चंडीगढ़ के परेड ग्राउंड में 25 मार्च से ‘हुनर हाट’ का आयोजन, 30 से ज्यादा राज्यों के कारीगर लेकर आए हस्तनिर्मित वस्तुएं

लोग देश के विभिन्न राज्यों के पकवानों का भी ले सकेंगे लुत्फ, हर शाम सजेगी मशहूर गायकों की महफिल

CHANDIGARH, 24 MARCH: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 39वें ‘हुनर हाट’ का आयोजन परेड ग्राउंड सेक्टर-17 चंडीगढ़ में 25 मार्च से 3 अप्रैल तक ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी एवं स्वावलम्बन’ की थीम के साथ किया जा रहा है।

चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि इस ‘हुनर हाट’ में 30 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 700 दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर अपने स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों की प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए आए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, नागालैंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखण्ड, गोवा, पंजाब, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल एवं अन्य क्षेत्रों से हुनर के उस्ताद कारीगर अपने साथ लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपड़े, कागज, मिटटी आदि के शानदार उत्पाद लेकर आए हैं। इसके अलावा प्रतिदिन शाम को नामचीन कलाकार शानदार गीत-संगीत का कार्यक्रम पेश करेंगे।

जैन ने बताया कि ‘हुनर हाट’ में देश के हर कोने के पारम्परिक विशिष्ट व्यंजनों का सेक्शन ‘बावर्चीखाना’ लोगों को एक ही स्थान पर भारत के सभी प्रकार के पकवानों का लुत्फ देगा। उन्होंने बताया कि ‘हुनर हाट’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वाहन को साकार करने के साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को मजबूत करने का प्रभावी मिशन साबित हो रहा है। ‘हुनर हाट’ ई प्लेटफार्म http://hunarhaat.org के साथ ही GeM पोर्टल पर भी देश-विदेश के लोगों के लिए उपलब्ध है, जहां लोग सीधे दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के बेहतरीन स्वदेशी सामानों को देख-खरीद रहे हैं। ‘हुनर हाट’ को ई प्लेटफार्म और GeM पोर्टल पर ले जाने के बहुत ही जबरदस्त परिणाम आये हैं, दस्तकारों, शिल्पकारों को बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ऑर्डर मिल रहे हैं।

कैलाश चंद जैन ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में 8 लाख 50 हजार से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार-रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले ‘हुनर हाट’ के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। उन्होंने बताया कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत देश भर में 75 ‘हुनर हाट’ का आयोजन हो रहा है। ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत देशभर में आयोजित होने वाले इन ‘हुनर हाट’ में ‘विश्वकर्मा वाटिका’ प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं, जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों के शिल्पकारों, कारीगरों, दस्तकारों द्वारा किस तरह से पुश्तैनी-परंपरागत विभिन्न चीजों को बनाया जाता है, उसका जीवंत प्रदर्शन होता है, जो कि वर्तमान पीढ़ी के लिए ज्ञानवर्धन एवं उत्साह पैदा करने वाला अनुभव है। इसी प्रकार ‘कबाड़ से कमाल’ को प्रोत्साहित करते हुए फेंक दिए जाने वाले लोहे, रबर, प्लास्टिक, कपड़े, शीशे, पीतल, ताम्बा, सेरेमिक, लकड़ी आदि से निर्मित सामग्री लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

जैन ने बताया कि देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका-मार्किट देने वाला ‘हुनर हाट’ स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का ‘प्रामाणिक ब्रांड’ बन गया है। आने वाले दिनों में ‘हुनर हाट’ का आयोजन पुणे, अहमदाबाद, भोपाल, पटना, मुंबई, जम्मू, चेन्नई, आगरा, प्रयागराज, गोवा, जयपुर, बेंगलुरु, कोटा, सिक्किम, श्रीनगर, लेह, शिलांग, रांची, अगरतला एवं अन्य स्थानों पर भी होगा।

बैकग्राउंड

कैलाश चंद जैन ने बताया कि पहले ‘हुनर हाट’ का आयोजन 14 से 27 नवम्बर 2016 तक प्रगति मैदान में भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) में किया गया था। अब तक देशभर में 39 ‘हुनर हाट’ का आयोजन किया जा चुका है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ‘उस्ताद’ योजना के अंतर्गत देशभर के हुनरमंद दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, खानसामों को मौका-मार्किट मुहैया कराने के उद्देश्य से आयोजित ‘हुनर हाट’ से पारंपरिक कला और शिल्पकारी की समृद्ध विरासत को मजबूत प्लेटफार्म और हुनर के उस्तादों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर मिल रहा है।

‘हुनर हाट’ में किस दिन किसका कार्यक्रम
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