COVID-19 Vaccine न लगवाने वाले पंजाब के सरकारी कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा जाएगा

सह-रोगों वाले स्टाफ को छोड़कर चार हफ्ते पहले वैक्सीन की एक-एक खुराक लेने वाला अध्यापन और गैर-अध्यापन स्टाफ जा सकता है स्कूल, परन्तु साप्ताहिक आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट (RTPCR Test) की जरूरत होगी
मुख्यमंत्री ने अध्यापकों, बच्चों के मां-बाप, विक्रेताओं, खाने-पीने और मिठाई की दुकानों एवं ढाबों के स्टाफ को प्राथमिकता पर वैक्सीन की पहली खुराक लगाने के आदेश

CHANDIGARH: मेडिकल आधार को छोडक़र किसी भी अन्य कारण से अभी तक कोविड वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की पहली खुराक न लेने वाले पंजाब सरकार के कर्मचारियों को 15 सितम्बर के बाद जबरन छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। इन सख़्त आदेशों का ऐलान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किया, जिससे लोगों को इस बीमारी से सुरक्षित रखने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित बनाया जा सके कि वैक्सीन की खुराक लेने में अभी भी संकोच कर रहे लोगों के कारण वैक्सीन लगवा चुके लोगों को इसका हर्जाना ना भरना पड़े।

आज कोविड की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के असरदार रहने का सबूत अध्ययन किए जा रहे डेटा से मिल जाता है। सरकारी कर्मचारियों तक पहुँच करने के लिए विशेष प्रयत्न किए जा रहे हैं और जो कर्मचारी खुराक लेने से बच रहे हैं, उनको उस समय पर तक छुट्टी पर रहने के लिए कहा जाएगा, जब तक वह पहली खुराक नहीं ले लेते।

उन्होंने कहा ने चार महीने पहले कोविड वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की कम से कम एक खुराक ले चुके टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्कूल स्टाफ को ड्यूटी करने की इजाज़त दे दी है, परन्तु इसके लिए हरेक हफ़्ते आर.टी.पी.सी.आर. की नेगेटिव रिपोर्ट जमा करवानी होगी। हालाँकि, सह-रोगों वाले स्टाफ को पुरी खुराकें लेने पर ही इजाज़त दी जाएगी। इससे पहले स्कूल शिक्षा के सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि इस समय पर कोविड की पुरी खुराकें लेने वाले स्टाफ के सदस्यों को स्कूल आने की इजाज़त है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने सुझाव दिया कि स्कूल स्टाफ के लिए दूसरी खुराक लेने का समय घटाकर 28 दिन कर दिया जाए, परन्तु मुख्य सचिव ने मीटिंग में बताया कि राज्य द्वारा स्कूल स्टाफ को ज़रूरी सेवाओं के तौर पर विचारने के लिए की गई अपील को केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है। 

मुख्यमंत्री ने इस बात पर तसल्ली ज़ाहिर की कि कारगर ढंग से टेस्टिंग करने के स्वरूप स्कूलों में स्थिति अभी तक नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि अगस्त महीने में कुल 5799 स्कूलों के अध्यापन और ग़ैर-अध्यापन के 33,854 अमले द्वारा 3,21,969 स्कूल के विद्यार्थियों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से अब तक 158 मामलों में टेस्ट पॉजि़टिव पाए गए जिसके मुताबिक पॉजि़टिविटी दर सिफऱ् 0.05 प्रतिशत बनती है। ताज़ा सीरो-सर्वे का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि 6-17 साल के उम्र वर्ग के बच्चों के लिए पॉजि़टिविटी दर 60 प्रतिशत है, जबकि 14-17 साल के उम्र वर्ग में यह दर अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग और रिहायश की जगह के हिसाब से यह एक ही तरह से फैला, जिससे सिद्ध होता है कि हमारे बच्चे, यहाँ तक कि वह कोविड से भी प्रभावित हुए, बहुत हद तक गंभीर बीमारी से सुरक्षित रहे। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री से अपील की कि त्योहारों से पहले सभी योग्य लोगों के टीके लगाने को सुनिश्चित बनाने के लिए अपेक्षित मात्रा में टीके उपलब्ध करवाना निश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष इस मामले की पैरवी करेंगे, जिन्होंने पहले भी उनको अतिरिक्त आपूर्ति का भरोसा दिलाया था।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि मिठाई की दुकानों, खोखे, ढाबों आदि के सभी स्टाफ के टीकाकरण की कम से कम एक खुराक ज़रूर लगवायी हो। यह ध्यान दिलाते हुए कि 1.18 करोड़ लोगों को पहली खुराक और 37.81 लाख लोगों को दूसरी खुराक के साथ राज्य ने पहले ही 57 प्रतिशत से अधिक योग्य जनसंख्या को टीकाकरण में कवर कर लिया है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने टीकाकरण मुहिम को आगे और तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी आदेश दिए कि अध्यापकों, नौजवान बच्चों के माँ-बाप और विक्रेताओं को कोविड टीकाकरण में पहल दी जाए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य को प्राप्त हुए टीकों का स्टॉक बिना अपव्यय किए उपयोग किया गया।

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