि के सुधार का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि मृदा लवणता और जलभराव की बढ़ती समस्या ने कई जिलों में कृषि गतिविधियों को प्रभावित किया है। वर्ष 2022-23 के लिए ऐसी भूमि के सुधार के लिए 25,000 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसमें से 20,703 एकड़ क्षेत्र का सब-सरफेस और वर्टिकल ड्रेनेज टेक्नॉलिजी से सुधार किया गया, इस पर 29 करोड़ रुपये का परिव्यय हुआ है। वर्ष 2023-24 के लिए ऐसी 50,000 एकड़ भूमि के सुधार के लक्ष्य का प्रस्तावित है।

वर्ष 2030 तक बागवानी उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य वर्ष 2030 तक फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रमों, ताजे फल और सब्जियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करके, पैक हाउस की स्थापना, किसान उत्पादक संगठन के गठन के माध्यम से बागवानी के अधीन क्षेत्र को दोगुणा और बागवानी उत्पाद को तीन गुणा करना है। इसके अलावा, बेहतर मूल्य प्राप्ति और गुणवत्ता में सुधार के लिए नीलामी के माध्यम से शहद का विपणन करने के लिए राज्य में मधुमक्खी पालकों की सुविधा के लिए सरकार एक शहद गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित करने और शहद व्यापार नीति तैयार करने का प्रस्ताव करती है।

इस वर्ष में स्थापित होंगे 3 नए उत्कृष्टता केंद्र

मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में कई बागवानी फसलों के लिए स्थापित उत्कृष्टता केंद्र बागवानी में प्रोत्साहक और विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 2023-24 में, 3 नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। इनमें से एक पंचकूला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर, दूसरा पिनगवां, नूंह में प्याज के लिए और तीसरा मुनीमपुर, झज्जर में फूलों के लिए स्थापित होगा।

पिंजौर में स्थापित सेब, फल और सब्जी मंडी 1 अप्रैल से होगी शुरू

वित्त मंत्री ने कहा कि सोनीपत जिले के गन्नौर में हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी का निर्माण इस साल शुरू होने की संभावना है। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने नई मंडियों के विकास और वर्तमान मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए पहल की है। राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 175 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 78.33 एकड़ भूमि पर पिंजौर में स्थापित सेब, फल और सब्जी मंडी का 1 अप्रैल से परिचालन शुरू करने की संभावना है।

वर्ष 2023-24 के लिए हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए प्रावधान 10 गुणा बढ़ा

हरियाणा में बेसहारा गौमाताओं की देखभाल और सुरक्षा हेतू वर्ष 2023-24 के लिए हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए प्रावधान बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये करने किया गया है। वर्तमान आवंटन 40 करोड़ रुपये है।

विधानसभा बजट सत्र में आज वर्ष 2023-24 के बजट को प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो वित्त मंत्री भी हैं, ने कहा कि हरियाणा गौ सेवा आयोग में पंजीकृत नई गौशालाओं के लिए ग्राम पंचायतों की सहमति से ग्राम पंचायत भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। गौशालाओं को गोबरधन योजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत हर जिले में बायोगैस प्लांट बनाए जाने प्रस्तावित हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में हरियाणा गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत 632 गौशालाएं हैं, जिनमें लगभग 4.6 लाख बेसहारा पशु हैं। बेसहारा पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को उचित रूप से वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव है, ताकि गौशालाओं में गौमाता की देखभाल और सुरक्षा की जा सके। इन उपायों से हम बेसहारा गायों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और साथ ही सड़कों पर इन पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को भी समाप्त करेंगे।

पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन होगा शुरू

मनोहर लाल ने कहा कि ग्रामीण लोगों की आय बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक योजना- हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन प्रस्तावित है। इस मिशन को हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड संचालित करेगा। यह मिशन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के साथ मिलकर प्रशिक्षण प्रदान करेगा और पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के इच्छुक युवा उद्यमियों को सहायता प्रदान करेगा चाहे मवेशी पालन, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर पालना हो।

प्रदेश में बनेंगे 4 अतिरिक्त पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 7 पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक हैं, जो पशुओं को उन्नत पशु चिकित्सा देखभाल और उपचार प्रदान करते हैं। कुरुक्षेत्र और पानीपत में दो पॉलीक्लिनिक निर्माणाधीन हैं और एक चरखी दादरी में बनाने की घोषणा की गई है। अब सरकार का 4 अतिरिक्त पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के निर्माण का प्रस्ताव है। ये पलवल, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और अंबाला में स्थापित किए जाएंगे। सरकार पालतू जानवरों को उन्नत नैदानिक और उपचार सेवाएं प्रदान करने के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद में दो अत्याधुनिक सरकारी वेटरनरी पैट क्लिनिक भी स्थापित करेगी।

घरद्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए 70 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट की जाएंगी प्रदान

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरद्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी सांझेदारी पद्धति में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां प्रदान करने का प्रस्ताव है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के नियंत्रण और निगरानी के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा भिवानी जिले के सिवानी खंड की गढ़वा ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर खारा प्रभावित क्षेत्रों के सुधार के लिये एकीकृत एक्वा पार्क सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है।

सहकारी चीनी मिलों में सार्वजनिक निजी भागीदारी पर बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य

मनोहर लाल ने कहा कि वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार करने और किसानों को बेहतर रिटर्न देने के लिए, सहकारी चीनी मिलों ने केंद्र सरकार के कार्यक्रम के अनुरूप इथेनॉल उत्पादन में विविधता लाने का निर्णय लिया है। तीन वर्षों की अवधि में 1200 करोड़ रुपये की सहायता राशि अनुमानित है। सरकार का सहकारी चीनी मिलों में 690 के.एल.पी.डी. क्षमता के इथेनॉल संयंत्रों की स्थापना के लिए सहायता देने का लक्ष्य है। राज्य सरकार सहकारी चीनी मिलों में सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर बायोगैस संयंत्र स्थापित करने पर भी विचार कर रही है।

500 पैक्स की स्थापना

वित्त मंत्री ने कहा कि 771 पैक्स का कम्प्यूटरीकरण जल्द ही पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा 500 पैक्स की स्थापना को बढ़ावा देकर सहकारी ढांचे को एक नया बल दिया जाएगा। सांझी डेयरी योजना के तहत, हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ (एच.डी.डी.सी.एफ.) ग्राम पंचायतों और पैक्स की भूमि पर पशु शेड का निर्माण करेगा, जहां मवेशियों को एक साथ रखा जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी। एच.डी.डी.सी.एफ. द्वारा सांझी डेयरी में पशु चारा, साइलेज (चारा) और पशु चिकित्सा सेवाओं सहित सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

एन.सी.डी.सी. ने हरको बैंक को रियायती ब्याज दर पर 10,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा को दी मंजूरी

वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एन.सी.डी.सी.) ने हरियाणा राज्य सहकारी अपेक्स (हरको) बैंक को रियायती ब्याज दर पर 10,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा को मंजूरी दी है। राज्य के किसी भी सहकारी संगठन को उसकी कार्यशील पूंजी या अन्य पूंजी निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध होगी।

उन्होंने कहा कि हैफेड संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से 105 मिलियन डॉलर (840 करोड़ रुपये) मूल्य के 85 हजार मीट्रिक टन बासमती के निर्यात के ऑर्डर प्राप्त करने में सफल रहा। हैफेड ने अपनी निर्यात गतिविधियों को बढ़ाने के लिए करनाल में एक हरियाणा सहकारी निर्यात गृह खोला गया है। इससे किसानों को उनकी उपज के बेहतर मूल्य मिलना सुनिश्चित होगा।


पहली अप्रैल से वृद्धावस्था भत्ता 2750 रुपये प्रति माह मिलेगा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो वित मंत्री भी हैं, ने घोषणा करते हुए कहा कि पहली अप्रैल, 2023 से सभी लाभार्थियों के लिए मासिक लाभ को बढ़ाकर 2750 रुपये प्रति माह किया जाएगा। अब वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा और दिव्यांग पेंशन में 250 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। मई, 2022 से जनवरी, 2023 तक 28,488 ऐसे लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया है।

मनोहर लाल ने कहा कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता प्रारंभ करने की पात्रता के अग्रिम व सक्रिय निर्धारण के लिए अनूठी पहल की है। लाभार्थी की 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पी.पी.पी. डेटा के आधार पर स्वचालित रूप से पहचान की जाती है और इच्छुक लाभार्थी द्वारा प्रदान की गई सहमति के आधार पर लाभ प्रदान किया जाता है। वर्तमान में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ 29.71 लाख से अधिक लाभार्थियों को 2500 रुपये प्रति माह की दर से दिया जा रहा है। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए आय पात्रता सीमा, जो वर्तमान में स्वयं और पति या पत्नी के लिए 2 लाख रुपये प्रति वर्ष है, उसे पी.पी.पी. सत्यापित डेटा के आधार पर बढ़ाकर 3 लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाना प्रस्तावित है।

वित मंत्री ने कहा कि सरकार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभागों को ‘सेवा‘ नाम के एक नए विभाग में विलय कर दिया है। इसका उद््देश्य गरीबों, वंचितों और समाज के हाशिए पर रह रहे वर्गों के उत्थान के लिए समर्पण की भावना को मूर्त रूप देना और कल्याण कार्यक्रमों का एकीकृत कार्यान्वयन करना है।

उन्होंने कहा कि पी.पी.पी. डेटा के आधार पर लाभार्थियों की सक्रिय पहचान को दिव्यांग पेंशन तक विस्तारित करने का भी प्रस्तावित है। क्योंकि पी.पी.पी. को अब दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट पहचान (यू.डी.आई.डी.) से ऑटो-लिंक कर दिया गया है, जिसके माध्यम से अब देश भर में दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।

बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए ‘प्रहरी’ योजना शुरू

वित मंत्री ने कहा कि पी.पी.पी. के आंकड़ों के आधार पर राज्य में 80 वर्ष से अधिक आयु के 3.3 लाख से अधिक व्यक्ति हैं। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस आयु वर्ग के बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए ‘प्रहरी’ योजना के तहत सरकारी कर्मचारी द्वारा दो महीने में एक बार व्यक्तिगत दौरा सुनिश्चित करेगें। व्यक्तिगत दौरे के आधार पर, चिकित्सा सहायता या संपत्ति की सुरक्षा आदि सहित अगले कदम संबंधित सरकारी एजेंसी द्वारा उठाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर लिया गया है और पुलिस विभाग को आंकड़े उपलब्ध करा दिए गए हैं। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लगभग 3600 व्यक्ति पी.पी.पी. डेटा के आधार पर अकेले रह रहे हैं, जिनकी आय वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अलावा प्रति वर्ष 25,000 रुपये से कम है। उसके लिए आश्रम में ही उनकी सेवा देखभाल की जाएगी। वहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा सहित सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। ऐसी वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना का विवरण अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत आयोजित होंगे अंत्योदय मेले

हरियाणा के सबसे गरीब परिवारों, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये तक है, के उत्थान के लिए उनकी आय बढ़ाकर कम से कम 1.80 लाख रुपये वार्षिक करने के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में वित्तीय लाभों का पैकेज उपलब्ध कराया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत आयोजित अंत्योदय मेलों के माध्यम से 36,993 परिवारों को ऋण स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2023-24 के लिए, इस आय वर्ग में कम से कम 2 लाख से अधिक परिवारों को कवर करने का लक्ष्य तय करने और उन्हें 1 लाख रुपये तक की राशि बैंकों से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव करता हूं। इसके लिए 2,000 करोड़ रुपये बैंकों के परामर्श से अलग रखे जाएंगे। इसके अलावा, जिन पहचाने गये परिवारों के आवेदन खराब सिबिल स्कोर के कारण अस्वीकार कर दिये गये हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए गारण्टी सहायता प्रदान की जाएगी कि वे आय सृजन गतिविधियों के लिए वित्त पोषण प्राप्त करने के पात्र बन जाएं। योजना का विवरण अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पूर्व में दिव्यांग बच्चों के लिए जिला रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा स्कूल चलाए जाते थे। अब समय आ गया है कि सरकार ऐसे दिव्यांग बच्चों को भी उचित शिक्षा और देखभाल प्रदान करने की जिम्मेदारी संभाले। राज्य में ऐसे 15 स्कूल हैं और इन स्कूलों के संचालन के लिए राज्य के बजटीय संसाधनों से वित्त पोषण तथा सामाजिक सहभागिता लाने का प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सेवा क्षेत्र को 10,524 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्तावित है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 7.1 प्रतिशत अधिक है।


आई.टी.आई. में प्रवेश लेने पर लड़कियों को मिलेगी 2500 रूपए की वित्तीय सहायता

हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2023-24 के लिए युवा क्षेत्र को 1636 करोड़ आंवटित करने का प्रस्ताव करते हुए घोषणा की कि सरकारी आई.टी.आई. में प्रवेश लेने वाली 3 लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाली प्रत्येक लड़की को 2500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के युवाओं के लिए फॉरेन लैंग्वेज सर्टिफिकेशन टेस्ट का खर्च भी सरकार वहन करेगी।

वित्तमंत्री ने कहा कि युवा राज्य की रीढ़ होते हैं। युवाओं को कौशलयुक्त बनाने और उन्हें रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने की भी आवश्यकता है। आज का युवा रोजगार प्रदाता और उद्यमी बनने के अवसर भी तलाशता है। इसी उद्देश्य के लिए हाल ही में युवा अधिकारिता और उद्यमिता विभाग का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान कराने में युवाओं की रोजगार क्षमता व कुशलता को बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है।

राज्य सरकार का इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हरियाणा कौशल विकास मिशन, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से रोजगार के लिए कौशल पर विशेष ध्यान देने का इरादा है। वर्ष 2023-24 में हरियाणा कौशल विकास मिशन पूर्व अधिगम के महत्व को समझते हुए विशिष्ट प्रशिक्षण और पाठ्यक्रमों के माध्यम से दो लाख बेरोजगार युवाओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा ताकि युवा रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनें। पारंपरिक नौकरियों के अलावा, आधुनिक उद्योग से संबंधित नौकरियों के लिए और उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वृद्धों और अशक्तों की देखभाल करने वालों के रूप में नौकरी करने के इच्छुक युवाओं को एक विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

उन्होंने घोषणा की कि वर्ष 2023-24 में दो लाख युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए 250 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया जा रहा है, यदि जरूरत पड़ी तो इस प्रस्तावित राशि के अतिरिक्त अलग से बजट प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने तथा अपेक्षित कौशल, व्यक्तित्व और संचार कौशल के साथ युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना की जाएगी और बैंकों, वित्तीय संस्थानों और उद्यम पूंजी निधियों से ऋण की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने का भी प्रस्ताव करने की घोषणा की ताकि स्टार्टअप उद्यमियों में, जो महिलाएं हैं या 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के लोग हैं या अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्ग से संबंधित हैं, को ऋण और इक्विटी के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि वेंचर कैपिटल फंड युवाओं को 5 करोड़ रुपये तक की लागत की परियोजनाओं में उद्यमी बनने में सहायता करेगा। इस उद्देश्य के लिए वेंचर कैपिटल फंड के लिए 200 करोड़ रुपये का कोष बनाया जाएगा। वेंचर कैपिटल फंड के तहत लाभार्थियों का चयन सरकारी अधिकारियों की भागीदारी के साथ उद्योग और उद्यमिता के विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना का विवरण बाद में अधिसूचित किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने युवाओ के हितों पर जोर देते हुए कहा कि राज्य के युवाओं को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने के लिए एक व्यापक युवा नीति बनाई जाएगी, जिसमें युवा गतिविधियों का कैलेंडर, युवा मंडलों को मजबूत करना, नैतिकता और चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास, भाषा और संचार प्रशिक्षण से संबंधित कार्यक्रम शामिल होंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय युवाओं को साथ जोड़कर उन्हें कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए एक पायलट स्कीम के रूप में मुख्यमंत्री कौशल मित्र फैलोशिप योजना तैयार करेगा। यह स्कीम राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक होगी। इन युवाओं को विश्वविद्यालय द्वारा स्थानीय कौशल आवश्यकता का विश्लेषण करने और उद्यमिता और कौशल प्रशिक्षण से सम्बंधित स्कीम की जानकारी देने और कौशल आवश्यकताओं के एकीकरण की योजनाओं पर प्रशिक्षित किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि हर वर्ष लगभग 5,000 युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स और प्रोग्रामिंग तथा विद्युत वाहन विनिर्माण के क्षेत्र में नौकरियों के लिए प्रशिक्षण देने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों के सहयोग से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए कौशल केंद्र स्थापित किया जाएगा। प्रशिक्षण ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड मोड में दिया जाएगा। यह केंद्र प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान करेगा।

वित्त मंत्री ने बताया कि कौशल विकास की सुविधा को राज्य के कोने-कोने तक प्रसार करने के लिए, सरकारी स्कूलों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों के अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का उपयोग करके कौशल स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव है। ये कौशल स्कूल श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे जो इन कौशल स्कूलों में कौशल प्रशिक्षणार्थियों को मान्यता देगा, कौशल प्रशिक्षण निर्दिष्ट करेगा, मूल्यांकन करेगा और प्रमाणित करेगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इन संस्थानों में मौजूदा फैकल्टी को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित करेगा।

उन्होंने बताया कि हरियाणा कृषि उद्योग निगम द्वारा प्रदान की गई उत्पाद और रसद सहायता के साथ राज्य में हरहित स्टोर खोलना युवाओं के लिए फायदेमंद साबित हुआ है और इससे स्थानीय उद्यमिता के माध्यम से रोजगार और आय का स्रोत मिला है। इस उद्यम की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 में अतिरिक्त 1500 नए हरहित खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मनोहर लाल ने बताया कि सरकार ने कौशल शिक्षा को स्कूल शिक्षा से समेकित कर शैक्षणिक स्तर 2023-24 से कक्षा छठी से आठवीं तक में भी कौशल शिक्षा देने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि विदेश में हरियाणवी युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने विदेश सहयोग विभाग, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और युवा अधिकारिता और उद्यमिता विभाग में हरियाणा ओवरसीज प्लेसमेंट सेल को सक्रीय किया है। ‘हरियाणा ओवरसीज प्लेसमेंट सेल’ विदेशों में प्लेसमेंट की आवश्यकताओं और कौशल की जरूरतों की पहचान करेगा और विदेशों में इन नौकरियों के लिए हरियाणा के युवाओं को उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित करेगा। सरकार का युवाओं, जो विदेश में नौकरी के अवसरों की तलाश कर रहे हैं, को जर्मन, जापानी, इतालवी जैसी भाषाओं में अल्पावधि विदेशी भाषा प्रशिक्षण प्रदान करने का इरादा है। उन्होंने घोषणा की कि 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों से आने वाले युवाओं के लिए फॉरेन लैंग्वेज सर्टिफिकेशन टेस्ट का खर्च भी सरकार वहन करेगी। इस योजना का विवरण बाद में अधिसूचित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएन) सरकारी क्षेत्र में अनुबंध पर जनशक्ति की तैनाती के लिए प्राथमिक स्रोत बन गया है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के रोल पर 1.06 लाख से अधिक संविदात्मक जनशक्ति है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड द्वारा परिभाषित मानदंडों के आधार पर जनशक्ति को नियुक्त करता है, जिसका प्राथमिक मापदंड न्यूनतम योग्यता का आधार और पात्र आवेदक के परिवार की आय की स्थिति है। निजी ठेकेदारों द्वारा संविधा आधार पर नियुक्त जनशक्ति का शोषण बीते दिनों की बात हो गई है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम जनशक्ति की नियुक्ति, उनकी सेवाओं के प्रबंधन, समय पर वेतन का भुगतान और कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा योजना और श्रम कल्याण उपकर के वैधानिक योगदान के अनुपालन के लिए एक प्रौद्योगिकी पोर्टल का उपयोग करता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में हरियाणा कौशल रोजगार निगम प्राइवेट सेक्टर में जनशक्ति की नियुक्ति के लिए जनशक्ति की पहचान, कौशल प्रशिक्षण और नियुक्ति सेवाओं की पेशकश करेगा। इससे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ना सुनिश्चित होगा और निजी उद्योग के लिए जनशक्ति चयन और कौशल प्रशिक्षण लागत में कमी आएगी। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ग्रुप-सी और गु्रप-डी के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा के माध्यम सहित वर्ष 2023-24 में 65,000 से अधिक नियमित पदों पर भर्ती करेगी।

शिक्षा क्षेत्र को 20,638 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के मुख्यमंत्री, जिनके पास वित्त मंत्री का प्रभार है, ने बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पी.एम. श्री) मौजूदा स्कूलों के विकास के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है। पी.एम. श्री की परिकल्पना 21वीं सदी की मांगों को पूरा करने वाले मॉडल स्कूलों के लिए की गई है। पी.एम. श्री के तहत हर ब्लॉक में दो स्कूल, (एक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और एक प्राथमिक विद्यालय) खोले जाएंगे और उन्हें पी.एम. श्री मॉडल संस्कृति स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शिक्षा क्षेत्र को 20,638 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 5.2 प्रतिशत वृद्धि है।

बेहतर शिक्षा के लिए 6 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के हर बच्चे की मैपिंग

वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कहा गया है कि पूर्व प्राथमिक से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच और उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने, जहां भी आवश्यक हो, सरकारी उच्च विद्यालयों का दर्जा बढ़ाकर सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करने का निर्णय लिया है, ताकि विद्यार्थियों, विशेष रूप से उच्च कक्षाओं के विद्यार्थियों को शिक्षा की बेहतर पहुंच प्रदान की जा सके। परिवार पहचान पत्र में 6 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के हर बच्चे की मैपिंग स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अवसरों से वंचित न रहे।

वर्ष 2022-23 के दौरान, स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से 894 सरकारी स्कूलों में 70,427 ड््यूल डेस्क प्रदान किए गए हैं। पहले के अनुभव के आधार पर, सभी शेष सरकारी स्कूलों में इस कार्यक्रम का विस्तार करने का प्रस्ताव है ताकि स्कूल में किसी विद्यार्थी को जमीन पर न बैठना पड़े।

मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य सरकार ने छः प्रकार के सिविल कार्य, जैसे कि नये कमरों का निर्माण, शौचालयों का निर्माण एवं मरम्मत, पेयजल सुविधा की व्यवस्था, स्कूल व चारदीवारी की मरम्मत एवं रख-रखाव और मिट्टी भरने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार ने इसके सफल कार्यान्वयन के बाद वर्ष 2023-24 में स्कूल प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में इन कार्यों को निष्पादित करने का निर्णय लिया है।

राज्य में उच्चतर शिक्षा प्रणाली में हाल के वर्षों में प्रभावशाली सुधार आया है और यह आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की उम्मीद है। हरियाणा में उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात वर्तमान में 32 प्रतिशत है। सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे 40 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।

प्रतियोगी परीक्षाओं हेतू सरकारी काॅलेजों में कोचिंग शुरू, 1.80 लाख रुपए तक आय वाले छात्रों को निशुल्क कोचिंग

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य, केन्द्र सरकार, अन्य राज्य सरकारों व रक्षा सेवाओं में नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए 1000 छात्रों, जिन्होंने स्नातक शिक्षा उतीर्ण कर ली है, उनके लिए सरकारी काॅलेजों में कोचिंग प्रदान की जाएगी। इसमें 1.80 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी तथा 1.80 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

वर्ष 2023-24 में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में विद्युत वाहन, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, फार्मेसी और ग्रीन टेक्नोलॉजीज में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। कॉलेजों और पॉलिटेक्निकों के शिक्षकों को प्रेरित करने की दृष्टि से एक शिक्षक पुरस्कार योजना शीघ्र ही अधिसूचित की जाएगी।

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और आयुष क्षेत्रों को 9,647 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एलोपैथिक और आयुष उपचार प्रणालियों में संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा स्वास्थ्य विज्ञान संश्लेषण और अनुसंधान केंद्र की स्थापना जैसी कई परियोजनाएं पाइप लाइन में हैं। ये सुविधाएं राज्य के लोगों के स्वास्थ्य और देखभाल को एक नई दिशा देंगी।

उन्होंने कहा कि बीमारियों की रोकथाम और शमन में आयुष चिकित्सा पद्धति की महत्वपूर्ण भूमिका है और यह वहां प्रभावी साबित हुई है जहां आधुनिक दवाएं भी काम नहीं कर पाई हैं। जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों की संख्या में वृद्धि के साथ, विश्व स्तर पर और देश के भीतर आयुष चिकित्सा पद्धति में रुचि का पुनरुत्थान हुआ है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन

लोगों को भोजन और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने में सक्षम बनाने के लिए, राज्य के सभी 22 जिलों में बुनियादी खाद्य प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है। ये प्रयोगशालाएं मामूली शुल्क पर खाद्य नमूनों की तत्काल परीक्षण रिपोर्ट प्रदान करेंगी।

रोहतक, पटौदी, चरखी-दादरी, झाड़ली में ई.एस.आई. औषधालयों की स्थापना

वित मंत्री ने कहा कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ई.एस.आई.सी.) ने हिसार, रोहतक, अंबाला और सोनीपत में 100 बिस्तरों वाले नए ई.एस.आई. अस्पतालों के अलावा रोहतक, पटौदी, चरखी-दादरी और झाड़ली में ई.एस.आई. औषधालयों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, मानेसर में 500 बिस्तरों वाले एक नए अस्पताल के लिए ई.एस.आई.सी. को भूमि प्रदान की गई है और मौजूदा 163 बिस्तरों वाले ई.एस.आई.सी. अस्पताल को 500 बिस्तरों की सुविधा के लिए विस्तारित किया गया है। ये अस्पताल चिरायु- आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले हरियाणा के निवासियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेंगे। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और आयुष क्षेत्रों को 9,647 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है, जो कि चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 19.8 प्रतिशत की वृद्धि है।

महिला एवं बाल विकास क्षेत्र को 2,047 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महिला और बाल विकास क्षेत्र को 2,047 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 10.3 प्रतिशत की वृद्धि है।

वित मंत्री ने कहा कि बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को कम करने और उनकी भलाई और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले साल बाल संवर्धन पोर्टल लॉन्च किया गया और हर बच्चे के कद और वजन के आधार पर उसकी ट्रैकिंग शुरू हो गई है। यह सरकार को ऐसे प्रत्येक बच्चे की पहचान करने में सक्षम करेगा, जो स्टंटिंग और वेस्टिंग सहित कुपोषण का सामना कर रहा है और पी.पी.पी. डेटा के आधार पर परिवार की आय की स्थिति के आधार पर उन्हें अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान करेगा।

बच्चों में स्टंटिंग, वेस्टिंग, कम वजन की घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 3 वर्षों में 6 वर्ष तक के बच्चों में स्टंटिंग, वेस्टिंग और कम वजन की घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किये जाने की आशा है। राज्य के बच्चों के हित में इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग मिलने की आशा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल पहले सरकार 4000 आंगनवाड़ियों को प्ले स्कूलों में तब्दील करने का एलान किया। ये प्ले स्कूल अब 5-6 वर्ष की आयु के बच्चों को सफलतापूर्वक बाल देखभाल और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। मौजूदा आंगनवाड़ियों को परिवर्तित करके और प्रारंभिक शिक्षा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान करके अगले दो वर्षों में 4000 और प्ले स्कूल जोड़ने का प्रस्ताव है।

ग्रामीण क्षेत्र के लिए 7,202 करोड़ रुपये का बजट आवंटित

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए 7,202 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव करते हुए इस वर्ष 1000 ग्राम पंचायतों में ई-पुस्तकालय खोलने की घोषणा की। इसके अलावा, प्रत्येक जिला परिषद में एक अलग इंजीनियरिंग विंग बनाने, वर्ष के अंत तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक शमशान भूमि और कब्रगाह को शिवधाम योजना में कवर करने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंचायतीराज संस्थाओं को स्थानीय शासन की प्रभावी संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पहला सुधार प्रभावी स्थानीय शासन के लिए पंचायती राज संस्थाओं में पढ़े लिखे जनप्रतिनिधि का था। कई क्षेत्रों से आलोचना के बावजूद, इस कदम को संवैधानिक रूप से मान्य ठहराया गया और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इसकी प्रशंसा की। हरियाणा ने एक अद्वितीय फार्मूले के आधार पर पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी है, जिससे उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ है।

उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र के डेटा का उपयोग करके पीआरआई में पिछड़े वर्गों (ए) को प्रतिनिधित्व प्रदान दिया गया है। इसी कड़ी में, पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सार्वजनिक निधियों के अनुमोदन और व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए हाल ही में हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के माध्यम से ई-निविदा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रारंभिक हिचकिचाहट के बाद, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधी ग्रामीण लोगों के और अधिक फायदे के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को समझेंगे। शहरी स्थानीय निकायों की तर्ज पर पंचायती राज संस्थाओं को स्टैंप ड्यूटी और बिजली की खपत पर टैक्स जैसे राजस्व के विशिष्ट स्रोत प्रदान किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण बुनियादी ढांचे जैसे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण सड़कें ,जिनका इस समय रखरखाव हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किया जा रहा है, सरकारी स्कूलों, ग्रामीण स्टेडियमों, पुस्तकालयों, सामुदायिक केंद्रों, स्ट्रीट लाइट आदि के रखरखाव की जिम्मेदारी जिला परिषदों को दी गई है। इसके लिए वर्ष 2023-24 में, प्रत्येक जिला परिषद में एक अलग इंजीनियरिंग विंग प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिला परिषदों और अन्य पंचायती राज संस्थाओं को अपने स्तर पर विकास कार्य करने में सशक्त बनाने के लिए इंजीनियरिंग विंग के लिए अतिरिक्त 699 पद सृजित किए गए हैं। साथ ही स्वीकृत 2237 पदों के अतिरिक्त ग्राम सचिवों के समकक्ष 2250 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें से 857 पद वर्तमान में रिक्त हैं। इन पदों को वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में भरा जाएगा, ताकि ग्राम पंचायतें प्रभावी ढंग से काम कर सकें।

वित्त मंत्री ने बताया कि जिन जिलों में जिला परिषद्ों के अपने भवन नहीं है वहां जिला परिषद सचिवालयों का निर्माण किया जा रहा है। करनाल और सिरसा में जिला परिषद सचिवालय का निर्माण कार्य चल रहा है और शीघ्र ही गुरुग्राम और रेवाड़ी में शुरू हो जाएगा। वर्ष 2023-24 में, सात जिलों में जिला परिषद सचिवालय के लिए स्थलों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है ताकि निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। उन्होंने बताया कि छठे राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर चालू वर्ष में पंचायती राज संस्थाओं को अंतिम तिमाही के लिए 1100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। वर्ष 2023-24 में यह राशि 3,145 करोड़ रुपये होगी।

मनोहर लाल ने कहा कि गांवों में 700 पार्क एवं व्यायामशालाएं स्थापित की गई हैं। हाल ही में इन व्यायामशालाओं में योग सहायकों को नियुक्ति की गई है। उन्होंने इन 700 पार्क एवं व्यायामशालाओं के साथ ‘आयुष्मान स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्र’ स्थापित करने का प्रस्ताव करने की घोषणा की और कहा कि इससे ग्रामीण निवासियों को योग और आयुष पद्धति अपनाने में मार्गदर्शन मिले और ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों के स्वास्थ्य और तंदरूस्ती में सुधार हो सकेगा। उन्होंने वर्ष 2023-24 के लिए ग्राम पंचायतों में 1000 नए पार्क और व्यायामशालाएं बनाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने शमशान भूमि और कब्रगाहों के विकास के लिए शिवधाम योजना शुरू की थी। अब इस वर्ष के अंत तक, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक शमशान भूमि और कब्रगाह को शिवधाम योजना में कवर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पिछले साल बजट भाषण में ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक पुस्तकालय स्थापित करने की घोषणा की थी। अब यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ई-पुस्तकालयों की स्थापना के लिए 370 करोड़ रुपये की लागत से कुल 979 भवनों की मरम्मत की जा रही है। उन्होंने वर्ष 2023-24 में 1000 ग्राम पंचायतों में ई-पुस्तकालय खोलने का प्रस्ताव किया है। ये पुस्तकालय जनसंख्या के आधार पर तीन श्रेणियों में खोले जाएंगे। इसके अतिरिक्त, वे मौजूदा ग्राम पंचायत भवनों में विशेष मरम्मत के बाद 468 उच्च सुविधाओं वाले जिमनेजियम और 780 महिला संस्कृति केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव करते हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सभी ग्राम पंचायतों की फिरनियों में केंद्रीकृत नियंत्रण और निगरानी प्रणाली के साथ स्ट्रीट लाइट उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 के पहले चरण में कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में जिला परिषदें प्रत्येक ब्लॉक में सबसे अधिक आबादी वाले कम से कम 5 गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगाएंगी। इस वर्ष 750 ग्राम पंचायतों में इस कार्य को पूरा कराने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे सहित ठोस कचरे का प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। वर्ष 2023-24 में वे ग्राम पंचायतों और अन्य पंचायती राज संस्थानों को शामिल करते हुए विकेंद्रीकृत कार्यान्वयन मॉडल के माध्यम से ग्राम पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक व्यापक समाधान करने का प्रस्ताव करते हैं।

उन्होंने राज्य में स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्वता जाहिर करते हुए कहा कि हरियाणा में स्वच्छ भारत के सफल क्रियान्वयन से एक नई चुनौती पैदा हो गई है। उन्होंने बताया कि लगभग 70 प्रतिशत ग्रामीण घरों में शौचालय हैं जो केवल एक सेप्टिक टैंक से जुड़े हैं जिन्हें कुछ वर्षों के बाद साफ करना होता है। वर्तमान में, अपशिष्ट का उचित प्रबंध करने के लिए कोई निर्दिष्ट सुविधा नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में सरकार इस समस्या का समाधान खोजने की पहल करेगी। उन्होंने बताया कि मौजूदा 108 सीवरेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) के 10 कि.मी. के दायरे में स्थित 1500 ग्राम पंचायतों में मलयुक्त गाद का उचित संग्रह और परिवहन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार जिले के खंड मुख्यालय, जहां 20 कि.मी. के दायरे में कोई एस.टी.पी. स्थित नहीं है, में एक मलयुक्त गाद उपचार संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू करेगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गोबर-धन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) योजना के तहत 22 बायो गैस प्लांट स्थापित किए जाने हैं। हिसार और भिवानी जिले में दो बायोगैस संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जबकि अंबाला, चरखी दादरी, रोहतक, नूंह, रेवाड़ी, सिरसा और यमुनानगर जिलों में सात बायोगैस संयंत्र वर्ष 2023-24 में चालू होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि ग्राम दर्शन पोर्टल के रूप में एक अनूठी पहल पिछले साल लागू की गई है जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग विकास कार्यों के लिए अपनी मांगों को सीधे उठा सकते हैं। जनप्रतिनिधियों की संस्तुति एवं संबंधित सरकारी अभिकरण द्वारा व्यवहार्यता की जांच के आधार पर विकास कार्यों को क्रियान्वित करने हेतु प्रारम्भ किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ग्राम दर्शन पोर्टल सरकार के न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन के आदर्श वाक्य पर आधारित है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों, जनप्रतिनिधियों और क्रियान्वयन सरकारी एजेंसियों के बीच सीधा संवाद स्थापित करता है। इस पोर्टल पर 13,351 से अधिक मांगें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 6925 मांगों की सिफारिश जनप्रतिनिधियों ने की है। उन्होंनेे उम्मीद जताते हुए कहा कि आने वाले महीनों में ग्राम दर्शन पोर्टल के कामकाज को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा ताकि शासन के इस उपाय का प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया जा सके।

मनोहर लाल बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना राज्य के आठ जिलों में क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत, न्यू जनरेशन वाटरशेड परियोजनाओं के तहत 80.59 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाओं को अगले पांच वर्षों में पांच जिलों भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और यमुनानगर में लागू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पिछले साल राज्य सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वर्ष 2022-23 में 10,000 नए स्वयं सहायता समूह गठित करने के सरकार के महत्वाकांक्षी इरादे की घोषणा की थी। इसमें से जनवरी, 2023 के अंत तक 6,200 नए स्वयं सहायता समूह गठित किए जा चुके हैं और उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इन स्वयं सहायता समूहों को प्रदान की जाने वाली सहायता के अलावा सरकार द्वारा पूर्ण ब्याज सहायता प्रदान की जा रही है, जिनमें स्वयं सहायता समूह की आधी से अधिक सदस्यता उन परिवारों से है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है। उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए 7,202 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 70.4 प्रतिशत की वृद्धि है।


शहरी विकास और आवास क्षेत्रों के लिए 5,893 करोड़ का बजट

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने शहरी विकास और आवास क्षेत्रों के लिए 5,893 करोड़ रूपए के बजट की घोषणा करते हुए कहा कि जहां दिव्य नगर योजना के लिए 500 करोड़ खर्च किए जाएंगे वहीं बडे़ शहरों में सीवरेज के रखरखाव पर 200 करोड़ रूपए खर्च होंगे। यही नहीं स्वच्छ शहरों के सफाई कर्मचारियों को सालाना 12000 रूपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने ‘सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी’ की स्थापना करने की भी घोषणा की।

मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य नगर पालिकाओं को सशक्त बनाना है ताकि वे शहरी शासन के प्रभावी और आत्मनिर्भर संस्थानों के रूप में उभर सकें। उन्होंने बताया कि हाल ही में, सरकार ने नगरपालिकाओं को हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के माध्यम से स्थानीय स्तर पर विकास कार्य करने के लिए वित्तीय शक्तियाँ बढ़ाकर प्रदान की हैं। उन्होंने घोषणा की कि निर्धारित मापदंडों को प्राप्त करने में प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर नगर पालिकाओं को अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाएगी।

उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी शहर की स्वच्छता को बनाए रखने और रखरखाव में अमूल्य योगदान देते हैं। सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी श्रेणी में शीर्ष 50 में स्थान पाने वाली पालिकाओं में सफाई कर्मचारियों द्वारा किये गए कार्य को मान्यता दी जाएगी और उस शहरी स्थानीय निकाय के सभी सफाई कर्मचारियों को शहर को साफ रखने में उनके प्रयासों की मान्यता के रूप में प्रति माह 1,000 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी या सालाना 12,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से शुरू किया है और राज्य में ऐसी 190 कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग और सभी नगर पालिकाएं यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास करेंगे कि शेष पात्र कॉलोनियों को वर्ष 2023-24 में नियमित किया जाए और इन कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू किए जाएं।

उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण, सामाजिक और सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए दिव्य नगर योजना के लिए दिशानिर्देश हाल ही में अधिसूचित किए गए हैं। इस योजना में ऑक्सी-वन, नगर वन, शहर के बड़े पार्कों और हरित स्थानों, शहर के सौंदर्यीकरण और लैण्ड स्कैपिंग, सड़क जंक्शनों के पुनः डिजाइन और सौंदर्यीकरण, पर्यटन बुनियादी ढांचे, खेल के बुनियादी ढांचे, एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्रों की स्थापना, ऊर्जा कुशल स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम, ऑडिटोरियम, ओपन एयर थिएटर और नगर निगम शासन में शहरी स्थानीय निकायों की भागीदारी के साथ राज्य प्रायोजित योजना के रूप में अन्य प्रौद्योगिकी आधारित हस्तक्षेप का विकास किया जाएगा। इस योजना के तहत परियोजनाओं को हाथ में लेने के लिए नगर निगमों, परिषदों एवं समितियों को अनुमोदित परियोजना लागत का क्रमशः 50 प्रतिशत, 65 प्रतिशत एवं 75 प्रतिशत राज्यांश प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दिव्य नगर योजना के लिए वर्ष 2023-24 में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में, जहां सीवरेज के रख-रखाव का काम नगर निगमों और महानगर विकास प्राधिकरणों द्वारा किया जाता है, वहां सीवरेज के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि अलग रखने का भी प्रस्ताव किया है। इस परियोजना के लिए हरियाणा शहरी विकास निधि से धन प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार राजस्व अर्जित करने वाली परियोजनाओं और खाली पड़ी जमीनों के मुद्रीकरण के प्रस्तावों को लाने के लिए राज्य के शहरी स्थानीय निकायों का सहयोग करना चाहती है। इस अनुमोदित परियोजना के आधार पर किसी शहरी स्थानीय निकाय को कम ब्याज पर ऋण दिया जाएगा। इस उद्देश्य से हरियाणा वित्तीय सेवा निगम लिमिटेड के माध्यम से 500 करोड़ रुपये का एक फंडिंग चैनल अलग रखा जा रहा है।

मनोहर लाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों को लागू करने के साथ, नागरिक इंटरफेस में सुधार की आवश्यकता महसूस की गई है। सरकार वर्ष 2023-24 में शहरी स्थानीय निकायों और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के माध्यम से जिला मुख्यालयों में स्थित नगर निगमों और नगर परिषदों में कम से कम 1000 नागरिक सुविधा केंद्र स्थापित करने में सहयोग करेगी। ये नागरिक सुविधा केंद्र प्रौद्योगिकी आधारित नागरिक सेवाएं प्रदान करेंगे और शहरी क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने के लिए अन्य संबंधित सेवाएं भी प्रदान करेंगे।

नगर एवं ग्राम आयोजना

वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले लंबे समय से चले आ रहे ऐसे विवादों के निपटारे के लिए ‘विवादों का समाधान‘ योजना की घोषणा की थी, जिनमें सरकार एक पक्षकार है। विवादों का समाधान के तहत विशिष्ट योजनाओं को कई क्षेत्रों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इसी क्रम में, वे नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग में नवीनीकरण शुल्क के बकाया के निपटान का प्रस्ताव करते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग का 3600 करोड़ रुपये नवीनीकरण शुल्क का मूल व ब्याज बकाया है, जिसमें 2000 करोड़ रुपये ब्याज है। यह योजना बकाया ब्याज की छूट प्रदान करेगी। अगर लाइसेंसी ने आंशिक कब्जा प्रमाण पत्र ले रखा है, तो उसे ब्याज के एवज में सिर्फ बकाया नवीनीकरण शुल्क की मूल राशि का 10 प्रतिशत देना होगा। अपूर्ण परियोजनाओं के लाइसेंसी को ब्याज के एवज में सिर्फ नवीनीकरण शुल्क के 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। यह छूट उन्हें मिलेगी, जो 4 महीने में बकाया नवीनीकरण शुल्क की मूल राशि व ब्याज की घटी हुई राशि की अदायगी करेंगे। योजना का विवरण नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण के पिछले कटु अनुभवों ने कई विवादों को जन्म दिया है और किसानों को असंतुष्ट व नाराज किया है। हमने विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनिवार्य भूमि अधिग्रहण की अपेक्षा, ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किसानों की सहमति से भूमि खरीदने का कार्य सफलतापूर्वक किया है। अब सरकार ने आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए भूमि प्राप्त करने हेतु लैंड पूलिंग और लैंड पार्टनरशिप पर हाल ही में नीतियां अधिसूचित की हैं। इन नीतियों का उद्देश्य भूस्वामियों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाना और उन्हें उनके द्वारा दी गई भूमि के लिए सही बाजार मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाना है। वर्ष 2023-24 में, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम क्रमशः 10 शहरों और कस्बों में आवासीय सेक्टर्स और 10 क्षेत्रों में औद्योगिक सेक्टर्स के विकास के लिए लैंड पूलिंग, लैंड पार्टनरशिप और ई-भूमि पर 100 से 500 एकड़ भूमि प्राप्त करने के लिए अलग से प्रस्ताव जारी करेंगे।

मनोहर लाल ने बताया कि गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी और फरीदाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी की स्थापना से इन दो महानगरों में बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आई है। सोनीपत भी एक महानगर का स्वरूप ग्रहण कर रहा है। वर्ष 2023-24 में कुंडली, राई और सोनीपत सहित सोनीपत मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र की एकीकृत योजना और विकास के लिए ‘सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी’ की स्थापना करने का कानून लाने का प्रस्ताव है। उन्होंने यह भी बताया कि महानगर विकास प्राधिकरणों के माध्यम से फरीदाबाद और सोनीपत में रैनी वेल सिस्टम पर आधारित और गुरुग्राम में नहर के पानी से नई जल आपूर्ति वृद्धि परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

उन्होंने बताया कि लंबे समय से लंबित गुरुग्राम मेट्रो परियोजना को केंद्र सरकार के सार्वजनिक निवेश बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया है और केंद्रीय मंत्रिमंडल की अंतिम स्वीकृति का इंतजार है। इसके बाद, गुरुग्राम मेट्रो का निर्माण कार्य वर्ष 2023-24 में शुरू हो जाएगा। ऐसे में वर्ष 2023-24 में तीन अन्य मेट्रो लिंक शुरू करने का भी प्रस्ताव है अर्थात् (क) रेजांगला चौक से दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक मेट्रो लिंक (ख) सदर्न पेरिफेरल रोड से ग्लोबल सिटी और मानेसर होते हुए पंचगांव तक मेट्रो लिंक (ग) हरियाणा ऑर्बिटल रेल नेटवर्क और कुंडली-मानेसर-पलवल (के.एम.पी) एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए आसौधा तक बहादुरगढ़ मेट्रो का विस्तार किया जाएगा।

सभी के लिए आवास

मनोहर लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरणा लेते हुए हरियाणा सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है कि हर परिवार के पास एक आश्रय हो। प्रधानमंत्री आवास योजना (पी.एम.ए.वाई.) में पेश किए गए लाभों से प्रोत्साहित होते हुए, सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पी.पी.पी.) के अनुसार 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले जरूरतमंद परिवारों को किफायती आवास प्रदान करने के लिए एक नीति तैयार की है। यह नीति 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करेगी और परिवार के पास भूमि नहीं होने पर आवास के लिए भूमि उपलब्ध कराएगी। सर्वेक्षण डेटा के आधार पर एक पायलट प्रोजेक्ट अप्रैल, 2023 में लॉन्च करने का प्रस्ताव है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में दिये जा रहे लाभों के अलावा, राज्य सरकार द्वारा की गई पहल के माध्यम से वर्ष 2023-24 में 1 लाख घर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव करते हुए बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों के आधार पर, अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान बाद में वर्ष 2023-24 में किया जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में शहरी विकास और आवास क्षेत्रों के लिए 5,893 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव करता किया, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 11.1 प्रतिशत की वृद्धि है।


जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी क्षेत्र को 5,017 करोड़ रुपये आवंटित

वित्तमंत्री ने बजट में हरियाणा के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता पर ध्यान केन्द्रित किया है और इसके लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को 5,017 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। बजट में केंद्र सरकार के वर्ष 2024 तक हर घर को नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य को हरियाणा ने वर्ष 2022 में ही प्राप्त कर लिया है जिसकी सराहना प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में की है। प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन और शहरी तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है इसके लिए बजट में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी क्षेत्र को 5,017 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

महाग्राम योजना के तहत बड़े गांव में सीवरेज लाइन डाली जाएगी, प्रथम चरण में 132 गांवों का चयन किया गया

राज्य सरकार ने 10,000 से अधिक आबादी वाले गांवों में सीवरेज प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से महाग्राम योजना शुरू की है। सीवरेज सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 132 गांवों का चयन किया गया है, जिनमें से 36 गांवों में कार्य प्रगति पर है। 85 नगरों में 100 किलोमीटर नई सीवर लाइन बिछाने के लक्ष्य में से जनवरी, 2023 तक 75 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है और शेष कार्य भी इसी वित्त वर्ष में पूरा होने की संभावना है। आगामी वित्त वर्ष के दौरान 100 किलोमीटर नई सीवर लाइन बिछाने के लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने बिजली संयंत्रों, उद्योगों, सिंचाई और नगर पालिकाओं द्वारा गैर-पेय प्रयोजनों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने के लिए एक नीति तैयार की है। अब तक, हरियाणा में 170 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, जो प्रतिदिन 1985 मिलियन लीटर अपशिष्ट जल उत्पन्न करते हैं। इस समय 187 एम.एल.डी. उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग गैर-पेय उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। सरकार ने उन क्षेत्रों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग के लिए टैरिफ भी अधिसूचित किया है, जहां इसका उपयोग हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा अनिवार्य किया गया है।

जल संरक्षण पर अधिक से अधिक फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण और भूजल के संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एच.डब्ल्यू.आर.ए) का गठन किया है, जिसमें भूजल उपलब्धता की ग्रामवार रिपोर्ट तैयार की है, जो दर्शाती है कि 7287 गांवों में से 3041 गांवों पानी की कमी है। अटल भूजल योजना के तहत जल संरक्षण पर लोगों को जागरूक किया जाएगा इसके अलावा पानी की कमी वाले खण्डों के गांवों में 1000 पीजोमीटर स्थापित किए जाएंगे।

बजट अभिभाषण में उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (पी.डी.एम.सी.) के तहत 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करके जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा माइक्रो इरिगेशन कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (मिकाडा) को जल संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है जिसके तहत लगभग 1 लाख एकड़ खेती योग्य कमांड क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के अधीन लाया जा चुका है और वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 2000 ऑन-फार्म वाटर टैंकों का निर्माण किया गया है। वर्ष 2023-24 लगभग 2.5 लाख एकड़ खेती योग्य कमांड क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाने और 4000 ऑन-फार्म वाटर टैंक बनाने के लक्ष्य रखा गया है।

वित्तमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए फसली चक्र को बदलने पर जोर दिया जाएगा। प्रदेश में ढाई लाख एकड़ से अधिक में गन्ने की खेती होती है जिसमें बहुत अधिक पानी की आवष्यकता होती है। गन्ना किसानों को फ्लड इरीगेशन के बजाय सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का उपयोग करना चाहिए। सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में लगभग 2 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर किया जाए।

उपचारित जल का सिंचाई के लिए हो उपयोग

वित्त मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने के लिए, लगभग 500 करोड़ रुपये लागत की 22 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अलावा 1000 रिचार्ज बोरवेल और छत पर वर्षा जल संचयन के लिए 2000 संरचनाओं का लक्ष्य रखा गया है। सृजित सिंचाई क्षमता और उपयोग की गई सिंचाई क्षमता के बीच के अंतर को कम करने के लिए खेती योग्य कमांड क्षेत्र के खालों के मरम्मत, निर्माण और प्रति एकड़ 24 फीट से 40 फीट बढ़ाने के काम में तेजी लाई जाएगी।

सरकार दक्षिणी हरियाणा की उठान सिंचाई प्रणाली के जीर्णोद्धार को प्राथमिकता दे रही है। जे.एल.एन. नहर, दीवाना और नारनौल के सिंचाई प्रणाली की क्षमता और दक्षता में सुधार के लिए लगभग 150 करोड़ रुपये राशि की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और 2024 में पूरी हो जाएंगी।

इसके अलावा बाढ़ रोकथाम के साथ-साथ मौजूदा नहर नेटवर्क के माध्यम से मानसून के अतिरिक्त पानी को शुष्क क्षेत्रों में ले जाकर पानी के संरक्षण और पुनः उपयोग के दोहरे उद्देश्य के साथ राज्य, विशेषकर रोहतक, झज्जर, हिसार, भिवानी, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद, पलवल, नूंह और सोनीपत जिलों में जल-भराव की समस्या को कम करने के लिए सरकार ने 97 योजनाओं को मंजूरी दी है। वर्श 2023-24 के दौरान सोनीपत के जुआं, झज्जर के सिवाना माजरा, नांगल चौधरी के मुसनोटा में जलाशयों के विकास कार्य और मेवात में कोटला झील के शेष कार्य को पूरा करने के अलावा महेंद्रगढ़ के निजामपुर खण्ड समेत 10 जलाशयों के विकास की प्रमुख परियोजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा, अमृत सरोवर योजना के पहले चरण में 1273 तालाबों का कार्य शुरू किया गया है, जिसमें से 208 तालाबों का कार्य पूरा हो चुका है और शेष तालाबों का कार्य वित्त वर्ष 2023-24 में शुरू किया जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बिजली कंपनियों का घाटा 30.15 प्रतिशत से घटकर 11.85 प्रतिशत हुआ

वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने बिजली बिलों के ऑनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित किया है जिसके चलते बिजली कंपनियों को भुगतान सुनिष्चित हुआ है जिसके चलते बिजली कंपनियां लाभ की स्थिति में आ गई है। उन्होंने कहा कि बिजली विकास की धुरी है और बिजली की बचत ही उसका उत्पादन है। इसी को ध्यान में रख सरकार ने बिजली सुधारों की मुहिम चलाई जिसके आज आशानुकूल परिणाम मिल रहे हैं। आज बिजली कंपनियों का तकनीकी एंव वाणिज्यिक घाटा जो वर्ष 2014 में 30.15 प्रतिशत था अब घटकर 11.85 प्रतिशत तक रह गया है।

584 करोड़ रुपये की लागत से यमुनानगर में नया प्लांट लगाया जाएगा

उन्होंने कहा कि नलकूप के लिए जिन किसानों ने आवेदन किए हैं उन्हें जल्द ही कनेष्कन जारी किए जाएगें। इसके अलावा जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है, वहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा पीएम-कुसुम के तहत सौर ऊर्जा आधारित कृषि नलकूप दिए जाएंगें।

उन्होंने कहा कि सौर उर्जा के प्रोत्साहन के लिए 70,000 सौर पंपों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा गौशालाओं, गुरुकुलों, कामकाजी महिला हॉस्टल, अनाथालयों, विशेष बच्चों के लिए स्कूलों, वृद्धाश्रमों, बाल गृहों, नारी निकेतनों, धर्मार्थ संस्थानों जैसे सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित सामाजिक और सामुदायिक संस्थानों में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप(जी.सी.आर.टी.) सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू की गई है।

हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर बजट में किया फोकस

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो न केवल हरियाणा विधानसभा में सदन के नेता हैं, बल्कि प्रदेश के वितमंत्री का प्रभार भी देख रहे हैं, ने आज सदन में प्रस्तुत किए गए हरियाणा के चौथे बजट में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर बजट में विशेष फोकस किया, ताकि दिल्ली के यातायात दबाव को कम किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने अपने बजट को मितव्यवता को भी केन्द्रित किया है जिसकी विपक्ष के सदस्य भी सराहना करने पर मजबूर हो गये। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सड़क तंत्र व रेल तंत्र को एक महत्वपूर्ण पहलू मानते हुए लोक निर्माण (सड़क व भवन) विभाग को पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता देते हुए क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित किया है और यह इस वित वर्ष के अंत तक यानि अप्रैल, 2023 तक यह कार्य पूरा हो जाएगा।

नाबार्ड से भी लिया जाएगा सहयोग

वित्त मंत्री ने बजट में सदन को जानकारी दी कि वर्ष 2022-23 के दौरान 311 किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण और 2954 किलोमीटर सड़कों का सुधार किया गया। वर्ष 2023-24 में, 5000 किलोमीटर सड़कों के सुधार का प्रस्ताव है। इसके अलावा, नाबार्ड की सहायता से 553.94 किलोमीटर लम्बी सड़कों को चौड़ा और मजबूत करने का कार्य किया जाएगा। सड़क सुरक्षा ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य में 14 नए बाइपासों का निर्माण भी शुरू करेगी।

आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. के निर्माण के लिए विशेष प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क तंत्र के साथ-साथ रेलवे को भी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का आधार मानते हुए सरकार ने फैसला किया कि हरियाणा को रेलवे क्रासिंग फाटक मुक्त प्रदेश बनाया जाए और इस कड़ी में 104 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. का कार्य शुरू किया गया, जिनमें से 58 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. पूरे हो चुके हैं और 46 आर.ओ.बी./आर.यू.बी. का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने सदन को जानकारी दी कि आगामी वर्ष 2023-24 के दौरान 36 और आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. का निर्माण किया जाएगा जिसमें लगभग 214.93 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली-आगरा एलिवेटिड रोड (एन.एच.-19) और दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेसवे वाया बल्लभगढ़-मोहना रोड के बीच बल्लभगढ़ शहर में एक एलिवेटिड सड़क के निर्माण तथा 723 करोड़ रुपये की लागत से हिसार एलिवेटिड रोड के निर्माण का भी प्रस्ताव शामिल है।

प्रदेश में पिछले 8 वर्षों में हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राज्य सरकार की पहल पर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) ने राज्य में विभिन्न परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है, जिनसे एनएच 152 डी इस्माइलाबाद- नारनौल ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम-दौसा खंड को यातायात के लिए खोल दिया गया है। इसी प्रकार द्वारका एक्सप्रेसवे के भी चालू होने की संभावना है। सोनीपत, रोहतक, जीन्द और कैथल जिलों से होते हुए दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य पहले ही प्रगति पर है।

इस बजट में केंद्र सरकार के सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पी.आई.बी.) द्वारा पूर्व-पश्चिम दिशा में चलने वाले नए एक्सप्रेस-वे के स्वीकृत प्रस्ताव को भी शामिल किया है, जो डबवाली-कालांवाली-रतिया-भूना-प्रभुवाला- उचाना-नगुरां-सफीदों को पानीपत शहर से जोड़ेगा। इसके अलावा, पेहोवा-कुरुक्षेत्र बाईपास-पिपली-लाडवा- यमुनानगर सड़क को चौड़ा करने और भारतमाला चरण-प्प् के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में इसकी घोषणा के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को प्रषित किया है।

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना हरियाणा में होगा औद्योगिक विकास

वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला अक्तूबर, 2022 में रखी गई थी और मानेसर से पाटली तक प्राथमिकता खंड का निर्माण कार्य 175.80 करोड़ रुपये की राशि से प्रगति पर है और वर्ष 2024 तक पूरा होने की संभावना है। रेलवे अधिनियम के तहत भूमि का अधिग्रहण शुरू किया गया है और पांच जिलों में अवार्ड घोषित किए जा चुके हैं। इसके अलावा रोहतक एलिवेटेड रेलवे लाइन परियोजना देश में अपनी तरह की पहली परियोजना थी। इसके बाद, कुरुक्षेत्र शहर में एलिवेटेड रेलवे लाइन की परियोजना शुरू की गई जिसके तहत 5 लेवल क्रॉसिंग खत्म हो जाएंगी और शहर के भीतर यात्रा सिग्नल फ्री होगी। बहादुरगढ़ और कैथल में एलिवेटेड रेलवे लाइन की परियोजना पर काम करने का बजट में प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय रेल मंत्रालय की मंजूरी के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।

ई-टिकटिंग शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बना

वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस साल 1000 मानक डीजल बसों, 150 ए.सी. बसों और 125 मिनी बसों के लिए ऑर्डर दिए हैं, जिनमें से कम से कम 500 बसें 31 मार्च, 2023 तक संचालन के लिए उपलब्ध होंगी ताकि नागरिकों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सके। सरकार का लक्ष्य रोडवेज के बेड़े की संख्या 4500 से 5300 करना है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा ई-टिकटिंग शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। पहले चरण मंे ई-टिकटिंग छः जिलों में पायलट आधार पर शुरू की गई थी और 31 मार्च तक सभी जिलों में लागू की जाएगी। इससे जहां यात्रा सुगम होगी वहीं यात्रियों को सीट व आवागमन की जानकारी सहज-सुलभ होगी। इससे रोजवेज में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा नौ शहरों में सिटी बस सेवा शुरू की जाएगी। 550 ए.सी. इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएगीं जिनमें से 175 मिनी बसें होंगी। फरीदाबाद में पीपीपी मोड के तहत पहला बस पोर्ट चालू किया गया है और आगामी समय में गुरुग्राम, बल्लभगढ़, हिसार, सोनीपत, करनाल और पिपली में भी बस पोर्ट बनाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि हरियाणा रोडवेज की बसों में 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को किराये में 50 प्रतिशत छूट है। इस आयु वर्ग को 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष किया जा रहा है। चालक लाइसेंस, वाहन पंजीकरण और रोड परमिट से संबंधित 37 सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। इसके अलावा डीलर पॉइंट पर नए वाहन पंजीकरण की सेवाएं शुरू की जा रही हैं। चालकों को मानकीकृत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कैथल, बहादुरगढ़, रोहतक और करनाल में ड्राइविंग, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आई.डी.टी.आर.) कार्यरत हैं। आगामी समय में नूंह और भिवानी में भी आई.डी.टी.आर. केन्द्र चालू किए जाएंगे।

रेल, सड़क के अलावा हवाई यात्रा के लिए किए जा रहे हैं व्यापक प्रबंध

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा अग्रसैन हवाई अड्डा, हिसार के निर्माण का कार्य चल रहा है और इसमें काफी प्रगति हुई है। करनाल हवाई अड्डे के लिए भूमि की खरीद पूरी हो चुकी है और हवाई अड्डे का निर्माण जल्द शुरू होगा। केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत अंबाला हवाई अड्डे से परिचालन सेवाएं शुरू करने के लिए 20 एकड़ रक्षा भूमि का हस्तांतरण किया गया है।

सरकार ने हरियाणा में उड्डयन बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिए एक नया राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम, हरियाणा हवाई अड्डा विकास निगम बनाया है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का विस्तार करने और इच्छुक पायलटों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, सरकार का हरियाणा नागरिक उड्डयन संस्थान के लिए 10 सिंगल इंजन ट्रेनर एयरक्राफ्ट और एक मल्टी इंजन एयरक्राफ्ट खरीदने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि परिवहन और नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 4,131 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं ताकि प्रदेश में आवागमन की सुविधाओं में विस्तार हो सके।

10,000 एकड़ भूमि पर अरावली सफारी पार्क होगा स्थापित

हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक व आध्यात्मिक पहचान को अंर्तराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। गीता महोत्सव का आयोजन अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर होने लगा है। इसके अलावा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पौराणिक व ऐतिहासिक धरोहरो को विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 323 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है। यह जानकारी हरियाणा के वितमंत्री मनोहर लाल ने आज बजट सत्र के दौरान विधानसभा में दी।

उन्होेंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अनेकों अवसर हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की सांझेदारी में गुरुग्राम और नूंह जिलों में 10,000 एकड़ भूमि पर अरावली सफारी पार्क स्थापित की जा रही है। यह भारत में इस तरह का सबसे बड़ा पार्क होगा।

भगवान श्रीकृष्ण के कर्म के संदेश को दुनिया में पहुंचाने के लिए 250 करोड़ रुपये की लागत से ज्योतिसर प्रायोगिक केंद्र बनाया जा रहा है। महाभारत की कहानी के वाचन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करने वाला भारत में अपनी तरह का पहला केंद्र है।

महेंद्रगढ़ जिले में च्यवन ऋषि के प्राचीन आश्रम स्थल ढोसी की पहाड़ी और भारत में केवल 4 विलुप्त ज्वालामुखियों में से एक, को एक प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा एक मार्शल स्पोर्ट्स संग्रहालय के साथ बाबा बंदा सिंह बहादुर मेमोरियल पार्क और लोहगढ़ किले पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सांझेदारी से राखीगढ़ी में एक आधुनिक संग्रहालय की स्थापना की जा रही है। जहां सरस्वती-सिंधु क्षेत्र की प्राचीन गौरवशाली सभ्यता और परिसर में खुदाई से निकले अवशेषों को प्रदर्शित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करता है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है। सरकार अक्तूबर-नवंबर, 2023 में मेला स्थल पर दिवाली उत्सव का भी आयोजन करेगी।

पंडित लख्मी चंद कलाकार सामाजिक सम्मान योजना के तहत मिलेगी प्रति माह 10,000 रुपये तक की सामाजिक सुरक्षा पेंशन

उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। जनता की आवाज के रूप में मीडिया की पहचान है। सरकार ने मीडियाकर्मियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया है। इसी कड़ी में मीडियाकर्मियों को भी सरकारी कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। प्रदेश सरकार अंबाला, भिवानी, हिसार, रेवाड़ी, करनाल और गुरुग्राम में डिजिटल सामग्री के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से युक्त छः मॉडल जिला स्तरीय सार्वजनिक ई-पुस्तकालय स्थापित करेगी ताकि लोगों में पठन- पाठन की रूचि पुर्नजीवित हो।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनेक लोक कलाकारों ने अंर्तराष्ट्रीय मंच पर अपने गायन- वादन की छाप छोड़ी है। ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहन के लिए पंडित लख्मी चंद कलाकार सामाजिक सम्मान योजना नाम से एक पेंशन योजना शुरू की जा रही हैै, जिसमें ऐसे कलाकारों को कुछ पात्रता मानदंडों के आधार पर प्रति माह 10,000 रुपये तक की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी। योजना का विवरण अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणवी लोक परंपराओं को लोकप्रिय बनाने के लिए, हरियाणवी कला प्रसार योजना शुरू की रही है। लोक कला रूपों में युवा कलाकारों को बढ़ावा देने और वित्त पोषण के लिए रणनीति तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जा रहा है ताकि सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक भी मिल सके।

फसल क्षतिपूर्ति के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल किया लॉन्च

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल क्षति की रिपोर्टिंग का सीधा नियंत्रण किसानों को देने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च किया गया है, जहां किसान प्राकृतिक कारणों से खड़ी फसलों को हुए नुकसान की सीधे रिपोर्ट कर सकते हैं। यह जानकारी हरियाणा के वितमंत्री ने आज बजट सत्र के दौरान विधानसभा में दी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग (एचए.एल.एस.एम.) परियोजना के अंर्तगत 25.44 लाख संपत्तियों की मैपिंग के साथ पूरा हो गया है। इससे इन संपत्तियों के मालिकों के पक्ष में टाइटल डीड और मालिकाना हक को मान्यता मिली है। प्रदेश की एक-एक इंच भूमि का मानचित्रण किया जा रहा है। इसके अलावा भू-अभिलेख प्रणाली के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि संपति हस्तांतरण, खरीद-बेच आदि कार्यों में पारदर्शिता आए इसके लिए जी.आई.एस. आधारित तकनीक प्रयोग में लाई गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में अग्नि सुरक्षा निदेशालय को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग में हस्तांतरित कर दिया है, क्योंकि अग्नि सुरक्षा अब केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। 250 करोड़ रुपये की लागत से अग्नि सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अग्निशमन सेवाएं प्रदान की जाएंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां भूमि उपलब्ध है, अग्निशमन केंद्र बनाए जाएंगें। इसके साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए जींद जिले में एक अग्निशमन सेवा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा।

अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम में राज्य पुलिस बल को मिला प्रथम रैंक

उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सी.सी.टी.एन.एस.) के कार्यान्वयन के संबंध में सभी प्रमुख राज्य पुलिस बलों में प्रथम रैंक से सम्मानित किया गया है। जुलाई, 2021 में हरियाणा 112 (ई.आर.एस.एस.) परियोजना के शुरू होने के बाद, राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र में 86 लाख से अधिक कॉल्स के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। इनमें से 12.55 लाख कॉल्स के लिए वाहन डिस्पैच किए गए। हरियाणा में 112 एकीकृत सेवा जिसका औसत प्रतिक्रिया समय 15 मिनट था अब वह घट कर 8 मिनट 22 सैकेंड रह गया है।

उन्होंने बताया कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। इसके लिए 21 नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन स्थापित किये गए। अब इनकी कुल संख्या 29 हो गई है। अलग से हरियाणा पुलिस जांच काडर को मंजूरी दी गई है। विभिन्न विभागों की बिजली, आबकारी एवं कराधान, खनन गतिविधियों, सड़क परिवहन उल्लंघनों और अवैध अतिक्रमणों से संबंधित प्रवर्तन गतिविधियों में सहायता के लिए प्रवर्तन विंग की स्थापना की गई है।आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश, सबूतों, दृष्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक मोबाइल फोरेंसिक साइंस यूनिट (एम.एफ.एस.यू.) स्थापित की जाएगी।

महेन्द्रगढ़ में मिली तांबे के भंडार की खनिज ब्लॉक

वित्त मंत्री ने बताया कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के सहयोग से महेंद्रगढ़ जिले के गोलवा गांव में 17.62 मिलियन टन तांबा भंडार मिला है। यह हरियाणा में पहली बड़ी खनिज संसाधन खोज है और सरकार आगामी समय में इस खनिज ब्लॉक की नीलामी की योजना बनाएगी। उन्होंने कहा कि एक पोर्टल के माध्यम से सभी खानों की नीलामी ऑनलाइन की गई है। इससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।

शासन और लोक प्रशासन क्षेत्र के लिए 13,114 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनोहर लाल ने बजट सत्र में कहा कि प्रदेश सरकार का संकल्प है कि हरियाणा के चहुंमुखी विकास के लिए नवीन योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए ताकि लोगों को रोजगार के साथ-साथ योजनाओं का लाभ भी मिले। बेहतर व पारदर्शी प्रशासन उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता हैं। प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना का सुदृढ़ व सशक्त होना जरूरी है। इसी कड़ी में 50 करोड़ रुपये की लागत से अलग से हरियाणा विधानसभा परिसर का निर्माण किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिये चण्डीगढ़ में बहुमंजिला आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी पर बढ़ती निर्भरता के चलते 266 करोड़ रुपये राज्य डेटा केंद्र के नवीनीकरण और विस्तारीकरण पर खर्च किए जाएगें। इसके लिए केन्द्र से 83 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है।

उन्होंने बताया कि ग्राम स्तर कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए 130 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी जिसमें से 65 करोड़ रुपये केन्द्र ने मंजूर किए हैं। इससे पंचायत कार्यालयों, पटवारखानों, सरकारी स्कूलों, आंगनवाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों और पुलिस स्टेशनों सहित प्रत्येक ग्राम पंचायत में फाइबर कनेक्टिविटी का विस्तार होगा। डिजिटल प्रौद्योगिकियों के प्रोत्साहन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

खेल क्षेत्र के लिए 566 करोड़ का बजट आवंटित

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने खिलाड़ियों के हित में कई अहम निर्णय लेते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2023.24 के लिए खेल क्षेत्र हेतु 566 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया है। इसके अलावा, एशियाई खेलों की तैयारी के लिए चयनित खिलाड़ी को अढ़ाई लाख देने, अंबाला और पंचकुला में हरियाणा खेल अकादमी एवं खेल छात्रावास खोलने, कुरुक्षेत्र में साइकिल वेलोड्रोम और करनाल में वाटर स्पोर्ट्स का निर्माण करने और खिलाड़ियों के सुरक्षा-कवच के रूप में मास्टर चन्दगीराम स्पोर्ट्सपर्सन इंश्योरेंस बेनिफिट स्कीम शुरू करने की घोषणा की।

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। राज्य के खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, कुश्ती और हॉकी में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। बहुत ही खुशी की बात है कि हाल ही में मध्य प्रदेश में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हरियाणा पदक तालिका में 128 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जिनमें से 41 स्वर्ण पदक हैं। उन्होंने हरियाणा के सभी पदक विजेताओं को बधाई देते हुए घोषणा की कि एशियाई खेलों की तैयारी के लिए हर पात्र खिलाड़ी को अढ़ाई लाख रुपये जारी करने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवा, नवोदित खिलाड़ियों के लाभ के लिए राज्यभर में 1100 खेल नर्सरियां स्थापित की हैं। उन्होंने अंबाला एवं पंचकूला में 200 बिस्तर प्रत्येक की क्षमता वाले हरियाणा खेल अकादमी एवं खेल छात्रावास स्थापित करने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि इससे हरियाणा और शेष भारत के राष्ट्रीय स्तर के एथलीटों को ओलंपिक तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की तैयारी के लिए आवासीय प्रशिक्षण सुविधाएं मिल सकेंगी। अन्य खेल विधाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कुरुक्षेत्र जिले में एक साइकिल वेलोड्रोम और करनाल जिले में एक वाटर स्पोटर्््स के निर्माण करने का निर्णय लिया है। इन सुविधाओं का निर्माण वर्ष 2023-24 में शुरू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सर्वोच्च अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं को अपनाकर राई, सोनीपत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पोर्ट्स साइंस, स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स पोषण और खेल शिक्षा जैसे खेलों से संबंधित विभिन्न विषयों में अनुसंधान और अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए ‘हरियाणा खेल विश्वविद्यालय’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह खेल विश्वविद्यालय वर्ष 2023-24 में काम करना शुरू कर देगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को चोट लगने का खतरा होता है और ये चोटें खेल में उनके कैरियर को बाधित करती हैं। उन्होंने खिलाड़ियों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए मास्टर चन्दगीराम स्पोर्ट्सपर्सन इंश्योरेंस बेनिफिट स्कीम नाम से एक योजना शुरू करने की घोषणा की। इससे खिलाड़ियों को दो साल तक के लिए चोटों और उनके कैरियर में व्यवधान के मामले में मदद मिलेगी। इस योजना का संचालन हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का विवरण अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

मनोहर लाल ने कहा कि जो खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं उनके प्रशिक्षण प्रयासों में सहायता प्रदान करने के लिए और चोटों के मामले में उनका पोषण करने के लिए, एक राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक खेल प्रशिक्षण और पुनर्वास केंद्र (एस.टी.आर.सी.एस.) जल्द ही ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पंचकुला में चालू किया जाएगा। इसमें वैज्ञानिक खेल प्रशिक्षण, खेल चोट पुनर्वास और खेल फिजियोथेरेपी की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने वर्ष 2023-24 में हिसार और रोहतक जिलों में भी ऐसे ही केंद्रों का निर्माण शुरू करने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खेल क्षेत्र को 566 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 11.5 प्रतिशत अधिक है।

आशा, आंगनवाडी कार्यकर्ता व चैकीदार को भी मिलेगा चिरायु योजना का लाभ

मनोहर लाल ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं, चैकीदारों, मध्याह्न भोजन कार्यकर्ताओं, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों और ऐसे अन्य कार्यकर्ताओं और नंबरदारों के परिवारों को 125 रुपये प्रति माह के मामूली योगदान करने पर चिरायु योजना का लाभ देने का प्रस्ताव है।

मनोहर लाल ने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ए.बी.-पी.एम.जे.ए.वाई.) के तहत उन सभी परिवारों को कवरेज प्रदान करेगी, जिनकी परिवार पहचान पत्र के अनुसार वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है। उस समय केवल 15.5 लाख परिवार आयुष्मान भारत के तहत लाभ प्राप्त कर रहे थे। अब पी.पी.पी. डेटा का उपयोग कर ‘अंत्योदय इकाइयों का व्यापक स्वास्थ्य बीमा (चिरायु)- आयुष्मान भारत‘ के तहत लगभग 29.93 लाख लाभार्थी परिवारों की पहचान की गई है। इनमें से लगभग 14.5 लाख परिवारों का खर्च पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है, जबकि शेष परिवारों का खर्च केंद्र सरकार के साथ सांझा किया जाता है।

वित मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में, चिरायु-आयुष्मान भारत का लाभ उन सभी परिवारों तक पहुंचाने का प्रस्ताव जिनकी पी.पी.पी. में वार्षिक सत्यापित आय 1.80 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक है। इन परिवारों को सूचीबद्ध कर किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपये का चिकित्सा उपचार कवर प्राप्त करने के लिए खर्च का 50 प्रतिशत कवर करते हुए प्रति परिवार, प्रति वर्ष 1500 रुपये का मामूली योगदान करने के लिए कहा जाएगा। पहले से चिन्हित 29.93 लाख परिवारों के अलावा लगभग 8 लाख ऐसे परिवार हैं, जो चिरायु-आयुष्मान भारत का लाभ प्राप्त करने के अतिरिक्त पात्र होंगे। नए लाभपात्रों के बाद अब राज्य की 54 प्रतिशत से अधिक आबादी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।

गुरुग्राम में बनेगा अत्याधुनिक मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पताल

वित मंत्री ने कहा कि गुरुग्राम में 700 बिस्तर का अत्याधुनिक मल्टी स्पेशिलिटी जिला अस्पताल बनाया जाएगा। इस अस्पताल में माध्यमिक स्तर और उन्नत नैदानिक सुविधाओं के लिए अनिवार्य सभी विशिष्टताओं के प्रावधान के अलावा कार्डियक, नेफ्रोलॉजी और न्यूरोलॉजिकल अवस्था वाले रोगियों के लिए सुपर स्पेशिलिटी चिकित्सीय देखभाल प्रदान की जाएगी। सभी प्रकार की आपात स्थितियों के प्रबंधन के लिए अस्पताल परिसर में 50 बिस्तर का क्रिटिकल केयर ब्लॉक होगा।

निःशक्तजनों के लिए पंचकूला में स्टेट एक्शन-‘समानुभूति’ स्थापित

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में पंचकूला में निःशक्तजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत विनिर्दिष्ट निःशक्तजनों की सभी श्रेणियों को कवर करने वाले विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मानसिक, पोषण और व्यावहारिक उत्थान पहल के लिए पंचकूला में स्टेट एक्शन-‘समानुभूति’ स्थापित करने का प्रस्ताव हैं। यह विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों का समाज के साथ सार्थक जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए रोकथाम, निदान, अन्तःक्षेप और पुनर्वास से लेकर जीवन चक्र की दृष्टि से बहुस्तरीय सेवाएं उपलब्ध करवाएगा। समानुभूति में उपचार के भाग के रूप में स्पीच थैरेपी, आॅक्यूपेशनल थैरेपी, विशेष तथा व्यावसायिक शिक्षा, व्यवहार, संगीत और प्ले थैरेपी जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। पी.पी.पी. के तहत जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है, उन सभी परिवारों को मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच प्रदान की जाएगी। तबसे निरोगी योजना शुरू की गई है और योजना का लाभ अंत्योदय परिवारों को पहुंचना शुरू हो गया है।

11 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में 10,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश, उप-मण्डलीय अस्पतालों में पीपीपी से अल्ट्रासाउंड और अन्य सुविधाएं प्रस्तावित

वित मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का व्यापक विस्तार किया है। इन 11 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में पूंजीगत कार्यों में कुल निवेश लगभग 10,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। इससे एम.बी.बी.एस. की सीटें 1350 बढ़ जाएंगी और मौजूदा क्षमता में 75 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि होगी। वर्ष 2023-24 में, महेंद्रगढ़, जींद और भिवानी जिलों में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज अपने पहले प्रवेश के साथ शुरू होने की संभावना है। सभी नए मेडिकल कॉलेजों के साथ 11 जिलों में से प्रत्येक में नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज भी शुरू किए जाएंगे, जो इन क्षेत्रों में भी हमारी क्षमता बढ़ाएंगे। रेवाड़ी जिले के माजरा-मनेठी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण के लिए पट्टे पर भूमि का हस्तांतरण पूरा हो गया है और एम्स का निर्माण इस वर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस, रोहतक के भीतर अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ वर्चुअल शिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना करके उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है।ं शहीद हसन खान मेवाती गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नल्हड़, नूंह में सामुदायिक चिकित्सा विभाग को अपग्रेड करके निवारक स्वास्थ्य में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। यह केंद्र सामुदायिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी होगा और स्वास्थ्य जांच के लिए निरोगी योजना हेतु मूल्यवान तकनीकी जानकारी प्रदान करेगा। उप-मण्डलीय अस्पतालों में सार्वजनिक-निजी सहभागिता पद्धति में अल्ट्रासाउंड और अन्य नैदानिक सुविधाएं स्थापित करने का प्रस्तावित है।

अब पूरे प्रदेश में खाद्यान्न वस्तुओं का ई-वेइंग मशीनों से वितरण

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण कार्यक्रम के तहत लाभार्थी परिवारों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं के वितरण को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार वर्ष 2023-24 में इसे सभी जिलों में विस्तारित करने का प्रस्ताव है। अब तक राज्य के 7 जिलों में 4341 ई-वेइंग मशीनों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं का वितरण शुरू किया गया है।

वित मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभार्थी परिवारों की संख्या दिसंबर, 2022 से पहले 26 लाख परिवारों से बढ़कर 31.59 लाख परिवारों तक पहुंच गई है। 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए नए पीले कार्ड बनाने की प्रक्रिया परिवार पहचान पत्र से जोड़कर स्वचालित कर दी गई है। पहले पीले कार्ड हर दशक में एक बार बनाए जाते थे, परन्तु अब पीले कार्ड के लिए योग्यता हर महीने स्वचालित ढंग से निर्धारित की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार से अतिरिक्त बजटीय आवंटन की आवश्यकता होगी, जो सरकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सरकार ने हरे राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को सरल कर दिया है। आवेदक अब ऑनलाइन जाकर विभागीय वेबसाइट या अंत्योदय सरल प्लेटफॉर्म पर पी.पी.पी. संख्या का उपयोग करके अपना हरा राशन कार्ड डाउनलोड कर सकता है।

श्रमिकों के लिए किफायती किराये की आवास योजना

हरियाणा के वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि 14 वर्ष तक का कोई भी बच्चा शिक्षा के अवसरों से वंचित न रहे। वर्तमान में पी.पी.पी. डेटा के आधार पर उन बच्चों की पहचान के लिए सर्वे कराया जा रहा है, जो स्कूल नहीं जा रहे हैं। जिन निर्माण स्थलों पर सर्वेक्षण में निर्माण श्रमिकों के बच्चों की पहचान की गई है, वहां क्रेच, प्ले स्कूल और साइट स्कूल खोले जाएंगे। इन क्रेच, प्ले स्कूल और साइट स्कूलों की स्थापना पर आने वाली लागत हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा वहन की जाएगी। सरकार सुनिश्चित करेगी कि ऐसे बच्चों को उनकी शिक्षा के लिए 12वीं कक्षा तक सहायता मिले।

किफायती किराये की आवास योजना के रूप में मिलेंगे लेबर हॉस्टल

उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए, श्रम कल्याण बोर्डों के पास उपलब्ध निधि से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) में श्रमिकों के लिए किफायती किराये की आवास योजना के रूप में लेबर हाॅस्टल स्थापित करने का प्रस्ताव है।

वित मंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए संघर्ष करते रहते हैं। ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहित करने और सम्बल प्रदान करने के लिए, एक नई मुख्यमंत्री श्रमयोगी प्रतिभावान योजना शुरू करने का प्रस्ताव है। जिसमें इस योजना के तहत पूर्ण ट्यूशन अनुदान, छात्रावास शुल्क, पुस्तकों और कंप्यूटर द्वारा उनकी तकनीकी, व्यावसायिक और उच्च शिक्षा के लिए सहायता दी जाएगी। इस योजना का वित्त पोषण हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पास उपलब्ध धनराशि से किया जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए श्रम क्षेत्र के लिए 229 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 48.4 प्रतिशत अधिक है।

सैनिक और अर्ध सैनिक कल्याण के लिए 136 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के वित मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार द्वारा रक्षा, पूर्व-रक्षा और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों द्वारा राष्ट्र के लिए दी गई उनकी सेवाओं और सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करते हुए, सरकार पूर्व सैनिकों युद्ध विधवाओं और विधवाओं को वित्तीय सहायता, सरकारी नौकरी और युद्ध हताहतों के निकटतम परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही है।

वित मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में, सरकार की योजना 7 जिलों में एकीकृत सैनिक सदन बनाने की है। एकीकृत सैनिक सदन परिसर में जिला सैनिक बोर्ड कार्यालय, सैनिक रेस्ट हाउस, पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना क्लिनिक कैंटीन और लिफ्ट व रैंप के साथ एक कॉमन हॉल होगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सैनिक और अर्ध सैनिक क्षेत्र के लिए 136 करोड़ रुपये आवंटित करना प्रस्तावित हैं, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 14.7 प्रतिशत की वृद्धि है।

पर्यावरण और वन क्षेत्र को 657 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के वित मंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं में पेड़-पौधों को बहुत पवित्र माना गया है। तदनुसार, सीता अशोक, कृष्ण वट वृक्ष, कृष्ण कदम्ब, बड़, पीपल, नीम, शमी, देसी आम, वरुण, बेल पत्र आदि जैसे सभी पवित्र वृ़क्ष किसी न किसी क्षेत्र से जुड़े हैं। वर्ष 2023-24 में, प्रत्येक जिले में लगभग पांच से दस एकड़ क्षेत्र के जंगल में एक स्थान पर इन वृक्षों के रोपण के माध्यम से अमृत वन विकसित करने का प्रस्तावित हैं और अगले पांच वर्षों तक उनकी देखभाल की जाएगी, जब तक कि वे उचित वन के रूप में विकसित न हो जाएं। शिवधाम सहित सार्वजनिक स्थानों पर नीम, बड़ व पीपल आदि प्रजातियों के वृक्षारोपण से छायादार वृक्ष लगाने का प्रस्ताव है।

वित मंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रथाओं और मान्यताओं के अनुसार गांव बणी के रूप में संरक्षित प्राकृतिक वनस्पति के खण्ड जैव-विविधता से समृद्ध हैं और ग्रामीण बस्तियों के पास कई पौधों की प्रजातियों के उत्पति-स्थल के रूप में काम करते हैं। हालाँकि जनसंख्या वृद्धि और विकास गतिविधियों में वृद्धि के साथ, कई बणियाँ अब विलुप्त होने के कगार पर हैं। वर्ष 2023-24 में प्रत्येक जिले में जहां भी सम्भव हो, 10 बणियों तक के संरक्षण और कायाकल्प के लिए ’हरियंका बणी पुनर्वास’ नामक एक नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव है। ऐसी कुल 200 गांव बणियां विकसित की जाएंगी, जो गांवों को अपनी स्थानीय पारिस्थितिकी को संरक्षित करने के लिए दीर्घकालिक पर्यावरणीय लाभ और सहायता प्रदान करेंगी। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पर्यावरण और वन क्षेत्र को 657 करोड़ रुपये आवंटित करना प्रस्तावित है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 29.1 प्रतिशत की वृद्धि है।

उद्योग क्षेत्र एवं एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को 1,442 करोड़ रुपये आवंटित

हरियाणा के वित मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मोटे अनाज वर्ष में, सरकार ऐसी इकाइयों को ब्याज सबवेंशन सब्सिडी प्रदान करके बाजरा की कटाई के बाद के प्रबंधन, प्रसंस्करण और ब्रांडिंग को बढ़ावा देगी। यह उपाय बाजरे के लिए एक बाजार के विकास को सक्षम करेगा और बाजरे के किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा को डाटा सेंटर उद्योग का पसंदीदा स्थान बनाने के लिए हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति अधिसूचित की गई है। सरकार अंबाला और गुरुग्राम में डेटा सेंटर पार्क स्थापित करेगी और इन पार्कों की स्थापना के लिए वित्तीय और नियामक प्रोत्साहन जैसे कि पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सबवेंशन और स्टांप शुल्क में छूट प्रदान करेगी।

वाहन स्क्रैपेज और इलेक्ट्रॉनिक्स रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहन

वित मंत्री ने कहा कि सरकार वाहन स्क्रैपेज रीसाइक्लिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक रीसाइक्लिंग सुविधा प्रोत्साहन नीति इलेक्ट्रॉनिक खिलौने क्षेत्र में निवेश का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के निर्माण पर खिलौना निर्माण नीति और चिकित्सा उपकरण निर्माण में निवेश को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा उपकरण निर्माण नीति तैयार करेगी।

सरकार फरीदाबाद और पानीपत में विश्व स्तरीय प्रदर्शनी सह व्यापार केंद्र स्थापित करेगी। इन केंद्रों में एक प्रदर्शनी क्षेत्र के साथ बैंकों, होटलों, पार्किंग और निर्यात प्रोत्साहन की सुविधाएं होंगी। सरकार का प्रस्तावित फ्रेट कॉरिडोर और राष्ट्रीय राजमार्गों के बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने के लिए हिसार, अंबाला और महेंद्रगढ़ जिलों में 3 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) विकसित करने का भी प्रस्ताव है।

ईज आफ डूइंग बिजनेस के लिए तीन आयामी दृश्टिकोण

वित मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विनिर्माण और सेवा-उद्योग क्षेत्र आर्थिक विकास तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए तीन आयामी दृष्टिकोण अपना रही है। – डिजाइन और विकास, कार्यान्वयन और उपयोग तथा सुधार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने केंद्र सरकार द्वारा जारी लॉजिस्टिक्स ईज एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स ;एलईएडीएसद्ध रैंकिंग में भाग लेने वाले 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच स्टेट बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2020 के मूल्यांकन में ‘टॉप अचीवर‘ का दर्जा हासिल किया। हरियाणा के पास आज लगभग 2.17 लाख करोड़ रुपये का निर्यात है।

हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति की घोषणा, 20,000 नई नौकरियां होंगी सृजित

मनोहर लाल ने कहा कि प्रधान मंत्री के 5एफ विजन अर्थात् फार्म से फाइबर से फैक्ट्री से फैशन से विदेश तक के 5एफ विजन के अनुरूप हरियाणा आत्मनिर्भर वस्त्र नीति की घोषणा की गई है। इस नीति का उद्देश्य 4,000 करोड़ रुपये के निवेश को जुटाने और कपड़ा मूल्य श्रृंखला में 20,000 नई नौकरियां सृजित करने के लिए मूल्यवर्धन, रोजगार सृजन और उत्पादकता वृद्धि पर जोर देने के साथ कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देना है।

विनिर्माण नवाचार और उत्कृष्टता नीति लॉन्च

वित मंत्री ने कहा कि एम.एस.एम.ई. क्षेत्र अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करता है और यह औद्योगिक विकास की रीढ़ है। केंद्र सरकार ने हाल ही में बाजार पहुंच में सुधार, क्रेडिट तक पहुंच और देरी से भुगतान के मुद्दों को हल करने के लिए एम.एस.एम.ई. प्रदर्शन (रैंप) योजना शुरू की है। सरकार आरएएमपी योजना का लाभ उठाकर राज्य में एम.एस.एम.ई. को लाभान्वित करने के लिए सभी प्रयास करेगी। एम.एस.एम.ई. को नई औद्योगिक प्रगति के साथ बने रहने में मदद करने के लिए, सरकार एम.एस.एम.ई. विनिर्माण नवाचार और उत्कृष्टता नीति लॉन्च करेगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में निर्मित होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता और मानकीकरण में सुधार और एम.एस.एम.ई. प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ, सरकार मौजूदा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और पूरे राज्य में सभी क्षेत्रों में नए परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करने का लक्ष्य रखेगी ताकि उद्यमी स्थानीय स्तर पर अपने उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रमाणन प्राप्त कर सकें।

यूपीएस सिस्टम की खरीद, पूंजीगत व्यय पर वित्तीय सहायता योजना

वित मंत्री ने कहा कि हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन प्लग एंड प्ले सुविधाओं से लैस फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स विकसित करेगा, जो इसके औद्योगिक एस्टेट में किफायती लीज रेंटल पर पेश किया जाएगा। सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए निर्बाध उत्पादन और निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने और औद्योगिक असीमित बिजली आपूर्ति (यूपीएस) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, एम.एस.एम.ई. द्वारा यूपीएस सिस्टम की खरीद पर किए गए पूंजीगत व्यय पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए अलग से एक योजना अधिसूचित की जाएगी। सरकार ने वित्त तक उनकी पहुंच को आसान बनाने के लिए मामलों के त्वरित निपटान और विलंबित भुगतान मुद्दों को हल करने के लिए क्षेत्र स्तरीय सुविधा परिषदों की स्थापना का प्रस्ताव है।

‘वन ब्लॉक-वन प्रोडक्ट‘ पहल शुरू

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने एम.एस.एम.ई. एडवांसमेंट ;पदमाद्ध के लिए विकास में तेजी लाने के कार्यøम के माध्यम से ‘वन ब्लष्क-वन प्रोडक्ट‘ पहल षुरू की है। पहल का उद्देष्य क्लस्टर दृश्टिकोण का लाभ उठाकर और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देकर ब्लष्क स्तर पर सूक्ष्म और लघु उद्यमों की सक्षमता के लिए डिजाइन और विकासात्मक हस्तक्षेपों को लागू करना है। पदमा नीति 5 वर्शों में 1,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पदमा प्रोडक्षन लिंक्ड इंसेंटिव ;पीएलआईद्ध स्कीम, इंटरेस्ट सबवेंषन स्कीम, पदमा डिजाइनिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट प्रमोषन स्कीम जैसे नए इनोवेटिव इंसेंटिव पेष करेगी।

उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए भूखंडों की कीमत में 10 प्रतिशत छूट

मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2021 में अनुसूचित जाति के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एचएसआईडीसी द्वारा आवंटित औद्योगिक भूखंडों की कीमत में 10 प्रतिशत छूट देने की योजना की घोषणा की थी। अनुसूचित जाति के उद्यमियों द्वारा स्थापित किए जाने वाले प्रस्तावित सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए भूमि मूल्य में छूट को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।, बशर्ते कि वे आवंटन के तीन साल के भीतर परियोजना को लागू करें। यह राज्य के आर्थिक विकास में अनुसूचित जातियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

इसके अलावा राष्ट्रीय रसद नीति-2022 और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ संरेखित करेगी, जिसके परिणामस्वरूप परिवहन सेवाओं में सुधार, परिवहन प्रणालियों की दक्षता में सुधार, भंडारण क्षमता में सुधार और रसद सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए उद्योग क्षेत्र एवं एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को 1,442 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 88.25 प्रतिशत की वृद्धि है।

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