UTCA में सियासी भूचालः प्रदीप छाबड़ा ने यूटी क्रिकेट एसोसिएशन पर जताया अपना अधिकार, संजय टंडन को बताया फर्जी अध्यक्ष

UTCA में तमाम अनियमितताओं का भी आरोप लगाया, राष्ट्रपति और BCCI को शिकायत भेजकर जांच की मांग की

CHANDIGARH, 18 AUGUST: चंडीगढ़ के पूर्व मेयर, पंजाब लार्ज इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप छाबड़ा ने आज चंडीगढ़ यूटी क्रिकेट एसोसिएशन (UTCA) पर अपना अधिकार जताया और संजय टंडन पर फर्जी तरीके से UTCA का अध्यक्ष पद कब्जाने का आरोप लगाते हुए उन पर जोरदार हमला बोला। छाबड़ा का कहना है कि वह 2013 में UTCA के अध्यक्ष बने थे और उन्होंने अभी तक इस पद से त्याग पत्र नहीं दिया है, जबकि भाजपा नेता संजय टंडन असंवैधानिक तरीके से UTCA के अध्यक्ष पद पर काबिज होकर UTCA में तमाम अनियमितताओं को अंजाम दे रहे हैं। प्रदीप छाबड़ा के इन आरोपों के साथ ही चंडीगढ़ में यूटी क्रिकेट एसोसिएशन का विवाद एक बार फिर गहरा गया है। छाबड़ा ने पूरे मामले को लेकर राष्ट्रपति तथा BCCI तक को शिकायत भेजकर मामले की जांच कराने की मांग की है।

आज यहां सेक्टर-22 स्थित होटल अरोमा में एक प्रैस कांफ्रैंस करके पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने UTCA में सियासी भूचाल ला दिया। प्रदीप छाबड़ा ने खुद को न केवल UTCA का अध्यक्ष बताया, बल्कि मौजूदा समय में UTCA चला रहे भाजपा नेता संजय टंडन पर कई आरोप लगाए। छाबड़ा ने कहा कि वह बीसीसीआई से UTCA की संबद्धता के खिलाफ नहीं थे, बल्कि इस संबद्धता के लिए उन्होंने चंडीगढ़ के प्लेयर्स के अधिकारों और हितों को लेकर लड़ाई लड़ी थीl छाबड़ा ने कहा कि वह 2013 में UTCA के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। उन्होंने इस पद से इस्तीफा भी नहीं दिया लेकिन संजय टंडन ने अवैध रूप से UTCA के अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया। साथ ही असंवैधानिक रूप से एसोसिएशन के उन पुराने सदस्यों को बाहर कर दिया, जिन्होंने UTCA को चंडीगढ़ में खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थीl

प्रेस कांफ्रैंस के दौरान पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा व अन्य।

प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि जो संजय टंडन खुद के UTCA अध्यक्ष होने का दावा कर रहे हैं, उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन की बिल्डिंग में लाखों रुपए खर्च कर ऑफिस का निर्माण तो करा लिया लेकिन रिन्यू नहीं करा सकेl छाबड़ा का दावा है कि UTCA में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को भी दरकिनार किया गया हैl UTCA सिर्फ नाम की रह गई है। खिलाड़ियों में अधिकतर बच्चे बाहरी राज्यों के हैंl उन्होंने कहा कि संजय टंडन यूटी क्रिकेट एसोसिएशन (UTCA) का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं और एसोसिएशन में फण्डों का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। छाबड़ा ने कहा कि यूटी क्रिकेट एसोसिएशन के बैनर तले संजय टंडन ने जो गली क्रिकेट का आयोजन किया था, उसका इस्तेमाल टंडन ने शहर में अपनी राजनीति चमकाने के लिए किया। यहां तक कि UTCA में अपने ही परिवार के सदस्यों, अपनी ही पार्टी के सदस्यों, अपने बेटे और भाइयों को मेंबर बनाया है, जो कि पूरी तरह गैरकानूनी है। छाबड़ा ने कहा कि उनके साथ चंडीगढ़ के 44 क्रिकेट क्लब हैं, जिन्हें संजय टंडन ने आज तक UTCA में बुलाया तक नहीं, जबकि इन सभी क्लबों के पास वोटिंग यानी कि UTCA का प्रेसिडेंट चुनने की पावर है।

प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि उन्होंने जब UTCA को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी, तब उनका सिर्फ एक ही मकसद था कि चंडीगढ़ के रियल टैलेंट को मौका मिले, क्योंकि क्रिकेट में चंडीगढ़ के युवाओं को मौका नहीं मिलता। वह पंजाब और हरियाणा की तरफ से खेला करते थे लेकिन UTCA में आज जिस तरह से गड़बड़ हो रही है, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने आरोप लगाया कि UTCA में अनियमितताएं बढ़ती जा रही हैं तथा यह सब चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोग से हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब BCCI से पैसा आ रहा है तो संजय टंडन को गली क्रिकेट टूर्नामेंट अलग से क्यों करना पड़ा। छाबड़ा ने आरोप लगाया कि यह सब अनैतिक लाभ लेने के लिए किया गया। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि UTCA के कामकाज में पारदर्शिता नहीं है। इसकी वेबसाइट पर फंड्स के इस्तेमाल का जिक्र तक नहीं है। कोचिंग, चयन पैनल स्टाफ की नियुक्ति का कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया। छाबड़ा ने कहा कि यह मामला चंडीगढ़ के प्लेयर्स के फ्यूचर का सवाल है, इसलिए उन्होंने यह मुद्दा उठाया हैl

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