चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले से लोगों को राहत नहीं, कलेक्टर रेट में 10 फीसदी की कमी नाकाफी: कांग्रेस

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शहर में औद्योगिक क्षेत्र और मध्य मार्ग के वाणिज्यिक क्षेत्रों में कलेक्टर रेट को 10% कम करने और गांवों में कृषि भूमि में सामूहिक रूप से 10% वृद्धि करने के प्रशासन के फैसले को नाकाफी बताया है।

गांवों में भी किया गया मजाक: लक्की

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एचएस लकी ने कहा कि प्रशासन शहर के निवासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है और यह फैसला महज एक दिखावा है। औद्योगिक क्षेत्र और शहर के मध्य मार्ग के अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में कलेक्टर रेट बहुत अधिक हैं और वास्तविक संपत्ति की कीमतें कम हैं। लोग कम से कम 50% कलेक्टर रेट के कम होने की उम्मीद कर रहे थे। लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ के गांवों में कलेक्टर रेट में 10% वृद्धि करके 1 करोड़ 27 लाख प्रति एकड़ किए गए हैं, जो कि एक मजाक है, क्योंकि प्रशासन खुद 40 करोड़ से अधिक प्रति एकड़ में भूमि की नीलामी कर रहा है और जब अधिग्रहण के लिए मुआवजा देने की बात आती है तो बहुत कम दिया जाता है। प्रशासन को 5 करोड़ प्रति एकड़ कलेक्टर रेट बढ़ाना चाहिए था।

चंडीगढ़ निवासी विशेषज्ञों की समिति गठित करनी चाहिए

लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को जमीनी स्थिति को देखकर फैसले करने चाहिए और यथार्थवादी निर्णय लेने से चंडीगढ़ के निवासियों को राहत मिलेगी। उन्होंने मांग की कि प्रशासन को इस मामले में विशेषता रखने वाले शहर के प्रमुख निवासियों की एक समिति का गठन करना चाहिए और उनकी रिपोर्ट के बाद अधिक व्यावहारिक और जमीनी निर्णय लेना चाहिए, जिससे लोगों को वास्तविक राहत मिल सके।

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