AAP की जीत का हीरोः चंडीगढ़ में सियासी नायक बनकर उभरे प्रदीप छाबड़ा, पार्टी को 4 महीने में 14 सीटों तक पहुंचाकर शहर में साबित किया अपना प्रभाव

अपने वार्ड में भी भाजपा के सिटिंग मेयर के मुकाबले आम आदमी पार्टी को जिताकर विरोधियों को दिया करारा जवाब

CHANDIGARH: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के आज आए परिणाम ने सबको चौंका दिया है। इस चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी 14 सीटें जीतकर सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में स्थापित हो गई है तो इसका श्रेय पार्टी में यहां के सह प्रभारी एवं पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा के सिर बांधा जा रहा है। छाबड़ा इस चुनाव में सबसे बड़े सियासी नायक बनकर उभरे हैं। छाबड़ा के प्रभाव से न केवल उनके वार्ड में आम आदमी पार्टी ने भाजपा के मौजूदा मेयर को करारी मात दी, बल्कि अधिकांश सीटों पर भाजपा व कांग्रेस का सफाया कर दिया। इससे भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस इस चुनाव में दूसरे नंबर से तीसरे नंबर पर खिसक गई। निगम चुनाव के लिए चंडीगढ़ में 35 सीटों पर गत 24 दिसंबर को वोटिंग हुई थी।

फरवरी में कांग्रेस से दिया था इस्तीफा

गौरतलब है कि चंडीगढ़ के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा इस साल फरवरी तक चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे लेकिन कांग्रेस में गुटीय सियासत हावी हो जाने तथा छाबड़ा विरोधी खेमे के दबाव में कांग्रेस ने यहां अचानक नेतृत्व परिवर्तन कर पूर्व मेयर सुभाष चावला को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी थी। हालांकि इसको लेकर भी यहां कांग्रेस में भारी असंतोष फैल गया और छाबड़ा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के साथ ही उनके समर्थन में कांग्रेसियों के इस्तीफे की झड़ी लग गई थी। इसके बाद कांग्रेस में प्रदीप छाबड़ा के लिए इतनी असहज परिस्थितियां बना दी गईं कि छाबड़ा ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

13 अगस्त को शामिल हुए थे आम आदमी पार्टी में

इस बीच, चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार उतरने का मन बना रही आम आदमी पार्टी ने प्रदीप छाबड़ा के कद व प्रभाव को भांपते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने छाबड़ा को आम आदमी पार्टी में शामिल होकर चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी की अगुवाई करने का प्रस्ताव दिया तो छाबड़ा ने अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श के बाद चार महीने पहले गत 13 अगस्त को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के हाथों आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके बाद केजरीवाल ने प्रदीप छाबड़ा को पार्टी का सह प्रभारी भी बनाते हुए चंडीगढ़ में नगर निगम की सभी 35 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। इससे पहले आम आदमी पार्टी इस चुनाव में कुछ ही सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही थी। इसके लिए पार्टी ने यहां कांग्रेस से पार्षद रहे चंद्रमुखी शर्मा को चुनाव प्रभारी बनाया था।

छाबड़ा ने आम आदमी पार्टी से जुड़ने के बाद 31 अगस्त को किया था पहला शक्ति प्रदर्शन

छाबड़ा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले चंडीगढ़ में यदि आम आदमी पार्टी के संगठन की बात की जाए तो इस लिहाज से आम आदमी पार्टी को यहां बेहद कमजोर माना जा रहा था। आम आदमी पार्टी की टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव लड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन बुरी तरह चुनाव हारने के बाद अपने घर बैठ चुके थे तो आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ अध्यक्ष प्रेम गर्ग संगठन को विस्तार नहीं दे पाए थे। प्रदीप छाबड़ा के आम आदमी पार्टी से जुड़ते ही कांग्रेस से टूटे कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में अन्य लोग आम आदमी पार्टी से जुड़ते चले गए। इसके बाद छाबड़ा ने चंडीगढ़ में निचले स्तर तक तेजी से काम करते हुए आम आदमी पार्टी के संगठन को विस्तार व मजबूती देने का काम किया। यही कारण था कि गत 31 अगस्त को छाबड़ा के नेतृत्व में चंडीगढ़ में पहली बार आम आदमी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए जब नगर निगम कार्यालय का घेराव किया तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भीड़ ने सबको चौंका दिया था। चंडीगढ़ में नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का यह पहला ट्रेलर था। इससे पहले चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी समर्थकों का इस तरह का शक्ति प्रदर्शन कभी नहीं देखा गया था।

मान लिया गया था आम आदमी पार्टी को तीसरा विकल्प

सियासी समझ रखने वालों ने उस दिन ही मान लिया था कि इस बार के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में उभर सकती है। राजनीतिक प्रेक्षकों ने चुनाव आते-आते आम आदमी पार्टी को मुकाबले में तो मान लिया था लेकिन इस बार के निगम चुनाव को आम आदमी पार्टी ने जिस तरह त्रिकोणीय बनाते हुए सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की, उसका अनुमान कोई नहीं लगा पा रहा था। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव के लिए यहां नारा दिया था चंडीगढ़ में भी केजरीवाल। यानी दिल्ली में सरकार चलाते हुए ईमानदारी के प्रतीक बन चुके अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी ने इस नारे से चंडीगढ़ नगर निगम में भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था देने का जो संदेश छाबड़ा की अगुवाई में लोगों तक पहुंचाया, वह लोगों के दिमाग में घर कर गया।

आम आदमी पार्टी में अब छाबड़ा का वर्चस्व

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार में ही आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में स्थापित हो जाने के साथ ही अब आम आदमी पार्टी में सह प्रभारी एवं पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा का कद तो बढ़ ही गया है, बल्कि पार्टी में उनका वर्चस्व भी कायम हो गया है। क्योंकि छाबड़ा समेत आम आदमी पार्टी के यहां चार प्रमुख नेता हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन, आम आदमी पार्टी के नगर निगम चुनाव प्रचार समिति के चेयरमैन बनाए गए चंद्रमुखी शर्मा तथा पार्टी के स्थानीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग शामिल हैं। इस चुनाव में यदि इनकी व्यक्तिगत परफॉर्मेस देखी जाए तो पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन चुनाव में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे। उनका करीबी एक उम्मीदवार भी चुनाव हार गया। चंद्रमुखी शर्मा भी खुद चुनाव हार गए, जबकि प्रदीप छाबड़ा ने अपने वार्ड में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को भाजपा के मौजूदा मेयर के मुकाबले जिताकर अपने वार्ड में भी अपना प्रभाव एक बार फिर साबित कर दिया। यही नहीं, नगर निगम चुनाव के लिए अधिकांश उम्मीदवारों का चयन भी प्रदीप छाबड़ा ने ही किया था। लिहाजा, आम आदमी पार्टी के स्थानीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग पार्टी में वर्चस्व के लिए नया संघर्ष छेड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि इस स्थिति में अब पार्टी के भीतर गुटबाजी को भी हवा मिल सकती है।

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