पंजाब के मुख्यमंत्री ने पावरकॉम को तलवंडी साबो थर्मल प्लांट का बिजली खरीद समझौता भी रद्द करने के लिए दी हरी झंडी

उपभोक्ताओं को वाजिब कीमतों पर मानक बिजली सप्लाई देने के उद्देश्य से उठाया कदम

CHANDIGARH: राज्य भर के उपभोक्ताओं के लिए निर्विघ्न, मानक और वाजिब कीमतों पर बिजली सप्लाई यकीनी बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) को तलवंडी साबो पावर लिमिटेड का बिजली खरीद समझौता रद्द करने के लिए तुरंत नोटिस जारी करने के लिए हरी झंडी दे दी है।

मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि यह कदम उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है जिससे लोगों पर महँगी बिजली का बोझ घटेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक वित्तीय साल 18-19, वित्तीय साल 19-20 और वित्तीय साल 20-21 के दौरान बिजली की कीमत औसतन प्रति यूनिट (निर्धारित परिवर्तनशील) क्रमवार 5.10 रुपए, 5.55 रुपए और 5.30 रुपए रहा जबकि इन सालों के दौरान थोड़े समय में मार्केट में बिजली की औसतन कीमत क्रमवार 3.86 रुपए, 3.21 और 3.01 रुपए प्रति यूनिट पाई गई थी।

फलस्वरूप, प्रचलित रुझान के मुताबिक तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और थोड़े समय में मार्केट में औसतन बिजली दरों में अंतर 2रुपए किलोवाट हावर और तलवंडी साबो पावर लिमिटेड से निर्धारित यूनिट 9000 मिलियन यूनिट हैं। मौजूदा कीमतों पर पी.एस.पी.सी.एल. की तरफ से सालाना 1800 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कीमत वहन की जा रही है और बिजली खरीद समझौते के बाकी रहते समय के लिए 36000 करोड़ और बनते हैं। यदि यह मान भी लिया जाये कि बढ़ती माँग के कारण तलवंडी साबो पावर लिमिटेड से ऊर्जा की धीरे-धीरे माँग बढ़ कर 12000 मिलियन यूनिट हो जाये और 1.50 के.डब्ल्यू.एच. की रिवायती कीमत को विचार भी लिया जाये तो यह देनदारी उतनी ही बनती है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि अधिक परिवर्तनशील कीमतों के कारण तलवंडी साबो पावर लिमिटेड की कारगुज़ारी मानक पक्ष से निचले दर्जे की है और इसके नतीजे के तौर पर बिजली की निर्धारित पैदावार पर खरे नहीं उतरा जबकि पी.एस.पी.सी.एल. को प्लांट के लिए ऐलानी उपलब्धता के लिए पूरी सामथ्र्य वाली दरों की अदायगी करनी पड़ती है। वित्तीय साल 2014-15 से वित्तीय साल 2020-21 तक 24176 मिलियन यूनिट ऊर्जा समर्पण की गई जबकि इस ऊर्जा के लिए पी.ऐस.पी.सी.ऐल. की तरफ से निर्धारित दरों के अंतर्गत 2920 करोड़ रुपए अदा किये गए।

इस प्लांट की समर्पण ऊर्जा की कीमत वित्तीय साल 2018 -19, वित्तीय साल 2019 -20 और वित्तीय साल 2020 -21 के दौरान क्रमवार 389 करोड़ रुपए, 756 करोड़ और 446 करोड़ रुपए रही। ‘ज़रूर चलाने’ की स्थिति वाली नवीनकरणीय ऊर्जा के प्रवेश से बिजली का समर्पण बढऩे की संभावना है और इस कारण तलवंडी साबो पावर लिमिटेड से बिजली की कीमत और भी बढ़ जायेगी।

यह जि़क्रयोग्य है कि राज्य सरकार जी.वी.के. गोइन्दवाल साहिब (2ङ्ग270 मेगावाट) के बिजली खरीद समझौते को रद्द करने के लिए पी.एस.पी.सी.एल. के प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुकी है। इसके बाद इस डिफ़ाल्ट कंपनी को समझौता रद्द करने का नोटिस जारी किया जा चुका है।

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