चंडीगढ़ के AAP नेता हरजिंद्र बावा की शिकायत पर पंजाब सरकार ने लिया एक्शन

AAP सरकार पंजाब में अब केबल टीवी नेटवर्क के माफिया पर कसेगी शिकंजा

CHANDIGARH, 25 JUNE: आम आदमी पार्टी (AAP) की चंडीगढ़ इकाई के महासचिव हरिजंद्र सिंह बावा ने 22 जून को पंजाब की एंटी करेप्शन हेल्पलाइन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर फास्टवे के उत्तर भारत में चल रहे नेटवर्क से पंजाब सरकार के राजकोष को भारी चपत लगने की शिकायत की थी। शिकायत में बावा ने कहा था कि फास्टवे केबल नेटवर्क के नाम से केबल टीवी नेटवर्क पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान राज्य में चल रहा है। इस विशेष कंपनी की कार्यप्रणाली से राजकोष को भारी नुकसान हो रहा है। इस शिकायत के आधार पर आज पंजाब विधानसभा में आप सरकार ने पंजाब में केबल नेटवर्क के माफिया पर शिकंजा कसने की बात कही, जिसमें फास्टवे मुख्य है।

बावा का कहना है कि पंजाब में आप की सरकार सभी रूपों में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाना चाहती है। इस फास्टवे कंपनी ने अपने लगभग सभी केबल टीवी तारों को अवैध रूप से भूमिगत कर दिया है, जो कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। कंपनी सरकार के बिजली के खंभों का उपयोग करने के लिए एक मामूली राशि का भुगतान करती है, यह राशि ऐसे खंभों के उपयोग के लिए निर्धारित मानक दरों से काफी कम है, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हो रहा है।

जब कंपनी कम संख्या में ऐसे पोल का उपयोग करने की अनुमति मांगती है तो यह वास्तव में संचालन करते समय अवैध रूप से बहुत अधिक संख्या का उपयोग करती है, जो फिर से कानून का उल्लंघन है और अंतत: राज्य को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाती है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान को संबोधित शिकायत में बावा ने कहा था कि यह कंपनी एक बड़ी धोखाधड़ी कर रही है। एक बार जब आप उक्त कंपनी के लेन-देन से संबंधित रिकॉर्ड मांगेंगे, जो स्थानीय निकाय विभाग, सैक्टर 35 में पड़े हैं, तो सब सामने आ जाएगा। बावा ने यह भी कहा कि विश्वस्त सूत्रों से मेरी जानकारी में आया है कि पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को इस विशेष कंपनी के कदाचार से अवगत कराया गया था और इस तरह तत्कालीन ईओ विजिलेंस साही को इस संबंध में जांच करने का आदेश दिया गया था।

साही ने उक्त विभाग में इस कंपनी के लेन-देन से संबंधित फाइल प्रस्तुत की थी। हालांकि, इससे पहले कि कोई कार्रवाई की जाती, नेतृत्व में बदलाव हो गया और संदेह है कि इस संबंध में निष्क्रियता का यही एकमात्र कारण था। इस फाइल के खुलने से यह भी पता चल जाएगा कि पंजाब सरकार के कई अधिकारी और राजनीतिक नेता उक्त कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं और सक्रिय रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के भ्रष्टाचारियों से पूरी ताकत से निपटा जाना चाहिए और अवैध रूप से भूमिगत तारों को बिछाने के संबंध में एक जांच का आदेश दें, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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