पानीपत में बोले हुड्डाः पहले फैसला लेती सरकार तो न किसानों को सालभर सड़क पर बैठना पड़ता, न 700 जानें जातीं

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बोले- एमएसपी समेत किसानों के बाकी मुद्दों पर भी बातचीत करे सरकार

आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज सभी केस लिए जाएं वापस, शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दे सरकार

PANIPAT: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों पर फैसला लेने में काफी देरी कर दी। अगर कानूनों को पहले वापस ले लिया जाता तो किसानों को इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता। न किसानों को इतने लंबे वक्त तक सड़कों पर बैठना पड़ता और न ही 700 आंदोलनकारियों को अपनी जान गंवानी पड़ती। बहरहाल, कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले का वह स्वागत करते हैं। यह किसानों के लंबे संघर्ष, संयम, शांति और सत्याग्रह की जीत है।

हुड्डा आज पानीपत में कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे थे। इस मौके पर हुड्डा ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी इतना लंबा और अनुशासित आंदोलन नहीं देखा। यही वजह है कि सरकार को आखिरकार किसानों के सामने झुकना पड़ा। सरकार को अब बिना देरी किए किसान के बाकी मुद्दों पर भी बातचीत करनी चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि विपक्ष होने के नाते हम शुरू से किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे थे। क्योंकि तीन कृषि कानून किसानों के हक में नहीं थे। उनकी शुरू से मांग रही है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत किसानों को एमएसपी की गारंटी दे। एमएसपी से कम खरीद पर सजा के प्रावधान का कानून बनाया जाए।

हुड्डा ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि सरकार की तरफ से आंदोलनरत किसानों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए। साथ ही पंजाब सरकार की तरह हरियाणा सरकार भी आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दे।

किसानों के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नौजवानों के मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि प्रदेश का नौजवान आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी और सरकारी भर्ती के नाम पर महाघोटालों को झेल रहा है। एचएसएससी और एचपीएससी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए हैं। उनकी मांग है कि तमाम भर्ती घोटालों की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच हो। ताकि युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को बंद किया जा सके।

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