शिशु निकेतन स्कूल के बाहर टीचर्स-पेेेरेंट्स के बीच तनातनी, शिक्षकों ने लगाया परेशान करने का आरोप, पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप

कुछ पेरेंट्स ने टीचर्स की सैलरी के नाम पर दान मांगना शुरू किया तो शिक्षक बोले, हमारे लिए नहीं अपने बच्चों की फीस के लिए दान मांगें यह पेरेंट्स

CHANDIGARH: सेक्टर-22 स्थित शिशु निकेतन स्कूल के बाहर आज शिक्षकों व पेरेंट्स के बीच उस समय तनातनी की स्थिति बन गई जब कुछ पेरेंट्स फीस बढ़ोत्तरी व फीस न देने वाले बच्चों तथा पेरेंट्स को परेशान किए जाने का आरोप लगाते हुए विरोध जताने के लिए शिक्षकों की सैलरी के नाम पर दान इकट्ठा करने पहुंचे। इस दौरान शिक्षकों ने दावा किया कि कुछ पेरेंट्स उन्हें बेवजह परेशान करने पर तुले हुए हैं, जबकि स्कूल में शिक्षकों को पूरी सैलरी मिल रही है। उन्हें किसी दान की जरूरत नहीं है। इस बीच, शिक्षकों व पेरेंट्स के बीच इतनी गर्मा-गर्मी हुई कि पुलिस को पहुंचकर मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।

स्कूल की शिक्षकों ने कहा कि आज कुछ पेरेंट्स ने शिक्षकों की सैलरी के लिए दान इकट्ठा करने के नाम पर स्कूल के बाहर जुटने का आह्वान किया था लेकिन कुछ मुट्ठीभर माता-पिता ही स्कूल के बाहर पहुंचे। उनका शिक्षकों ने विरोध किया, क्योंकि शिक्षकों को सैलरी के लिए किसी दान की जरूरत नहीं है। सबको समय से पूरी सैलरी मिल रही है। शिक्षकों का कहना है कि कुछ पेरेंट्स गलत तथ्यों से दूसरे पेरेंट्स व संबंधित अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं तथा शिक्षकों को परेशान करने के लिए रोज ही कोई न कोई नया बखेड़ा खड़ा कर देते हैं। शिक्षकों ने कहा कि यदि वे धन एकत्र करना ही चाहते हैं तो हमारी सैलरी के नाम के बजाय अपने बच्चों के लिए करें व स्कूल की फीस भरें। शिक्षकों ने कहा कि यह पेरेंट्स अपने बच्चों के शुल्क का भुगतान करने में विफल रहे हैं, फिर भी हम उनके बच्चों को पढ़ा रहे हैं लेकिन वे हमारा नाम लेकर गंदी राजनीति खेल रहे हैं।

एक अन्य शिक्षक ने कहा कि स्कूल केवल शिक्षण शुल्क ले रहा है, जो पिछले साल से कुछ हजार में है। स्कूल के कुल 4000 छात्रों में से केवल दो के माता-पिता हंगामा कर रहे हैं। एक वर्ष तक उन्होंने अपने बच्चों को परीक्षाओं में उपस्थित नहीं होने दिया और अदालतों के आदेश से हमें धमकी दी। शिक्षकों ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि कौन से कोर्ट ने उन्हें यह कहकर धन इकट्ठा करने की अनुमति दी है कि स्कूल ने शिक्षकों को भुगतान नहीं किया है, जबकि हम छात्रों के कल्याण के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी माता-पिता को पैसे की जरूरत हो तो हम दान करने के लिए तैयार हैं। हमने जरूरतमंद छात्रों के लिए योगदान दिया है लेकिन मीडिया का ध्यान भटकाने वाले माता-पिता हमारे बारे में झूठ बोल रहे हैं, यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।

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