काव्य गोष्ठी में बही काव्य धारा: खुशियों की खुशबू से लबालब हो नया साल…

CHANDIGARH: अखिल भारतीय साहित्य संघ की मासिक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में पुराने वर्ष को अलविदा और नए वर्ष का कविताओं से स्वागत किया गया। कवि-कवियत्रियों ने दुआ की कि नववर्ष-2021 सबका दामन खुशियों से भर दे।

गोष्ठी की शुरुआत में सोमेश ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, तत्पश्चात वरिष्ठ कवि प्रेम विज ने फौजी का संदूक व नववर्ष पर कहा, खुशियों की खुशबू से लबालब हो नया साल, मुस्कुराता चेहरा लेकर आए नया साल, सुदेश नूर ने आत्मनिर्भर भारत पर कविता प्रस्तुत की। इंदर वर्षा वर्मा ने धरती पर स्वर्ग बनाएंगे, नीरू मित्तल ने इंसान होना छोटी बात नहीं कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।

इस मौके पर केदारनाथ केदार, अशोक भंडारी नादिर, देवराज त्यागी, सरिता मेहता, राशि श्रीवास्तव, रेनू अब्बी, संगीता कुंद्रा, ऊषा गर्ग, डॉक्टर अनीश गर्ग, हरेंद्र सिन्हा, रेखा साहनी, डेजी बेदी, आभा मुकेश साहनी, अचला डिंगले, मोहिनी मदान, अलका कांसरा, सतवंत कौर, एचसी गेरा, विनोद शर्मा ने भी काव्य पाठ कर खूबसूरत समां बांध दिया। कार्यक्रम का संचालन कवियत्री नीरू मित्तल नीर ने, स्वागत इंदर वर्षा वर्मा, प्रेम विज और धन्यवाद संगीता कुंद्रा ने किया।

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