अब कांग्रेस बनाम छाबड़ा में बदल रही चावला-छाबड़ा की लड़ाई, अनवार उल हक बोले-मतलब परस्तों की ओच्छी बयानबाजी अब बर्दाश्त नहीं होगी

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस में मौजूदा अध्यक्ष सुभाष चावला व पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के बीच चल रहे शीतयुद्ध में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कूदकर इस लड़ाई को अब छाबड़ा बनाम कांग्रेस का रूप दे दिया है। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व व पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल पर छाबड़ा खेमे से लग रहे आरोपों को लेकर जिस तरह सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हाफिज अनवार उल हक, फिर वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीडी जिंदल ने मोर्चा संभाला है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि आज होने जा रही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पहली मीटिंग में छाबड़ा-चावला विवाद पर भी गंभीर चर्चा हो सकती है। हाफिज अनवार उल हक ने आज साफ शब्दों में कहा कि पार्टी की शीर्ष पंक्ति के नेता पवन कुमार बंसल व प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ ओच्छी बयानबाजी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी के सम्मानित नेताओं पर अमर्यादित हमलों का माकूल जवाब दिया जाएगा।

इस तरह के लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए

चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता हााफिज अनवार उल हक ने आज सुबह एक बयान जारी कर कहा कि निजी कारणों से यदि किसी को पार्टी के किसी निर्णय पर असंतुष्टि है तो उसे अनुशासन के दायरे में रहकर अपनी बात रखने का अधिकार है। पार्टी इस तरह के लोगों को इसका उचित अवसर भी देती है लेकिन मर्यादा की सीमाएं तोड़कर सिर्फ पार्टी की छवि धूमिल करने के इरादे से कोई यदि पार्टी के सम्मानित नेताओं पर टीका-टिप्पणी करेगा तो पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता व नेता इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। अनवार उल हक ने साफ कहा कि इस तरह के लोगों को समय रहते पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।

जड़ से उखड़े पेड़ का कोई वजूद नहीं

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ कांग्रेस में जिन लोगों ने पार्टी के सर्वमान्य नेता पवन कुमार बंसल की उंगली पकड़कर राजनीति का ककहरा सीखा, जिन लोगों को बंसल की बदौलत शहर में खुद को नेता के रूप में स्थापित करने का मौका मिला, सियासत के उच्च पद हासिल हुए, उन लोगों की ओच्छी बयानबाजी साबित करती है कि यह लोग मानसिक रूप से दिवाालिया हो चुके हैं। नैतिक रूप से कंगाल यह मतलब परस्त लोग किसी के हितैषी नहीं हो सकते। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हाफिज अनवार उल हक ने कहा कि जिन लोगों को अपनी गली में पड़ोसी तक नहीं जानते थे, उनकी पहचान सिर्फ कांग्रेस में रहकर शहर के शीर्ष नेता पवन कुमार बंसल के सानिध्य से बनी। आज उनको इस बात का भली भांति अहसास हो रहा है। जिस तरह जड़ से उखड़े पेड़ का कोई वजूद नहीं होता, ठीक उसी तरह पार्टी व पार्टी के नेताओं पर हमले कर रहे लोगों का हाल हो रहा है। इसलिए वह बौखलाए हुए हैं तथा अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन पूरे शहर के सामने कर रहे हैं।

जिसका समाज में कोई मान ही नहीं, उसकी मानहानि कैसी ?

अनवार उल हक ने कहा कि वह पूरी तरह इस पक्ष में हैं कि इस तरह के लोगों को समय रहते पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए, ताकि किसी तरह के विवाद से परे पार्टी अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित करके आगे बढ़ सके। हक ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बोलने वाले धमकी दे रहे हैं कि उनके (हाफिज अनवार उल हक) खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे। हक ने कहा कि मानहानि की बात उस व्यक्ति को करनी चाहिए, जिसका समाज में कोई मान हो। जिसका समाज में कोई मान ही नहीं, उसकी मानहानि कैसी ? फिर भी यदि मुकदमे का किसी को शौक है तो वह (हाफिज अनवार उल हक) स्वागत करते हैं तथा इस तरह की किसी घुड़की से विचलित होने वाले नहीं हैं।

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