अरुण सूद के नेतृत्व में औद्योगिक क्षेत्र के कारोबारियों ने प्रशासक से की मुलाकात, सर्वे के आधार पर नहीं दिए जाएंगे नोटिस

सूद ने छोटे औद्योगिक प्लाट होल्डर्स को राहत देने की भी मांग की

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में किए गए बदलाव और एक्स्ट्रा कंस्ट्रक्शन को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है, जिसको लेकर औद्योगिक क्षेत्र के कारोबारियों में रोष व्याप्त था तथा उन्होंने इस सर्वे का विरोध किया। इस मामले को चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के ध्यान में लाया गया, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अरुण सूद ने इन उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आज प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में अरुण सूद के साथ लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष ओम अग्रवाल, उपाध्यक्ष अवि भसीन व भाजपा इंडस्ट्रीज प्रकोष्ठ के प्रभारी मनीष निगम शामिल थे।

यह जानकारी देते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासक को बताया कि चंडीगढ़ में इंडस्ट्रीज फ्रेंडली माहौल ना होने की वजह से 75% इंडस्ट्रीज पलायन कर चुकी है बाकी बचे औद्योगिक कारोबारी भी अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए कुछ बदलाव चाहते हैं। विशेषकर 2 कनाल से छोटे प्लाट धारकों को कोई रियायत नहीं दी गई है। इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के लिए जो कन्वर्जन पॉलिसी आई थी वह भी 2 कनाल से बड़े प्लांट के लिए आई थी। लेकिन 2 कनाल से छोटे प्लाटों के लिए कोई पॉलिसी नहीं आई है। किसी प्रकार की सुविधाएं छोटे प्लाट धारकों को नहीं दी गई है। चंडीगढ़ में इंडस्ट्रीज फ़्रेंडली माहौल की जरूरत है तथा एमएसएमई के तहत प्लाटों के कन्वर्जन की इजाजत दिए जाने की भी जरूरत है ।

इसके अलावा चंडीगढ़ का विकास अब धरातल की तरफ हॉरिजोंटल नहीं हो सकता बल्कि ऊपर की तरफ वर्टिकल ही हो सकता है । इसलिए जिन प्लाट धारकों ने ऊपर की मंजिल पर कुछ निर्माण कर लिया है उन्हें भी रेगुलर कर दिया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल की बात ध्यान से सुनने के बाद प्रशासक ने आश्वासन दिया कि सर्वे इंडस्ट्रीज को राहत देने के लिए करवाए जा रहे हैं । इनके आधार पर किसी को नाजायज तंग नहीं किया जाएगा । सर्वे के आधार पर ही शहर की इंडस्ट्री के लिए एकमुश्त हल निकालने के लिए पॉलिसी बनाई जाएगी इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इंडस्ट्रीज के लोग डिटेल में प्रपोजल बनाकर उन्हें दे जिस पर वे संज्ञान लेकर जल्द ही इंडस्ट्रीज के हक में पॉलिसी तैयार करवाई जाएगी और इंडस्ट्रीज की समस्याओं का एकमुश्त हल करवा उद्योगपतियों को राहत दिलवाई जायेगी।

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