अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: इस वजह से 21 जून को मनाया जाता है योग दिवस, पहले योग दिवस पर बना था विश्व रिकॉर्ड

NEW DELHI, 20 JUNE: योग भगाए रोग, यह कहावत सदियों पुरानी है। योग हमारे मन-मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर को भी फिट रखता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए योग अत्यंत आवश्यक है। योग से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क एवं आत्मा में भी संतुलन बनाया जा सकता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक समस्याओं के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाया जा सकता है। योग की इसी खूबी को जानते हुए दुनिया के कई लोगों ने इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है। कोरोना संकट से जूझ रही इस दुनिया ने रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की दिशा में योग के महत्व को भी भली-भांति समझ लिया है।

कैसे हुई शुरुआत

इस बार 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयास से हुई। 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा को संबोधित करते हुए ये चाहा था कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2014 के अपने भाषण में कहा था, “योग हमारी पुरातन पारंपरिक अमूल्य देन है। योग मन व शरीर विचार व कर्म संयम व उपलब्धि की एकात्मता का तथा मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। यह स्वास्थ्य व कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम भर न होकर अपने आप से तथा विश्व व प्रकृति के साथ पहचान को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हो सकता है। आईये हम एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आरंभ करने की दिशा में कार्य करें।”

मात्र 75 दिनों में 177 देशों के सह संयोजक बनकर ये प्रस्ताव पारित हुआ। यह अपने आप में कीर्तिमान बना कि 177 देश सह प्रायोजक बने। योग केवल व्यायाम नहीं है। योग एक तनाव ग्रस्त व्यक्ति का तनाव से मुक्त करता है। योग अशांत मन को शांत करता है।

21 जून का ही दिन क्यों

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून को मनाया जाता है, लेकिन इस दिन मनाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है। भारतीय संस्कृति के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

योग क्या है

योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। ‘योग’ शब्द संस्कृत से निकला है जिसका अर्थ है शामिल होना या एकजुट होने का मतलब है यानि शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक। यह दुनिया भर में अलग-अलग रूपों में प्रचलित है, लेकिन इसे लोकप्रियता तब मिली जब भारत के प्रयास से इसे एक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने योग किया, जो कि एक रिकॉर्ड था। पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे। न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर करीब 30 हजार लोगों ने एक साथ योग किया था। इस आयोजन ने भारत को दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड दिलाए – एक दुनिया का सबसे बड़ा योग एकसाथ करने का जिसमें 35,985 लोगों ने एक साथ किया और दूसरा 84 देशों के नेताओं की एक साथ भागीदारी के लिए। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- सद्भाव और शांति के लिए योग।

दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

भारत में दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016 का मुख्य आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जिसमें करीब 35 हजार लोग शामिल हुए। इस आयोजन का नेतृत्व भी पीएम मोदी ने ही किया था। इस योग दिवस में 170 देशों ने हिस्सा लिया। दूसरे योग दिवस की थीम थी- युवाओं को जोड़ें।

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2017 का मुख्य आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में किया गया, जहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 55 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, वहीं न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क में भी हजारों लोगों ने एक साथ योग किया। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- स्वास्थ्य के लिए योग।

चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 का मुख्य कार्यक्रम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें सऊदी अरब भी शामिल हुआ। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम शांति के लिए योग थी।

पांचवा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

देश में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 का मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे। इस वर्ष की थीम थी- योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन।

छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर 21 जून, 2020 को छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वर्चुअल माध्यम से मनाया गया। इसकी थीम थी- योगा फॉर हेल्थ – योगा एट होम।

सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की केंद्रीय थीम ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ है। 2021 में भी योग दिवस कोविड नियमों का पालन करते हुए आभासी मंच पर ही मनाया गया था।

जानिए, PM मोदी की पहल से दुनिया कैसे हुई योगमय

इतिहास में दर्ज कुछ ‘सुयोग’, घटनाएं और कहानियां देश-दुनिया में कालजयी हो जाती हैं। ऐसा ही एक ‘सुयोग’ ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगीरथ कोशिशों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर, 2014 को ’21 जून’ को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।

कब मनाया गया पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ?

इसके अगले साल यानि 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड भी बनाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के राजपथ पर 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ योग किया। पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों का इस समारोह में हिस्सा लेना रहा। पूरी दुनिया मंगलवार (21 जून, 2022) को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाएगी। पांच हजार वर्ष से योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। योग न केवल शरीर को रोगों से दूर रखता है बल्कि मन को भी शांत रखता है।

भारत में योग की परंपरा 5000 हजार साल पुरानी

भारत में योग की परंपरा 5000 हजार साल पुरानी है। 11 दिसम्बर, 2014 को इसका प्रस्ताव भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दिया गया था। उस वक्त अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के 177 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया था, जिसके बाद भारत दुनिया का विश्व गुरु बन गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 90 दिनों के भीतर पीएम मोदी के प्रस्ताव को मंजूर किया।
दुनिया में शांति युद्ध से नहीं योग से आएगी

हम योग के 21 आसनों को अपनाकर अपनी जिंदगी को सुखी, शांत और निरोगी बनाकर खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब हम तन और मन से स्वस्थ रहेंगे तो राष्ट्र निर्माण और उसके विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। दुनिया ने योग को अपने जीवन की दिनचर्या बना लिया है। योग संपूर्ण जीवन और चिकित्सा पद्धति बन गया है। दुनिया में शांति युद्ध से नहीं योग से आएगी।

20 करोड़ से अधिक लोग ले रहे योग साधना का लाभ

भारत के साथ दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोग योग साधना का लाभ उठा रहे हैं। आधुनिक युग की व्यस्त दिनचर्या में योग हमारे लिए अमृत है। अपनी जिंदगी को खुशहाल और डिप्रेशन मुक्त बनाने के लिए योग हमें खुला आकाश देता है। हम धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय के साथ बंधकर स्वयं के साथ देश का अहित करेंगे।

इस बार योग दिवस की थीम

इस वर्ष के योग दिवस का विषय “मानवता के लिए योग” है। यह विषय दर्शाता है कि कैसे योग ने कोविड महामारी के दौरान पीड़ा को कम करने में मानवता की सेवा की है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पीएम मोदी मैसूर पैलेस ग्राउंड, मैसूर में एक सामूहिक योग प्रदर्शन में हजारों प्रतिभागियों के साथ शामिल होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव को 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह के साथ एकीकृत करते हुए, मैसूर में पीएम द्वारा योग प्रदर्शन के साथ-साथ 75 केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे। योग प्रदर्शन विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, कॉरपोरेट और अन्य नागरिक समाज संगठनों द्वारा भी आयोजित किए जाएंगे और इसमें देश भर के करोड़ों लोग शामिल होंगे।

पीएम मोदी की पहल से हुई शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई। 27 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक साथ योग करने का आह्वान किया। इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर, 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया।

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस ?

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे खास वजह है। दरअसल, 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। इसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। भारतीय परंपरा में ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाते हैं। मान्यता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है।

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