पंजाब सरकार के गलत वित्तीय ढांचे के कारण पंजाब गहरे वित्तीय संकट की और अग्रसर: विज

CHANDIGARH, 27 FEB: पंजाब की वर्तमान आम आदमी पार्टी की अनुभवहीनता और गलत वित्तीय ढांचे के कारण राज्य गहरे वित्तीय संकट की और अग्रसर है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अमित विज ने कहा कि राज्य सरकार की गलत नीतियों से  गरीब व मध्यमवर्गीय वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि कैग की दिसम्बर तक की रिपोर्ट के अनुसार राज्य का राजस्व घाटा 15349 करोड़ को छू गया है जो मार्च तक 20 हज़ार करोड़ पहुंच जाने की संभावना है।  उन्होंने कहा  रेवन्यू जेनरेशन का लक्ष्य 95375 करोड़ रखा था जो दिसम्बर तक 60095 करोड़ यानी 61%लक्ष्य पूरा हुआ जो मार्च तक 80 % तक हो सकता है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने आबकारी नीति से 9647 करोड़ का लक्ष्य रखा था 6056 करोड़ हुआ जो 62.17%ही पहुंचा । अन्य टैक्स व ड्यूटी का लक्ष्य 5390 करोड़ का था जो मात्र 2039 करोड़ तक सीमित रह गया। विज ने कहा कि ग्रांट ईन ऐड  का लक्ष्य था जो 16977 करोड़ ही हो पाया। सरकार ने पूरे साल का ऋण लेने का लक्ष्य 23835 करोड़ रखा था पर दिसंबर तक 19540 करोड़ का ऋृण उठा लिया जो 81.98% है। उन्होंने कहा पंजाब सरकार  दावा कर रही है कि उसने 80 हज़ार करोड़ का रेवन्यू दिसंबर तक प्राप्त कर लिया है जबकि उसमे  19540 करोड़ तो ऋण ही है । सब्सीडीज़ जो लोगों को देनी हैं उसको मिला लें तो सरकार तक़रीबन 20 हज़ार करोड़ से ले कर 25 हज़ार करोड़ के घाटे में रहेगी । अभी सरकार को 1000 रुपए प्रति महिला को भी देना है जिसका सरकार पर 12 हज़ार करोड़ से 15 हज़ार करोड़ तक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा । उन्होंने   चिंता व्यक्त  करते कहा कि इस सारी स्थिति से सरकार लोगों पर टेक्स का बोझ न डाल दे। उन्होंने कहा राज्य की उलझी हुई क़ानून व्यवस्था के चलते रेवन्यू यानी सरकार की कमाई और गिरने कि संभावना है ।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पेट्रोल और डीजल पर कर बढ़ा चुकी है अब जनता पर और बोझ डालने की तैयारी कर रही है। आप सरकार ने रेत बजरी से 20 हज़ार करोड़ और 34 हज़ार करोड़ लीकेज रोक कर खजाने में लाने का वायदा किया था। जिसमें सरकार पूरी तरह विफल रही।  दूसरी और सरकार ने राज्य में निजी निवेश लाने के वायदे किए। जो राज्य की अस्थिर कानून व्यवस्था के कारण नहीं आ पाई। उन्होंने आप सरकार को सुझाव देते कहा वे पूंजीगत व्यय को बढ़ाए । उन्होंने कहा सरकार को निजी निवेश के लिए राज्य में सौहार्द का वातावरण बनाना होगा। तभी राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकेगा। उन्होंने कहा सरकार की अनुभवहीनता के कारण पंजाब बड़े आर्थिक संकट में फंस सकता है।

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