नए साल में नया सियासी धमाकाः भाजपा ने निगम सदन में AAP के पार्षदों की संख्या के मुकाबले की तैयारी कर ली पूरी, जानिए कैसे हुआ संभव !

CHANDIGARH: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के चौंकाने वाले रिजल्ट के बाद अब मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव के लिए इन दिनों राजनीति सरगर्म है। पांच साल से निगम की सत्ता पर काबिज रही भाजपा स्तब्ध है और अब मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में अपनी लाज बचाने के लिए आतुर है। इसके लिए वह 13 से 14 होने की पूरी तैयारी में है। संभवः नए साल के पहले दिन भाजपा अपने 14वें पार्षद की घोषणा कर सकती है।

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने भाजपा व कांग्रेस का वोट गणित ही नहीं, बल्कि चंडीगढ़ में पूरी सियासत ही संकट में डाल दी है। नगर निगम की कुल 35 सीटों में से 14 आम आदमी पार्टी जीत गई, जबकि भाजपा 20 से 12 सीटों पर सिमट गई। निगम सदन में सांसद का भी पदेन सदस्य के रूप में वोट होता है, लिहाजा यहां इस समय सांसद भाजपा का होने के कारण निगम सदन में भाजपा सिर्फ एक वोट से पीछे है। कांग्रेस पांच से सिर्फ 8 सीटों तक बढ़ पाई। इस स्थिति में अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बनाने के लिए किसी के पास बहुमत नहीं है। यह स्थिति चंडीगढ़ नगर निगम में पहली बार बनी है। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए चंडीगढ़ के इस रिजल्ट का संदेश चूंकि आम आदमी पार्टी के पक्ष में जा रहा है, इसलिए भाजपा इसको लेकर ज्यादा चिंतित दिख रही है। लिहाजा, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर की सीट न सही लेकिन मेयर की सीट इस चुनाव में जीतने के लिए भाजपा ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।

भाजपा ने नगर निगम सदन में अपनी सीटें बढ़ाने के लिए पहले आम आदमी पार्टी के नवनिर्वाचित पार्षदों पर डोरे डाले लेकिन जब इन पार्षदों ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जानकारी दे दी तो आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा को इसका खुलासा करने के लिए एक दिन प्रेस कांफ्रैंस करनी पड़ी। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी कल चंडीगढ़ में विजय यात्रा के दौरान जनसैलाब के बीच ही अपने पार्षदों को पार्टी न छोड़ने की शपथ दिलानी पड़ी।

अब कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की सतर्कता के बाद भाजपा की नजर कांग्रेस के महत्वाकांक्षी पार्षदों पर है। सियासी गलियारों की चर्चाओं की मानें तो फिलहाल कांग्रेस के एक पार्षद ने तो निगम सदन में भाजपा पार्षदों की संख्या बढ़ाने पर सहमति दे दी है। संभवतः नए साल की शुरुआत ही यह कांग्रेसी पार्षद भाजपा के साथ कर सकते हैं। अब यह कांग्रेसी पार्षद कौन हो सकता है तो इसको लेकर कहा जा रहा है कि पार्षद महिला ही हैं, क्योंकि चंडीगढ़ नगर निगम के आम चुनाव के बाद पहले मेयर की सीट महिला के लिए रिजर्व है।

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