मैं पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ नहीं, बल्कि पाक शासकों और सेना के विरुद्ध: कैप्टन अमरिंदर सिंह

MALERKOTLA: पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज यहां कहा कि वह पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ नहीं, बल्कि पाकिस्तान के शासकों और सेना के खिलाफ हैं, जो हमेशा भारत में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करता रहा है और सीमा पर भारतीय सैनिकों को मार रहे हैं। मलेरकोटला और अमरगढ़ से पार्टी प्रत्याशी श्रीमती फरजाना आलम और सरदार अली के समर्थन में आज यहां जनसभाओं को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ये चुनाव पंजाब का भविष्य तय करने वाले हैं, क्योंकि पंजाब कई चुनौतियों का सामना कर रहा है जो केवल केंद्र और पंजाब सरकार की डबल इंजन सरकार ही कर सकती है।

पूर्व मुखय्मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आजादी से पहले पटियाला की 40 फीसद आबादी मुस्लिम थी और उनमें से ज्यादातर पाकिस्तान चले गए थे और जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने आखिरी कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का दौरा किया तो लोगों द्वारा उनका बहुत सम्मान किया गया था। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों का पुरजोर समर्थन करते हैं, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पाकिस्तानी सेना भारत के प्रति नफरत फैला रहे हैं जो अस्वीकार्य है।

आम आदमी पार्टी द्वारा भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किए जाने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह एक अच्छे अभिनेता थे, जिन्होंने लोगों का मनोरंजन किया और टेलीविजन पर लोगों को हंसाया। लेकिन सरकार चलाना मनोरंजन से ज्यादा गंभीर है। उन्होंने चेतावनी दी कि पंजाब को एक गंभीर और समझदार नेतृत्व की जरूरत है जो न केवल राज्य की सुरक्षा का ख्याल रखे बल्कि पंजाब को विभिन्न समस्याओं से उबार सके।

पूर्व मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के मुख्यमंत्री पद के लिए एक “गरीब” उम्मीदवार को नामित करने के दावे का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि चन्नी के पास सैकड़ों करोड़ की संपत्ति है और वह चुनाव लड़ने वाले सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ गरीब होने से कोई मुख्यमंत्री बनने के योग्य नहीं हो सकता।

लोगों से पंजाब लोक कांग्रेस के उम्मीदवारों को बेहतर भविष्य के लिए चुनने का आग्रह करते हुए, उन्होंने याद दिलाया कि उन्होंने मलेरकोटला को जिला बनाने के साथ-साथ यहां एक मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने प्रदेश में भाजपा-पीएलसी-शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) की सरकार बनने पर शहर में विश्वविद्यालय स्थापित करने का वादा किया। स्थानीय लोगों की मांगों के जवाब में, उन्होंने मलेरकोटला को नगर निगम बनाने का भी वादा किया ताकि सामान्य नागरिक सुविधाओं में सुधार किया जा सके।

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