राज्यसभा में PM Modi बोले- देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है

NEW DELHI, 9 FEBRUARY: PM Modi ने आज (गुरुवार) राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान सदन में हो रहे हंगामे के बीच भाषण देते हुए पीएम मोदी ने पूरे जोश और जुनून के साथ कहा, ‘देश देख रहा है- ‘एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है।’ बता दें 31 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू हुआ था।

धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति का अभिनंदन

पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जो चर्चा चल रही है, उस चर्चा में शरीक होकर के मैं राष्ट्रपति जी का आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं, अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए विकसित भारत का एक खाका और विकसित भारत के संकल्प के लिए एक रोड मैप को प्रस्तुत किया।

चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी सदस्यों का धन्यवाद

पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस चर्चा में भाग लिया, अपनी कल्पना के अनुसार चर्चा को विस्तार देने का प्रयास भी किया और इसलिए मैं सदन में हिस्सा लेने वाले व चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी आदरणीय सदस्यों का धन्यवाद करता हूं।

कई बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी

पीएम ने बताया कि ये सदन राज्यों का सदन है। बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस सदन में अनेक साथी ऐसे हैं जो अपने व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत कुछ सिद्धियां प्राप्त की हुई हैं, अपने जीवन में बहुत बड़े काम भी किए हुए हैं और इसलिए इस सदन में इस सदन में जो भी बात होती है, उस बात को देश बहुत गंभीरता से सुनता है और देश उसे बहुत गंभीरता से लेता है।

सदन में कुछ लोगों की वाणी देश को निराश करने वाली रही है

पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा, ये भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने महत्वपूर्ण सदन में कुछ लोगों का व्यवहार, कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को लेकिन देश को निराश करने वाली रही है। उन्होंने कहा, इस प्रकार की प्रवृत्ति के माननीय सदस्यों को मैं यही कहूंगा…

”कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल
जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल”

जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही खिलेगा

पीएम मोदी ने इन पंक्तियों के साथ आगे जोड़ते हुए एक और बात कही। उन्होंने कहा कि अच्छा ही है जितना ज्यादा कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। इसलिए कमल खिलाने में आपका प्रत्येक-परोक्ष जो भी योगदान है उसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।

पिछले 60 साल में कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे

पीएम मोदी ने कहा, कल विपक्ष के हमारे वरिष्ठ साथी खड़गे जी ने कहा कि हमने 60 साल में मजबूत बुनियाद बना रहे थे और उनकी शिकायत थी कि बुनियाद तो हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है। पीएम मोदी ने इसके जवाब में कहा, 2014 में आकर के जब मैंने बड़ी बारीकी से चीजों को गहराई से देखने का प्रयास किया, पर्सनल इंफॉर्मेशन लेने का प्रयास किया तो मुझे नजर आया कि 60 साल में कांग्रेस के परिवार ने, हो सकता है उनका इरादा कोई मजबूत नींव बनाने का हो मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन 2014 के बाद आकर के मैंने देखा उन्होंने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे, उनका इरादा नीव बनाने का कहां था ? पीएम मोदी ने इस बात पर आगे जोर देते हुए कहा, जब वो गड्ढे खोद रहे थे, छह-छह दशक बर्बाद कर दिए थे, उस समय दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखर छू रहे थे, आगे बढ़ रहे थे।

कांग्रेस की पंचायत से लेकर संसद तक दुनिया चलती थी

पीएम मोदी ने कहा, उनका तो वो साल इतना अच्छा ना होता कि पंचायत से लेकर के पार्लियामेंट तक उन्हीं की दुनिया चलती थी। देश भी अनेक आशा-परीक्षाओं के साथ आंख बंद करके उनका विश्वास करता था लेकिन उन्होंने इस प्रकार की कार्यशैली विकसित की, इस प्रकार का कल्चर विकसित किया कि जिसके कारण वे एक भी चुनौती का परमानेंट सॉल्यूशन करने का न कभी सोचा, न कभी उनको सूझा, न कभी उन्होंने प्रयास किया। वे बहुत हो हल्ला हो जाता था तो कभी चीजों को छू लेते थे, टोकेनिज्म कर लेते थे और फिर आगे चले जाते थे। समस्याओं का समाधान करना उनका दायित्व था। देश की जनता समस्याओं से जूझ रही थी। देश की जनता देख रही थी कि इस समस्या का समाधान कितना बड़ा लाभ कर सकता है लेकिन उनकी प्रायॉरिटी अलग थी, उनके इरादे अलग थे और उसके कारण किसी भी बात का परमानेंट सॉल्यूशन के प्रयास नहीं हुए।

आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रहे

पीएम मोदी ने सदन को बताया कि हमारी सरकार की पहचान जो बनी है वो हमारे पुरुषार्थ के कारण बनी है। एक के बाद एक उठाए गए कदमों के कारण बनी है। आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ते रहे हैं, हम एक-एक विषय को छू कर भागने वाले लोग नहीं, लेकिन देश की मूलभूत आवश्यकताओं को परमानेंट सॉल्यूशन पर बल देते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा अगर मैं पानी का ही उदाहरण लूं तो वो जमाना था कि किसी गांव में एक हैंडपंप लगा दिया तो हफ्तेभर उसका उत्सव मनाया जाता था और उस टोकेनिज्म सिस्टम से पानी का काम किया करके गाड़ी चलाई जाती थी।

समस्याओं का टोकेनिज्म क्या होता है, कैसे टाला जाता है, ये कल्चर देश ने देखा

पीएम ने कहा, कल यहां गुजरात का जिक्र कर रहे थे, आप हैरान होंगे सबसे ज्यादा सीटों से जीतने का जो गर्व था वैसे एक मुख्यमंत्री एक शहर में पानी की टंकी का उद्घाटन करने गए थे और वो फ्रंट पेज पर हैडलाइन न्यूज था। यानि समस्याओं का टोकेनिज्म क्या होता है, कैसे टाला जाता है, ये कल्चर देश ने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने भी पानी की समस्या सुलझाने के रास्ते अपनाए। हमने जल संरक्षण, जल सिंचन हर पहलू पर ध्यान दिया। हमने कैच द रेन अभियान से जनता को जोड़ा। इतना ही नहीं, आजादी के पहले से अब तक हम सरकार में आने तक सिर्फ 3 करोड़ घरों तक नल से जल मिलता था। पिछले तीन-चार साल में आज 11 करोड़ घरों को नल से जल मिल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत पानी की समस्या जो हर परिवार की समस्या होती है, जीवन में उसके बिना चल नहीं सकता और भविष्य की संभावनाओं को भी देखते हुए हमने उसके समाधान के रास्ते चुने।

पिछले 9 साल में ही 48 करोड़ जनधन बैंक खाते खोले गए

पीएम ने कहा कि मैं एक और विषय पर जाना चाहता हूं ”एम्पावरमेंट ऑफ कॉमन पीपल”…. बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था, इस बात से हुआ था, इस बात से हुआ था कि गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले, ऐसी बहानेबाजी की गई थी लेकिन देश के आधे से अधिक लोग बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाए। हमने इसका परमानेंट सॉल्यूशन निकाला और जनधन अकाउंट अभियान चलाया। बैंकों को मोटिवेट किया, ऑनबोर्ड लिया पिछले 9 साल में ही 48 करोड़ जनधन बैंक खाते खोले गए, इसमें 32 करोड़ बैंक खाते ग्रामीण और कस्बों में हुए हैं यानि देश के गांव तक प्रगति की मिसाल को ले जाने का प्रयास हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। वो कह रहे थे मोदी जी कलबुर्गी आ जाते हैं, मैं जरा खड़गे जी को कहना चाहता हूं कि मैं आता हूं उसकी शिकायत करने से पहले ये भी तो देखो कर्नाटक में 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं। इतना ही नहीं, उन्हीं के इलाके कलबुर्गी में 8 लाख से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं। इतने बैंक के खाते खुल जाएं, इतना एम्पावरमेंट हो जाए, लोग इतने जागृत हो जाए और किसी का इतने सालों के बाद खाता बंद हो जाए तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं। अब बार-बार उनका दर्द झलकता है। मैं तो हैरान हूं कभी-कभी यहां तक कह देते हैं कि एक दलित को हरा दिया, अरे उसी राज्य की जनता जनार्दन है, उसने दूसरे दलित को हरा दिया। अब आपको जनता नकार दे रही है, आपको हटा रही है, आपका खाता बंद कर दे रही है तो आप रोना यहां रो रहे हैं।

जनधन, आधार, मोबाइल त्रिशक्ति

पीएम ने कहा, जनधन, आधार, मोबाइल ये जो त्रिशक्ति है उसने सीधा डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर उस योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपया इस देश के नागरिकों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया है। मुझे ख़ुशी है कि डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर ये टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के कारण इस देश को 2 लाख करोड़ रुपयों से ज्यादा पैसे जो किसी इकोसिस्टम के ग़लत हाथों में जाता था वो बच गया है। देश की बहुत बड़ी सेवा की है। पीएम ने सदन में हंगामा कर रहे लोगों को केंद्रित करते हुए कहा, मैं जानता हूं जिस इकोसिस्टम के चेले-चपाटों को 2 लाख करोड़ के ऐसे फायदे मिलते रहते थे, उनका चिल्लाना भी स्वाभाविक है।

हम रुकी हुई परियोजनाओं के लिए पीएम गति शक्ति लेकर आए

पीएम ने कहा, हमारे देश में पहले परियोजनाएँ अटकाना, लटकाना, झटकाना ये उनकी कार्य संस्कृति का हिस्सा बन गया था। यही उनकी कार्यशैली का हिस्सा बन गया था। यही उनका कार्य करने का तरीका बन गया था। ईमानदार टैक्स पेयर की गाढ़ी कमाई का नुकसान होता था। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया और पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान लेकर आए और 1600 लेयर में पेटा के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स को गति देने का काम हो रहा है।

आधुनिक भारत के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व समझते हैं

जो योजनाएं बनाने में महीनों लग जाते थे वो आज सप्ताहों के भीतर-भीतर उसको आगे बढ़ा दिया जाता है क्योंकि आधुनिक भारत के निर्माण के लिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व भली भांति समझते हैं, स्केल का महत्व भी समझते हैं, स्पीड का महत्व भी समझते हैं और टेक्नोलॉजी के माध्यम से परमानेंट सॉल्यूशन और परमानेंट एस्पिरेशन का एड्रेस करने का प्रयास हम कर रहे हैं।

सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से कुछ नहीं होता

पीएम ने कहा कि कोई भी जब सरकार में आता है तो देश के लिए कुछ करने का वादा करके आता है, जनता का भला करने के वादे करके आता है लेकिन सिर्फ़ भावनाएं व्यक्त करने से बात बनती नहीं है। आप कह दें कि हम ऐसा चाहते हैं, वैसा चाहते हैं जैसे पहले कहा जाता था गरीबी हटाओ… चार-चार दशक हो गए हैं हुआ कुछ नहीं। इसलिए विकास की गति क्या है, विकास की नीयत क्या है, विकास की दिशा क्या है, विकास का प्रयास किया है, परिणाम क्या है, ये बहुत मायने रखता है। सिर्फ़ आप कहते रहे कि हम भी कुछ करते थे इतने से बात बनती नहीं है।

देश विकास की यात्रा को पार करे, इसके लिए हम काम करते रहेंगे

पीएम ने कहा कि हम जनता को उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर उनकी आवश्यकताओं और जब जनता की इतनी बड़ी आवश्यकताओं मेहनत करते हैं तो हम पर दबाव भी बढ़ता है, हमें मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ती है, परिश्रम भी ज्यादा करना पड़ता है लेकिन हमने जैसे महात्मा गांधी जी कहते थे श्रेय और प्रेय.. हमने श्रेय का रास्ता चुना है, प्रिय लग जाए आराम कर लें वे रास्ता हमने नहीं चुना है। मेहनत करनी पड़े तो करेंगे। दिन-रात खपाना पड़ेगा तो खपाएंगे लेकिन जनता जनार्दन के एस्पीरेशन को चोट नहीं पहुंचने देंगे और उसके एस्पिरेशन सिद्धियों में परिवर्तित हो जाएँ और देश विकास की यात्रा को पार करे इसके लिए हम काम करते रहेंगे। इन सपनों को लेकर के चलने वाले हम लोग हैं और वो हमने करके दिखाया।

हमने 32 करोड़ से ज्यादा परिवारों के पास गैस कनेक्शन पहुंचाए

पीएम मोदी ने कहा, देश जब से आजाद हुआ तब से 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे और लोगों की माँग भी थी कि हमें एलपीजी कनेक्शन मिल जाए और उस समय डिमांड भी कम थी, प्रेशर भी कम था आपको गैस लाने के लिए खर्चा भी नहीं करना पड़ता था, आपको घरों तक गैस पहुँचाने में आप भी मज़े में थे, चलती थी गाड़ी काम होता नहीं था, लोग इंतज़ार करते रहते थे लेकिन हमने सामने होकर तय किया कि हर घर को एलपीजी कनेक्शन देंगे। हमें मालूम था कि जो हम कर रहे हैं उसके लिए हमें मेहनत करनी पड़ेगी। हमें मालूम था हमें धन खर्च करना पड़ेगा, हमें मालूम था हमें दुनियाभर से गैस लाना पड़ेगा। ये सब दबाव की संभावना जानने के बाद भी हमारी प्राथमिकता मेरे देश का नागरिक था। हमारी प्राथमिकता हमारे देश के सामान्य लोग थे और इसलिए हमने 32 करोड़ से ज़्यादा परिवारों के पास गैस कनेक्शन पहुंचाए।

पीएम मोदी ने कहा, इस एक उदाहरण से समझ सकते हैं कि हमें कितनी मेहनत करनी पड़ी है लेकिन हमने आनंद के साथ इस मेहनत को किया और हमें इस बात की ख़ुशी है कि सामान्य मानवीय को उसका संतोष मिला, इससे बड़ा एक सरकार के लिए संतोष क्या हो सकता।

देश में 18,000 से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं थी, हमने बिजली पहुंचाई

पीएम मोदी ने बताया कि पहले देश में 18,000 से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं थी। हम पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं। हमने 18000 से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाई। देश के लोगों का विश्वास हमने जीता है। जनता का आशीर्वाद आज हमें मिल रहा है। आज हम देश में 22 घंटे बिजली देने में सफल रहे। हमने लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा। पीएम मोदी ने कहा देश आज ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति की ओर बढ़ रहा है।

कांग्रेस को देश बार-बार नकार रहा

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार का सेचुरेशन पर जोर है। सेचुरेशन से किसी व्यक्ति विशेष की बजाय सभी का लाभ हो रहा है। हम देश को विकास का मॉडल दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को देश बार-बार नकार रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का योगदान अहम है। दशकों तक आदिवासी विकास से वंचित रहे। वाजपेयी जी की सरकार में आदिवासियों के लिए एक अलग मंत्रालय बना। पीएम मोदी ने कहा कि हमने 110 आकांक्षी जिलों को विकास के लिए चयनित किया। इन 110 आकांक्षी जिलों पर सरकार का विशेष फोकस है। इस बजट में आदिवासियों के लिए पांच गुना वृद्धि की गई है। बीते 9 वर्षों में आदिवासियों के लिए 500 नए एकलव्य मॉडल स्कूल स्वीकृत किए।

कृषि की सच्ची ताकत छोटे किसान, हमने इनके विकास पर ध्यान केंद्रित किया

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले तक आदिवासियों को 14 लाख जमीन के पट्टे दिए गए। पिछले 7-8 साल में हमने 7 लाख नए पट्टे दिए। इनकी अर्थनीति, राजनीति वोट बैंक पर ही चलती रही। इन्होंने छोटे कामों में लगे लोगों को भुला दिया। इस देश की कृषि की सच्ची ताकत छोटे किसान हैं। हमने इन छोटे किसानों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। हमने इनको बैंकों से जोड़ा। बहुत सारे किसान ऐसे हैं जो बारिश के पानी पर ही निर्भर हैं। हमने मोटे अनाज को श्री अन्न के तौर पर महत्व दिया है। मिलेट एक सुपर फूड है।

हमारी बेटी अबला नहीं सबला है

पीएम ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी से परिणाम अच्छे मिलते हैं। महिला सशक्तिकरण को सरकार ने प्राथमिकता दी है। पीएम ने कहा, 11 करोड़ शौचालय बनाकर माताओं-बहनों को इज्जत घर दिया। मातृ व शिशु दर को कम करने को लेकर व्यापक अभियान चलाया। आज बेटों की बजाय बेटियों को पैदा होने की दर बढ़ रही है। पीएम ने बताया कि बेटी की शिक्षा के लिए सुकन्या समृद्धि योजना बनाई। मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 70 फीसदी महिलाएं हैं। बेटियों के लिए हमने सैनिक स्कूल खोल दिए हैं। हमारी बेटी अबला नहीं सबला है। हमने बेटियों के लिए सेना के द्वार भी खोल दिए हैं। माता-बहनों के लिए उज्जवला योजना लेकर आए।

हम विज्ञान और तकनीक के महत्व को समझते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि हम विज्ञान और तकनीक के महत्व को समझते हैं। सरकार विज्ञान और तकनीक के प्रसार में जोर दे रही है। स्पेस के क्षेत्र में हमने निजी भागीदारी का सपना पूरा किया। यूनिकॉर्न के क्षेत्र में हम तीसरे स्थान पर पहुंचे। हमारी सरकार ने आधार की ताकत को दुनिया को दिखाया। भारत की कोरोना वैक्सीन से दुनिया के लोग अचंभित हुए। पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोगों ने भारतीय वैक्सीन की आलोचना की थी। यह विज्ञान और तकनीक के विरोधी लोग हैं। भारत फार्मेसी का हब बन रहा है। डिजिटल इंडिया को दुनिया जानने की इच्छुक है। दुनिया में भारत सबसे ज्यादा डिजिटल लेने देने कर रहा है। आज दुनिया को भारत मोबाइल निर्यात कर रहा है। इसी बीच पीएम ने यह भी बताया कि देश में ड्रोन की नीतियों में बदलाव किया गया। हमने आम आदमी के लिए तकनीक का भरपूर प्रयास किया है।

दुनिया की एकमात्र फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी भारत में है

पीएम मोदी ने बताया कि दुनिया की एकमात्र फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी भारत में ही है। उन्होंने कहा रोजगार और नौकरी में फर्क होता है। बीते 9 वर्ष में अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है। ग्रीन जॉब की संभावनाएं बनी। डिजिटल अर्थव्यवस्था ने रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ाई। पीएम ने कहा, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के जरिए 60 लाख लोगों को फायदा हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के प्रयासों से रोजगार की संभावनाओं में नई गति आई है। आज 350 निजी कंपनियां रक्षा क्षेत्र में आई हैं। रिटेल से लेकर पर्यटक तक हर क्षेत्र का विस्तार हुआ है। आज देश का युवा रोजगार विरोधी लोगों को नकार रहा है। हर किसी के लिए रोजगार के लिए अवसर बने हैं। पीएम ने कहा, कुछ लोगों ने नामों पर भी आपत्ति जताई। नेहरू का सरनेम रखने से क्या आपत्ति है ? देश में 600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम पर हैं। यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं। हमने मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नामकरण किया। हमने नेताजी के नाम पर द्वीपों का नामकरण किया। हमने परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर द्वीपों का नामकरण किया। हमारा रास्ता सकारात्मक है। हमारी सरकार ने केंद्र राज्य के बीच सहयोग पर जोर दिया है। हमने संघवाद पर बल दिया। किसी दल ने 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार प्रयोग किया। इंदिरा गांधी ने 50 बार आर्टिकल 356 का प्रयोग कर सरकारों को खत्म किया। शरद पवार की सरकार को भी गिरा दिया गया था। हर क्षेत्रीय नेता को उन्होंने परेशान किया। ये कांग्रेस की राजनीति का स्तर था। राजभवनों को कांग्रेस का दफ्तर बना दिया गया था। आज कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है। अपने राज्यों को समझाएं कि गलत रास्ते पर ना जाएं।

देश देख रहा है-एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा हैं

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों की बदतर हालत जीता-जागता सबूत है। कई देश कर्ज के तले दबे जा रहे हैं। देश की आर्थिक हालत के साथ खिलवाड़ न कीजिए। देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को अनुशासन का रास्ता चुनना होगा। देश अब लंबी छलांग मारने को तैयार है। देश देख रहा है-एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। देश के लिए जीता हूं और देश के लिए कुछ करने निकला हुआ हूं और इसलिए ये राजनीति का खेल खेलने वाले लोग उनके अंदर वो हौसला नहीं है। वो ढूंढ रहे हैं, बचने का रास्ता खोज रहे हैं।

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