हमारा लक्ष्य प्लाईवुड मार्किट को विश्व में पहचान दिलाकर विदेशी मुद्रा को बचाना: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

मुख्यमंत्री ने की प्लाईवुड कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों को विशेष छूट देने की घोषणा, जिले में 50 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा फोरेस्ट रिसर्च सैंटर

CHANDIGARH, 16 MAY: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य निर्यात को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा को बचाना है, इसके लिए प्लाईवुड मार्केट को विश्व में पहचान दिलानी होगी। राज्य आपस में मिलकर काम करेंगे तो एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनेगा। मुख्यमंत्री ने प्लाईवुड कलस्टर के उद्योगपतियों को छूट देते हुए घोषणा करते हुए कहा कि जो उद्योगपति अपनी फैक्टरी का माल निर्यात करेगा उसकी 2 प्रतिशत मार्किट फीस वापिस की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा के प्लाईवुड उद्योग क्षेत्र में हरियाणा के लोगों को रोजगार देंगे तो सरकार द्वारा 7 साल तक प्रति वर्ष 48 हजार रुपये प्रति व्यक्ति उद्योगपति को वापिस किया जाएगा।

मनोहर लाल ने कहा कि जो भी प्लाईवुड का नया उद्योग लगाया जाएगा उसे 10 साल तक 1.5 प्रतिशत सब्सीडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योग में निर्यात करने के लिए एक प्रतिशत सब्सीडी दी जाएगी जिसकी अधिकतम राशि 10 लाख रुपये तक होगी। इसके अलावा, उन्होंने यमुनानगर में 50 करोड़ रुपये की लागत से फोरेस्ट रिसर्च सैंटर बनाने की घोषणा भी कि जिससे यहां के उद्योगपतियों व किसानों को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री यमुनानगर में सोमवार को स्वर्ण जयंती हॉल में आयोजित प्लाईवुड कॉन्क्लेव में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष हरियाणा में प्लाईवुड का 8 हजार करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ पंरतु उसमें से 95 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया जो कि बहुत कम है। उन्होंने कहा कि घरेलू निर्यात को कैसे बढ़ाया जाए इस पर विचार करना है ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी हो सके।

उन्होंने कहा कि यमुनानगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा प्लाईवुड क्षेत्र है। निर्यात के क्षेत्र में इसको कैसे बढ़ाया जाए इसके लिए विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्लाईवुड सैक्टर में वर्ष 2026 तक 5.5 प्रतिशत वृद्घि होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में प्लाईवुड में अपनी मनमर्जी से काम चल रहा था। उस समय करीब 950 प्लाईवुड उद्योग काम कर रहे थे। उद्योग चलाने के लिए नए लाईसैंस नहीं दिए जा रहे थे। लाईसैंस के लिए करोड़ों रुपये की रिश्वत मांगी जाती थी। परंतु उन्होंने तुरंत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जितने भी आवेदन थे, सबको मंजूर किया।

उन्होंने कहा कि प्लाईवुड उद्योग लगाने से व्यापारी के साथ-साथ किसान भी उन्नत हुआ है। अब लकड़ी 1200 रुपये से 1400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है परंतु उस समय लकड़ी का रेट 350 रुपये प्रति क्विंटल था। मुख्यमंत्री ने प्लाईवुड से जुड़े उद्योगपतियों को कहा कि यदि आपके सामान की क्वालिटी अच्छी होगी तो आपके सामान के रेट भी बढ़िया मिलेंगे व निर्यात में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि वह बेहतर क्वालिटी का सामान बनाए इसके लिए जिले में कॉमन फैसिलिटी सैंटर बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योगपतियों को सुविधा दी जाएगी। इसके तहत जो भी उद्योगपति अपने सामान का निर्यात करेगा 10 साल तक उसे 1.5 प्रतिशत वार्षिक सब्सीडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्लाईवुड इकाइयों की सहायता के लिए सरकार की ओर से मध्यम स्तरीय उद्यम कलस्टर विकास योजना के तहत यमुनानगर में सांझा सुविधा केन्द्र की स्थापना की जा रही है। यह सांझा सुविधा केन्द्र प्लाईवुड निर्माताओं को उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने प्रोडैक्ट डिफरंटसिएशन शुरू करने, उत्पादन लागत को कम करने के तरीके सुझाने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि प्लाईवुड कलस्टर की मदद करने के उद्देश्य से यमुनानगर में क्वालिटी मार्किट सैंटर को भी अपडेट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लाईवुड कलस्टर के निर्यात में देश में केरल के बाद हरियाणा का दूसरा नाम आता है। हरियाणा में प्लाईवुड के निर्यात की काफी सम्भावनाएं हैं। असम के उद्योग मंत्री चन्द्र मोहन पटोवरी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा देश में ऐसा राज्य है जो लगातार विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्लाईवुड के क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं। यदि हरियाणा के लोग प्लाईवुड उद्योग असम में लगाना चाहते है तो वहां पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहां पॉपुलर की खेती अधिक होती है जिससे प्लाई बनाई जाती है, वहीं असम में बांस की खेती बहुत मात्रा में होती है और बांस से बेहतर प्लाई बनाई जा सकती है। उन्होंने हरियाणा के उद्योगपतियों से कहा कि वह असम में खेती करें वहां की जलवायु उद्योगों के लिए अनुकूल है। रेलमार्ग, सड़क मार्ग की विशेष सुविधाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मिजोरम, बगंलादेश व थाईलैण्ड का केवल एक घण्टे का रास्ता है। यदि असम में प्लाईवुड के उद्योग लगाए जाए तो बेहतर परिणाम होंगे।

शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि उद्योग से रोजगार मिलते हैं जहां उद्योग होगा उस क्षेत्र में सम्पन्नता होगी। यमुनानगर में प्लाईवुड उद्योग से हजारों युवाओं को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का सपना है कि एनसीआर की तर्ज पर पंचकूला, यमुनानगर व अम्बाला में उद्योग बढ़े। उन्होंने यमुनानगर में आईसीडी सैंटर बनवाने की मांग की।

उन्होंने उद्योगपतियों से अपील की है कि वह इस क्षेत्र में गुणवत्ता से काम करें ताकि प्लाईवुड के क्षेत्र में यमुनानगर का दुनिया में नाम हो। इस अवसर पर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव योगेंद्र चौधरी, अम्बाला की आयुक्त रेणू एस फूलिया, उपायुक्त पार्थ गुप्ता, चेयरमैन व्यापारी कल्याण बोर्ड रामनिवास गर्ग, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल, मेयर मदन चौहान, राजेश सपरा, प्लाईवुड एसोसिएशन के अध्यक्ष जेके बिहानी, बीएच पटेल, उमेश कुमार, वन विभाग के अधिकारी जगदीश चन्द्र सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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