कपास पर गुलाबी सूंडी का हमला: पंजाब सरकार ने बीजों के मानकों की जांच के आदेश दिए

दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ फौजदारी केस दर्ज किया जाएगा: रंधावा

CHANDIGARH: मालवा क्षेत्र में कपास की फ़सल पर गुलाबी सुंडी के हमले के सम्बन्ध में बीजों के मानक संबंधी मामले में पंजाब सरकार द्वारा तुरंत उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाएगी और जो भी दोषी पाया गया, कानून के अनुसार उसके विरुद्ध फ़ौजदारी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

यह बात उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज कृषि मंत्री स. रणदीप सिंह नाभा और अन्य उच्च अधिकारियों को साथ लेकर किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने के उपरांत कही।

स. रंधावा ने कहा कि कृषि मंत्री ने अपना पद संभालते ही सबसे पहले इस मामले की जाँच के आदेश देते हुए जल्द ही रिपोर्ट देने के लिए कहा है और किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा। स. नाभा ने यह भी बताया कि किसानों की कपास की फ़सल को और नुकसान से बचाने के लिए सरकार द्वारा मुफ़्त कीटनाशक मुहैया करवाया जाएगा।

स. रंधावा ने किसानों को बताया कि केंद्र द्वारा पास किए गए काले कृषि कानूनों के खि़लाफ़ चल रहे संघर्ष के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को पंजाब सरकार द्वारा प्रति किसान पाँच लाख रुपए दिए गए हैं और 165 मृतक किसानों के एक-एक पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए कार्यवाही मुकम्मल कर ली गई है। यह नियुक्ति पत्र देने की शुरूआत बीते दिनों मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा बठिंडा से की गई और आने वाले दिनों में राज्य सरकार इन परिवारों को घर-घर जाकर नियुक्ति पत्र सौंपेगी।

इस मौके पर किसान नेताओं द्वारा बाकी बचे मृतक किसानों के पारिवारिक सदस्यों को नौकरी देने का मुद्दा उठाए जाने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिवारिक वारिस का नाम तय न होने पर यह बाकी बचे नियुक्ति पत्र भी तैयार कर लिए जाएंगे, क्योंकि इन परिवारों द्वारा दूर के रिश्तेदार का नाम लिखवाने के कारण कानूनी अड़चन आई। स. नाभा ने कहा कि एक महीने के अंदर सभी मृतक किसानों के परिजनों को नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। इसके अलावा अमृतसर और तरन तारन के तीन मृतक किसानों का नाम सूची में शामिल न किए जाने का मुद्दा उठाए जाने पर स. रंधावा और स. नाभा ने मौके पर ही अधिकारियों को हिदायत की कि आने वाले दो दिनों के अंदर इन नामों को वित्तीय सहायता और नौकरी देने के लिए सूची में शामिल करने के लिए औपचारिक कार्यवाही मुकम्मल की जाए।

किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की माँग उठाए जाने पर उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार द्वारा दर्ज 105 मामलों में से 60 केस वापस ले लिए गए हैं और बाकी बचे केस जल्द वापस ले लिए जाएंगे, जिस सम्बन्धी उन पुलिस अधिकारियों को मौके पर हिदायत भी दी। स. रंधावा ने कहा कि रेलवे पुलिस द्वारा दर्ज केस वापस लेना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, जिस सम्बन्धी पंजाब सरकार द्वारा पत्र लिखा गया था और अब वह स्वयं रेलवे मंत्री को मिलकर यह माँग रखेंगे।

गन्ना किसानों के बकाए संबंधी बात करते हुए स. रंधावा ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों की 99 प्रतिशत के करीब अदायगी हो गई है और सिफऱ् 8 करोड़ रुपए बाकाया हैं, जोकि केंद्र सरकार के बफर स्टॉक सब्सिडी के हैं, जिसके लिए केंद्र से कार्यवाही करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सरकार द्वारा गन्ना किसानों की बड़ी माँग मानते हुए गन्ने का भाव 360 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया, जिसका नोटीफिकेशन आने वाले कुछ दिनों में जारी हो जाएगा।

पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के क्षेत्रों ख़ासकर फिऱोज़पुर और फाजिल्का जिलों में तार से पार वाली ज़मीनों में खेती के लिए निर्धारित समय के लिए गेट खोले जाने की माँग उठाए जाने पर स. रंधावा ने कहा कि सम्बन्धित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को इस सम्बन्धी बी.एस.एफ. के पास यह मुद्दा उठाने के लिए हिदायत की जाएगी। इसी तरह कजऱ्े के कारण खुदकुशी करने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता के मामलों में देरी के मुद्दे पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए जाएंगे कि इस काम को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए और साथ ही उन किसान संगठनों द्वारा की गई माँग के लिए वित्तीय सहायता के लिए निर्धारित मापदंड तय समय के अंदर पूरे करके केस भेजे जाएँ।

इसी तरह फसलों की क्षति के मुआवज़े के लम्बित कुछ मामलों के बारे में भी उप मुख्यमंत्री ने किसान संगठन को विश्वास दिलाया, इस सम्बन्धी सम्बन्धित जिलों के अधिकारियों को हिदायत कर दी जाएगी।

बैठक में खडूर साहिब से लोक सभा मैंबर जसबीर सिंह डिम्पा, विधायक बरिन्दरमीत सिंह पाहड़ा और नवतेज सिंह चीमा, सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार विकास गर्ग, कृषि कमिश्नर बलविन्दर सिंह सिद्धू, केन कमिश्नर गुरविन्दर सिंह, पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत, उप मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव और मार्कफैड के एम.डी. वरुण रूज़म, ए.डी.जी.पी. इंटेलिजेंस वरिन्दर कुमार, ए.डी.जी.पी. जेल पी.के. सिन्हा, आई.जी. इंटेलिजेंस जतिन्दर सिंह औलख, आई.जी. बॉर्डर रेंज एस.पी.एस. परमार, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर गुरप्रीत सिंह खैहरा और डिप्टी कमिश्नर तरन तारन कुलवंत सिंह के अलावा किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के राज्य प्रधान सतनाम सिंह पन्नू और जनरल सचिव स्वर्ण सिंह पंधेर भी उपस्थित थे।

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