महिला प्रधान परिवारों के सशक्तिकरण के लिए माता तृप्ता महिला योजना को हरी झंडी

पंजाब के 7.96 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ

CHANDIGARH: राज्य में महिला-प्रमुख परिवारों के सशक्तिकरण की कोशिश के तौर पर पंजाब मंत्रीमंडल ने बुधवार को माता तृप्ता महिला योजना को लागू करने की मंज़ूरी दे दी गई है। गौौरतलब है कि पंजाब में 54,86,851 परिवार (जनगणना 2011) हैं, जिनमें से 7,96,030 परिवारों की प्रमुख महिलाएं हैं। इस नयी नीति का उद्देश्य पंजाब में महिला-प्रमुख परिवारों (डब्ल्यू.एच.एच.), जहाँ परिवार में कमाने और फ़ैसले लेने वाली अकेली महिला (बालिग़) है, का सशक्तिकरण करना है।

यह अनुमान लगाया गया है कि सभी योग्य लाभपात्रियों को कवर करने के लिए प्रचार और प्रसार प्रोग्रामों के लिए साल 2021-22 से आई.ई.सी. की गतिविधियों के लिए 5 करोड़ रुपए समेत सालाना 177.1 करोड़ रुपए की अतिरिक्त व्यवस्था की ज़रूरत होगी। इस योजना के अंतर्गत परिवार का प्रमुख एक विधवा/अकेली रह रही महिला/परिवार से अलग रह रही महिला/तलाकशुदा औरत/अविवाहित महिला होनी चाहिए और वह परिवार में कमाने वाली अकेली मैंबर होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार की यह विलक्षण पहल विभिन्न विभागों द्वारा चलाईं जा रही मौजूदा/चल रही सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया करवाने पर केंद्रित होगी। इस महिला समर्थकीय पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी जरूरतमंद महिला-प्रमुख परिवारों तक पहुँच करना है, जिससे इन परिवारों को सेवाएं/लाभ मुहैया करवाए जा सकें और जि़ंदगी के हरेक क्षेत्र में स्वास्थ्य संभाल, शिक्षा, रोजग़ार, सुरक्षा और मान-सम्मान के सम्बन्ध में उनके अधिकारों को यकीनी बनाया जा सके।

प्रवक्ता ने कहा कि यह स्कीम उन पहलुओं और ज़रूरतों को कवर करने के लिए नयी पहलकदमियां और प्रोग्राम भी शुरू करेगी, जिनको अब तक किसी भी मौौजूदा केंद्रीय/राज्य स्पांसर स्कीम या महिलाओं/लड़कियों पर केंद्रित योजना के अंतर्गत उचित ढंग से कवर नहीं किया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण का भाव जागरूकता, शिक्षा, प्रशिक्षण और हर क्षेत्र में बराबर मौके प्रदान करके महिलाओं का रुतबा ऊँचा करने की दिशा में कदम उठाना है। इस तरह महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को अपने लिए जीवन निर्णायक फ़ैसले लेने के लिए तैयार करना है। जनगणना 2011 के अनुसार, महिलाएं राज्य की कुल आबादी का 47.23 प्रतिशत हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतिशत 48.5 है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि पंजाब की कुल आबादी 2.7 करोड़ है, जिसमें से पुरुषों की संख्या 1.4 करोड़ और महिलाओं की संख्या 1.3 करोड़ है। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वचनबद्ध है। सरकार द्वारा विशेष योजनाओं और नीतियों के ज़रिये महिलाओं के लिए पहले ही बहुत सी पहलकदमियां की गई हैं। पंचायतों और शहरी स्थानीय इकाईयों में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया है।

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