खेल-खेल में मिलेगी गुमनाम नायकों के बारे में जानकारी, शुरू किया गया ऑनलाइन गेमिंग एप

NEW DELHI, 29 AUGUST: हमारे देश में ऐसे कई क्रांतिकारी रहे हैं, जिन्होंने मातृभूमि को आजादी दिलाने के लिए प्राण की आहुति दे दी। लेकिन यह दुर्भाग्य है, हमे ऐसे कई नायकों के बारे में जानकारी नहीं है। इन स्वतंत्रता सेनानियों में से कई ऐसे हैं, जो गुमनामी के अंधेरे में हमेशा के लिए दबे रहे, जिनका जिक्र हमारे इतिहास की किताबों में नहीं है और अदम्य साहस और वीरता की कहानी भावी पीढ़ी जानने से वंचित रह जा रही है, लेकिन अब ये परिस्थितियां बदलने वाली है। केंद्र सरकार के द्वारा आजादी के मतवालों को याद करने के लिए ऑनलाइन गेमिंग ऐप विकसित की गई है।

हीरो ऑफ भारत गेम्स की शुरुआत

केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में ‘आजादी क्वेस्ट’ नाम के ऑनलाइन खेल का शुभारंभ किया। यह क्वेस्ट स्वतंत्रता संग्राम के नायकों पर ऑनलाइन गेम्स की श्रृंखला है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के जीवन के बारे में जानने के लिए आजादी क्वेस्ट एक सराहनीय पहल है। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में आने वाले समय में 45 करोड़ से अधिक ऑनलाइन गेम खेलने वाले हो जाएंगे। इस लिहाज से आजादी क्वेस्ट एक अच्छा और अनूठा माध्यम है। यह ऑनलाइन गेम्स लोगों को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालेगा। इसके साथ भारत का इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ”हीरो ऑफ भारत गेम्स” लोगों का मनोरंजन भी करेगा। इस मंच से उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर न केवल हीरो ऑफ भारत गेम ऐप को डाउनलोड किया बल्कि लोगों से भी इसे डाउनलोड करने का आह्वान किया।

गेमिंग में भारत तेजी से बढ़ रहा है कदम

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनिमेशन और गेमिंग की दुनिया में भारत ने तेजी से तरक्की की है और आज भारत दुनिया के पहले पांच स्थानों में जगह बना ली है। इसी तरह स्टार्ट अप के क्षेत्र में भी देश दुनिया के पहले तीन स्थान में जगह बना चुका है। पिछले महीनों में इस क्षेत्र में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इतिहास के पन्नों से गायब हैं सेनानी

इतिहास के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले स्कूलों में, जो इतिहास पढ़ाया गया, वो आधा-अधूरा है। आजादी के नायकों की कहानी को लोगों के सामने रखा ही नहीं गया। केन्द्र सरकार ने आजादी के गुमनाम नायकों की एक श्रृंखला की शुरुआत की है ताकि लोगों के योगदान को उजागर किया जा सकें और उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सकें। उन्होंने कहा कि इन गेम्स के विजेताओं को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सम्मानित भी करेगा।

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