जमीन मालिकों को आसान तरीके और परेशानी मुक्त करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट की ऑनलाइन प्रक्रिया की शुरू

CHANDIGARH: आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने आज उन ज़मीनों के मालिकों को ऑनलाइन ढंग से लेटर ऑफ इंटेंट (एल.ओ.आई) जारी करने की शुरूआत की है जिनकी ज़मीन ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरटी (गमाडा) के अधीन ऐरोट्रोपोलिस प्रोजैक्ट के लिए अधिग्रहण किया गया है।

डिजिटल ढंग से लेटर ऑफ इंटेंट (आज्ञा पत्र) जारी करने की इस पहलकदमी ने एल.ओ.आई. जारी करने के पुराने रिवायती ढग़ को बदल दिया है। पुड़ा भवन, एसएएस नगर में ऐरोट्रोपोलिस स्कीम के अंतर्गत अधिग्रहण की गई ज़मीन के मालिकों को एलओआई जारी करने की ऑनलाइन प्रक्रिया की शुरूआत करने के मौके पर सरकारिया ने इसको एक मील पत्थर स्थापित करने वाला दिन बताया। इस मौके पर आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव सरवजीत सिंह और गमाडा के मुख्य प्रशासक प्रदीप कुमार अग्रवाल भी उपस्थित थे।

इस नई प्रणाली में ज़मीन मालिकों को एक एसएमएस प्राप्त होता है जिसमें एक लिंक होता है जिस पर क्लिक करके वह एलओआई डाउनलोड कर सकते हैं। अब ज़मीन मालिकों को एलओआई प्राप्त करने के लिए गमाडा कार्यालय के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं है। इससे लोगों का समय भी बचेगा और साथ ही उनको तेज़ी से सुपुर्दगी भी मिलेगी। ऑनलाइन एलओआई जारी करने सम्बन्धी लोगों तक सुपुर्दगी को भी सुनिश्चित बनाता है क्योंकि पिछले समय के दौरान जब एलओआई दस्ती जारी किए जाते थे तब कुछ मामलों में ज़मीन मालिकों द्वारा एलओआई न प्राप्त होने की शिकायतें दर्ज करवाई गई थीं। 

जि़क्रयोग्य है कि गमाडा ने ऐरोट्रोपोलिस प्रोजैक्ट के ए, बी, सी और डी पॉकिट्स के विकास के लिए लगभग 1650 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया गया है, जो एस.ए.एस. नगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक शुरू होने जा रहा है। लगभग 1460 एकड़ ज़मीन के मालिकों ने लैंड पुलिंग की चयन किया था, जिनको अब एलओआई ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। सभी एलओआई अगले 30-40 दिनों में जारी होने की आशा है। जहाँ तक प्रोजैक्ट की प्रगति का सवाल है तो लगभग 215 करोड़ रुपए के टैंडर अलग-अलग नागरिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य और बिजली सेवाओं को चलाने के लिए जल्द ही जारी किए जाएंगे। प्रोजैक्ट की योजना लगभग मुकम्मल हो चुकी है और वातावरण सम्बन्धी मंज़ूरी मिलने के बाद आंतरिक विकास शुरू हो जाएगा। मंज़ूरी लेने के लिए गमाडा ने पहले ही राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को आवेदन दे दिया है।

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