चंडीगढ़ में लॉकडाउन पर इंटक ने भी स्पष्ट किया अपना रुख: तालाबंदी का किया विरोध, लॉकडाउन को बताया सभी वर्गों के लिए नुकसानदायक

CHANDIGARH: चंडीगढ़ में कोरोना के कारण लागू किए गए वीकेंड लॉकडाउन के बाद लंबे लॉकडाउन की संभावना को लेकर इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) ने भी आज अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया। इंटक ने शहर में किसी भी तरह के लॉकडाउन का कड़ा विरोध किया है।

पीएम मोदी की सलाह माने प्रशासन

इंटक के पूर्व चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष कुलबीर सिंह एवं संगठन के मौजूदा वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सरकारों से कहा है कि वे तालाबंदी करने से बचें। चंडीगढ़ में भी किसी भी प्रकार की तालाबंदी लागू करने से पहले यूटी प्रशासन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर विचार करना चाहिए। इंटक नेताओं ने कहा कि तालाबंदी का प्रस्ताव निश्चित रूप से शहर के व्यापारियों, दिहाड़ी मजदूरों समेत सभी वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। पिछले एक साल से चंडीगढ़ के व्यापारी तनाव में हैं। अधिकांश व्यवसाय पटरी से उतर गए हैं। होटल, रेस्तरां चलाने वाले व्यवसायियों की हालत भी अच्छी नहीं है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। कई को वेतन कटौती का सामना करना पड़ा है। यह सब लॉकडाउन और कर्फ्यू का सीधा परिणाम है।

लॉकडाउन के बिना कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ी जाए

इंटक नेताओं ने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन से आम लोग भी प्रभावित होते हैं। चंडीगढ़ प्रशासन को छोटा या बड़ा लॉकडाउन लगाए बिना कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में कई अनुभवी डॉक्टर हैं, जिनकी मदद से अन्य विकल्पों को इस काम में लिया जा सकता है।

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