हम सब का फर्ज यही है रखें उस घर का ध्यान, जिस घर से वीर सैनिक हुए देश पर कुर्बान…

75वें गणतंत्र दिवस पर उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने आयोजित की काव्य संध्या

PANCHKULA, 26 JANUARY: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला द्वारा 75वें गणतंत्र दिवस पर शानदार काव्य संध्या का आयोजन किया गया। उमंग अभिव्यक्ति मंच की फाउंडर श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि इस ऑनलाइन कार्यक्रम में देशभर के कई रचनाकारों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि देश में प्रेम व भाईचारे की भावना भरने के लिए उमंग अभिव्यक्ति मंच हमेशा ही तत्पर रहता है और अपने वीर शहीदों के बलिदान को और अपने तिरंगे के सम्मान में अनेक तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गणेश दत्त ने हिस्सा लिया। राजेश कुमार ने सभी देशवासियों को 75वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी व कहा कि अपने संविधान के लिए सभी भारतीयों के मन में सम्मान होना चाहिए। दिल खोलकर अपने वीर शहीदों और देश का गुणगान करना चाहिए। देश है तो हम हैं।

कार्यक्रम में नीलम त्रिखा ने अपनी रचना में कहा,
यह यह तिरंगा देश की शान है।
इसमें बसी मेरी जान है।।
नीरजा शर्मा ने कहा,
देश से प्रेम, गणतंत्र दिवस सब मनाएं।
भीमराव जी, संविधान जनक, न्याय व्यवस्था, चहुं और बनाएं।।
पानीपत से सुधा बत्रा ने कहा,
देश प्यारा है तो देश के लिए जान दो, कष्ट सहकर भी देश को सम्मान दो।।
दर्शना सुभाष पाहवा ने कहा,
मन से फर्ज निभाया तो बस देश प्रेम हो गया।
दुखियों को अपनाया तो बस देश प्रेम हो गया।।
विमला गुगलानी ने कहा,
वंदे मातरम और तिरंगा मेरे भारत की पहचान।
धरती, नदिया को मां कहते, पर्वत माने पिता समान।।
सीता श्याम ने कहा,
ऐ मेरे देश की माटी,
बस इतनी सी मेरी चाह।
जब जब जन्म लूं धरती पर,
अपनी गोद में देना पनाह।।
वरिष्ठ साहित्यकार इंद्र वर्षा ने बेटियों पर अपनी कविता में कहा,
बेटियां देश का अभिमान है।
दर्शना सुभाष पहावा ने कहा,
मां से फर्ज निभाया तो वह देश प्रेम हो गया। आजाद हवा में महक है…
रेखा मित्तल ने कहा,
मैं भारत की नारी, भारत मुझ में बसता है।
नीरू मित्तल ने ‘मेरे देश की माटी से खुशबू आती है’ कविता सुनाई। कंचन जैन ने गीत ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी गाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।
रेणु अब्बी ‘रेणू’ ने कहा,
बड़ी मुश्किल से मिली आजादी,
रखना इसे संभाल हिफाजत से।
कुसुम धीमान ने कहा,
उड़े तिरंगा शान से, देते सब सम्मान।
यहां-वहां पर फेंक कर, मत करना अपमान॥
डाॕ. ममता सूद कुरुक्षेत्र से वीर जवानों की प्रशंसा करते हुये कहा,
अभिमान हमें उन वीरो पर,
जो देश की रक्षा करते हैं
अभिमान हमें उन वीरों पर ,
जो सरहद पर लड़ा करते हैं।
सरोज चोपड़ा ने कहा,
है देश हमारा सबसे प्यारा, बने तिरंगा शान ।
यह देश हमारा लगता, प्यारा करे सदा ही मान।

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