हास्य व्यंग्य: बाज आए वर्क फ्रॉम होम से

हमने गाय-भैंसों के बाड़े तो गांव में देखे हैं। आपने भी जरूर देखे होंगे। बचपन में कइयों के मुंह से यह बोलते सुना था- खाला जी का बाड़ा समझ रखा है क्या ? उन दिनों खलीफा भी होंगे, खालाएं भी होंगी और उनके बाड़े भी जरूर रहे होंगे। लेकिन आज तो हमारा खुद का घर, … Continue reading हास्य व्यंग्य: बाज आए वर्क फ्रॉम होम से