उम्मीदवार और संबंधित राजनीतिक पार्टी द्वारा भी उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी देना अनिवार्य

CHANDIGARH: चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार और संबंधित राजनीतिक पार्टी द्वारा इलाके में प्रचलित अखबारों में एक घोषणा पत्र जारी कर और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर व्यापक प्रचार के द्वारा उम्मीदवार की पृष्ठभूमि सम्बन्धी जानकारी देनी होगी। व्यापक प्रचार से भाव है कि नामांकन पत्र दाखि़ल करने के बाद कम से कम तीन बार ऐसा प्रचार किया जाना ज़रूरी है।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सी.ई.ओ.) डॉ. एस. करुणा राजू ने गुरूवार को बताया कि संबंधित राजनीतिक पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी अपनी वेबसाईट पर डालने के लिए बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों (केंद्र और राज्य चुनाव स्तर पर) के लिए यह अनिवार्य होगा कि वह अपनी वेबसाईट पर लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों जिनको उम्मीदवार के तौर पर चुना गया है, के मामलों सम्बन्धी जानकारी, जैसे अपराधों की किस्म समेत और संबंधित विवरण जैसे लगे दोष, संबंधित अदालत, केस नंबर आदि सम्बन्धी पूरी जानकारी अपलोड करें। इसके साथ ही राजनीतिक पार्टी को यह भी स्पष्ट करना होगा कि साफ़-सुथरी छवि वाला उम्मीदवार चुनने के बजाए आपराधिक पृष्टभूमि वाला उम्मीदवार क्यों चुना गया और यह भी स्पष्ट करना होगा कि चुने गए उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता और उपलब्धियाँ क्या थीं, जिस कारण उसे मतदान में उतारा गया है, ना कि सिफऱ् यही दिखाया जाए कि यह उम्मीदवार जीतने की क्षमता रखता था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अगे बताया कि राजनीतिक पार्टी को उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी फेसबुक और ट्विटर समेत अपने आधिकारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के अलावा कम से कम एक क्षेत्रीय भाषा वाले समाचार पत्र और एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने कहा कि यह विवरण उम्मीदवार घोषित किए जाने के 48 घटों के अंदर या नामांकन दाखि़ल करने की पहली तारीख़ से दो हफ़्ते पहले, जो भी पहले हो, प्रकाशित किए जाने चाहिएं।  फिर संबंधित राजनीतिक पार्टी उक्त उम्मीदवार के चयन के 72 घटों के अंदर निर्वाचन आयोग के समक्ष इन निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई राजनीतिक पार्टी निर्वाचन आयोग के समक्ष ऐसी अनुपालन रिपोर्ट पेश करने में असफल रहती है तो निर्वाचन आयोग संबंधित राजनीतिक पार्टी द्वारा ऐसी अनुपालना न करने को अदालत के आदेशों/निर्देशों की अवमानना के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगे बताया कि चुनाव मुहिम के दौरान मतदाताओं की समय-समय पर जागरूकता को सुनिश्चित बनाने के लिए आयोग ने अब राजनीतिक पार्टियों और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रचार के लिए समय सीमा, नामांकन वापस लेने की आखिऱी तारीख़ से मतदान की तारीख़ से 48 घंटे पहले तक निर्धारित की है।

समय-सीमा के अनुसार, पहला विज्ञापन नामांकन वापस लेने के पहले 4 दिनों के अंदर दिया जाएगा, दूसरा अगले 5 से 8 दिनों के बीच दिया जाएगा, जबकि तीसरा विज्ञापन 9वें दिन से प्रचार के आखिऱी दिन (मतदान की तारीख़ से एक दिन पहले) तक दिया जाएगा।

सी.ई.ओ. ने बताया कि संबंधित राजनीतिक पार्टी और उम्मीदवारों को यह घोषणा पत्र किसी क्षेत्रीय समाचार पत्रों में 12 फॉन्ट साईज़ में तीन बार उचित जगह पर छपवाना होगा।

उन्होंने कहा कि विज्ञापन उपलब्ध रिकॉर्डों में डीएवीपी/ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन द्वारा बताए अनुसार 75,000 से अधिक सर्कुलेशन वाले कम से कम एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र में प्रकाशित कम से कम 25,000 के सर्कुलेशन वाले एक स्थानीय भाषा में दैनिक समाचार पत्र में क्षेत्रीय भाषा में प्रकाशित करवाना होगा। उन्होंने कहा कि यह विज्ञापन टीवी चैनलों के लिए निर्धारित प्रारूप में कम से कम सात सेकंड के लिए प्रसारित किया जा सकता है, जिससे निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी का प्रचार सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक स्थानीय भाषा या अग्रेज़ी में टीवी चैनल पर प्रसारित किया जाए।

संबंधित उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टियाँ फॉर्म सी-4 और सी-5 में अपेक्षित जानकारी क्रमवार जि़ला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को क्रमवार निर्धारित प्रारूप में प्रदान करेंगी।  उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उम्मीदवार द्वारा गलत जानकारी देने की सूरत में लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (4) और भरतीय दंड संहिता की धारा 51 और 171 (जी) के अंतर्गत आपराधिक कार्यवाही की जाएगी। डॉ. राजू ने आगे दोहराया कि ऐसे विज्ञापन सिफऱ् उन उम्मीदवारों से ही प्रकाशित किए जाने थे, जो या तो दोषी ठहराए गए थे या जिन पर आपराधिक मामले लंबित थे।

उन्होंने आगे बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को केस का शीर्षक, नंबर और स्थिति सम्बन्धी विवरण स्पष्ट रूप से फॉर्म 26 आइटम न. 5 में दर्ज करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यदि उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखि़ल करने के बाद केस की स्थिति बदल जाती है, तो यह उम्मीदवार पर निर्भर करेगा कि वह संबंधित रिटर्निंग अफ़सर को इस संबंध में अधिसूचना के बारे में अवगत करवाना चाहिए है या नहीं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो उम्मीदवार दोषी नहीं ठहराए गए हैं या उनके विरुद्ध कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है, उनको ऐसे विज्ञापन प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस संबंधी विज्ञापनों का खर्चा राजनीतिक पार्टी और उम्मीदवारों द्वारा वहन किया जाएगा, जिसको चुनाव खर्चों में जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि रिटर्निंग अफ़सर समाचार पत्रों में प्रकाशित और टीवी चैनलों पर प्रसारित की जा रही जानकारी को प्रसारित करने के लिए उम्मीदवारों द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि संबंधी किए गए दावों की प्रामाणिकता के बारे में पूछताछ नहीं कर सकते हैं।

डॉ. राजू ने आगे कहा कि उम्मीदवार समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में सी फॉर्मेट में अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि का प्रचार करने, इसी तरह राजनीतिक दलों को समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में सी फॉर्मेट में आपराधिक पृष्ठभूमि का प्रचार करना होगा, इसके अलावा रिटर्निंग अधिकारी इस संबंधी सी फॉर्मेट में संबंधित उम्मीदवार को रिमाईंडर जारी कर सकते हैं। 

In pursuance of this, Election Commission issued detailed instructions on 10th October, 2018. In its directions, it prescribed six forms for the following purposes:

FormatsAction to be taken byPlatform      
C1CandidatesNewspaper & TV
C2Political PartiesNewspaper, TV & Political Party’s Website
C3Returning OfficerReminder to the Candidate
C4Candidate to DEOReport to be submitted before the DEO (in case of elections to Lok Sabha and Vidhan Sabha) or the RO (in case of elections to Rajya Sabha and Vidhan Parishad)
C5Political Parties to CEO of the State concernedReport about publishing of the declaration
C6CEO to the CommissionReport regarding compliance by the Political Parties
The Commission, in pursuance to this, on 6th March, 2020 prescribed two more forms for compliance by the political parties
FormatsAction to be taken byPurpose       
C7Political PartiesNewspapers, Social Media Platforms and Website of the Party
C8Political Parties to CommissionReport of compliance of the Political Party
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