हरियाणा सरकार कनाडा में निवेश को लुभाने के लिए हेल्पडेस्क स्थापित करेगी

हेल्पडेस्क हरियाणवी एनआरआई व देश के अन्य एनआरआई उद्यमियों को सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की देगा जानकारी – मुख्यमंत्री

CHANDIGARH, 7 APRIL: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य के विकास को गति देने और लोगों के कल्याण को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार द्वारा कनाडा में निवेश को लुभाने के लिए एक हैल्पडैस्क स्थापित किया जाएगा और इस संबंध में भारत सरकार से भी परामर्श लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हेल्पडेस्क हरियाणवी एनआरआई व देश के अन्य एनआरआई उद्यमियों को राज्य में अपने उद्यम स्थापित करने के लिए सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ वर्तमान राज्य सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी देगा।

मुख्यमंत्री यहां इण्डो-कनाडा चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे। कनाडा से आए हुए इस प्रतिनिधिमंडल ने इंडिया मिशन-2022 के तहत देश के विभिन्न शहरों जैसे कि दिल्ली, लखनऊ, जम्मू, अहमदाबाद का दौरा किया और इसी कड़ी इस प्रतिनिधिमंडल ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री से चण्डीगढ में मुलाकात की और विभिन्न विषयों पर चर्चा व विचार-विमर्श किया। इस प्रतिनिधिमंडल का इंडिया मिशन-2022 कार्यक्रम गत 26 मार्च से 9 अप्रैल के बीच रहेगा।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने हैल्प डेस्क स्थापित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रारूप तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य हरियाणवी डाईसपोरा के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों अवगत कराते हुए कहा कि पलवल में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है कि ताकि युवाओं को रोजगारपरक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 12 हजार बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनका कौशल विकास होगा। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने विदेश में नौकरी के लिए जाने वाले युवाओं हेतु ओवरसीज प्लेसमेंट सैल भी स्थापित किया है ताकि युवाओं को प्रणालीबद्ध तरीके से विदेश में रोजगार के लिए भेजा जा सके।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि हम एग्रो आधारित उत्पादों को निर्यात करने के लिए बल देना चाहते हैं और इसी कड़ी में हैफेड के मार्फत बासमती चावल को कुछ देशों में निर्यात भी किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा कई क्षेत्रों में आगे है जैसे कि दोपहिया उत्पादन, कार उत्पादन व ऑटोमोबाइल उद्योग में राज्य का अग्रणी स्थान है।

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में निवेश को आकर्षित करने के लिए निवेशकों की सहूलियत व छूट को देने हेतु विभिन्न स्थानों को ए,बी,सी,डी श्रेणी को परिभाषित किया हैं। उन्होंने ‘डी’ श्रेणी का जिक्र करते हुए कहा कि इस श्रेणी में उद्यम स्थापित करने के लिए किफायती दरों पर भूमि, बिजली में सब्सिडी और रोजगार देने पर विभिन्न प्रकार के लाभ दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिसार में एक उत्कृष्ट एयरपोर्ट स्थापित किया जा रहा है और यहां पर एयरोनॉटिक उद्योग लगाने के विभिन्न प्रस्ताव व प्रावधान हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ड्रोन, एयरोनॉटिक्स, डाटा सेंटर, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यावरण व कचरा निस्तारण के क्षेत्रों में अग्रणी कार्य करना चाहता है। इस मौके पर उन्होंने आईसीसीसी के सदस्यों को राज्य में इन क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में अपने-अपने उद्यम व कार्यक्रम चलाने का निमंत्रण भी दिया।

बैठक के दौरान आईसीसीसी के अध्यक्ष रिपुदमन सिंह ढिल्लों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इंडिया मिशन-2022 कार्यक्रम के तहत वे उद्योग स्थापित करने के लिए सुरक्षित माहौल व मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत देश में भ्रमण कर रहे हैं। भारत भ्रमण के दौरान प्रतिनिधिमंडल जो भी यहां पर अनुभव करेगा, उसे आईसीसीसी के सदस्यों के साथ कनाडा में सांझा किया जाएगा। ढिल्लों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड के दो साल के संकट के बावजूद भारत व हरियाणा ने लगातार तरक्की की है।

आईसीसीसी के अध्यक्ष ने कहा कि वे भारत में पर्यटन, उच्च शिक्षा, कृषि इत्यादि क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं और इस संबंध में देशभर में भ्रमण करके वे संभावनाएं अपने अनुसार तलाशने का काम कर रहे हैं। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव सांझा करते हुए कहा कि वे भारत में 20 साल के बाद आए हैं और अब भारत पहला वाला नहीं हैं ये अपनी अलग पहचान बना चुका है क्योंकि आज भारत की स्थिति में बदलाव आ चुका है। आईसीसीसी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आईसीसीसी 45 साल पुराना संगठन हैं और इसमें 15000 सदस्य हैं। श्री ढिल्लों ने कनाडा में आगामी जून में होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को आमंत्रित भी किया और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी।

हरियाणा विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव योगेन्द्र चौधरी ने बताया कि राज्य में एनआरआई विशेषतः हरियाणवी एनआरआई लोगों को निवेश करने की सहुलियत प्रदान करने के लिए विदेशी सहयोग विभाग का गठन किया गया है जिसके मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री है। विभाग द्वारा क्षमता निर्माण, एनआरआई को सहयोग, द्विपक्षीय संबंधों तथा जीटूजी के तहत कार्यों को देखा जाता है। इसके अलावा, युवाओं को रोजगारयुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री की सोच के अनुसार पलवल में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई हैं ताकि युवाओं में कौशल निर्माण किया जा सके। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पारदर्शिता, डिजिटलीकरण, डाटा, नवीनतम तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री की अगुवाई में विशेष बल दिया गया है।

आईसीसीसी के सदस्य व हिन्दुजा ग्रुप के एडवाइजर सुनील के. चड्ढा ने कहा कि हिन्दुजा ग्रुप हरियाणा में निवेश करने के लिए विचार करेगा। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की वजह से भारत की साख दुनियाभर में बढी है। इस मौके पर चड्ढा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मुंबई में आने का न्यौता दिया और राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के साथ सीधी वार्ता हेतु पेशकश भी की। इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री को लंदन आने का भी निमंत्रण दिया। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव योगेन्द्र चौधरी, प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे आईसीसीसी के अध्यक्ष रिपुदमन सिंह ढिल्लों, एडवाईजर सुनील के चढढा, उपाध्यक्ष वीरेन्द्र राठी व मुरारी लाल थपलियाल, कार्यकारी उपाध्यक्ष अरविन्द भारद्वाज व विकास शर्मा, आईटी के निदेशक भाविक पारिक, कार्यक्रम निदेशक शीलु शर्मा, कैनेडियन इंटरनेशनल एकेडेमिक सर्विस की सीईओ गुरशरण कौर कांदरा, प्रबंध निदेशक कल्पेश जोशी, सदस्य मंजीत सिंह भोंडी, प्रियांक गर्ग, पुनीत शर्मा, संदीप मामगेन, त्रिभुवन आनंद और विक्रम खुराना शामिल थे।

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