शिक्षिका के मामले में हुई महापंचायतः दलित संगठनों ने संघर्ष के लिए हाईपावर कमेटी गठित की

सोमवार को फिर डीपीआई से मिलेंगे दलित नेता, इंसाफ न मिला तो छेड़ा जाएगा बड़ा आंदोलनः डॉ. अंबेडकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा

CHANDIGARH, 12 FEBRUARY: सेक्टर-18 चंडीगढ़ स्थित सरकारी स्कूल की अध्यापिका माधवी और मनीमाजरा के स्कूल की अध्यापिका अनामिका को न्याय दिलाने के लिए अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और कर्मचारी संगठनों की एक महापंचायत आज श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा सेक्टर-30 चंडीगढ़ में हुई। बैठक की अध्यक्षता ओपी चोपड़ा ने की। इसमें दलित संगठनों के नेताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

वरिष्ठ सफाई कर्मचारी नेता ओमपाल सिंह चावर ने बताया कि इस महापंचायत के दौरान एक हाई पावर कमेटी गठित की गई। इस कमेटी का नाम डॉक्टर अंबेडकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा तय किया गया। इस हाई पावर कमेटी में 24 गणमान्य नेताओं को शामिल किया गया। यह कमेटी आगामी रणनीति तय करेगी। महापंचायत में कहा गया कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के डीपीआई ने भरोसा दिलाया था कि सोमवार तक इन मामलों में दोषी प्रधानाचार्य राजबाला को उनके मूल राज्य हरियाणा में भेज दिया जाएगा। इस कारण हाई पावर कमेटी सोमवार 13 फरवरी को फिर डीपीआई एचएस बराड़ से मिलेगी और पता करेगी कि उन्होंने अपना वायदा पूरा किया या नहीं तथा पीड़ित शिक्षिकाओं को इंसाफ दिया या नहीं ?

चावर ने बताया कि डा. अंबेडकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा में स्वामी चंद्रपाल अनार्य, ओपी चोपड़ा, भगत राज तिसावर, कृष्ण कुमार चड्डा, ओमपाल चावर, रणजीत मिश्रा, किशोर कुमार पाल, हरबंस सिंह सैनी, धर्मवीर राणा, ओम प्रकाश सैनी, सुनील पारखी, मदन सिंह, बृजपाल, जसपाल सिंह, रवि आदिवाल, त्रिलोक चंद, श्रीमती किरण बाला, जुगिंदर खेरवाल, गौतम भौरिया, पुष्पेंद्र कुमार, सुरजीत सिंह फौजी, मनोज कुमार एडवोकेट, बालचंद बोहत को शामिल किया गया है। चावर ने बताया कि महापंचायत में फैसला किया गया है कि सोमवार को चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के डीपीआई एचएस बराड़ का पक्ष जानने के बाद महसूस किया गया कि पीड़ित शिक्षिकाओं को अभी तक न्याय नहीं मिला है तो डा. अंबेडकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करने की रणनीति तय की जाएगी।

बता दें कि डा. अंबेडकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा में शामिल सभी दलित संगठऩों का आरोप है कि प्रधानाचार्य राजबाला ने दलित शिक्षिका का न केवल उत्पीड़न किया है, बल्कि उन्हें जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपमानित भी किया है। इसको लेकर चंडीगढ़ के दलित समाज में भारी रोष है।


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