पंजाब को नेताओं की जरूरत है, खजाने को लूटने वाले डीलरों की नहीं: मुख्यमंत्री

कहा- मनप्रीत बादल के गलत फैसले के कारण सरकारी खजाने को 60 करोड़ रुपए का घाटा सहना पड़ा  

CHANDIGARH, 14 AUGUST: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि अपने आप को बहुत बुद्धिमान और तजुर्बेकार समझने वाले नेताओं की पंजाब को कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि इन नेताओं ने ही सत्ता में होते हुए राज्य की अंधी लूट की थी।

आज यहाँ 76 आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित करने के बाद अपनी तकरीर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन राजनैतिक नेताओं को पंजाब और पंजाबियों के साथ कोई सरोकार नहीं है, जिस कारण इन्होंने हमेशा ही राज्य को दरकिनार करके रखा। भगवंत सिंह मान ने कहा, ‘‘मैं तो इन राजनीतिज्ञों के घटिया कारनामों की फाइलें देखकर हक्का-बक्का रह गया। वास्तव में यह फाइलें पंजाबियों के खून से भीगी हुई हैं। इन नेताओं को किए गए गुनाहों के लिए जवाबदेह बनाऊँगा और लोगों की हुई लूट का एक-एक पैसा वसूल करके रहूँगा।’’ 

पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर तीखा निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भाजपा नेता ने सत्ता में होते हुए एक तरफ़ तो राज्य में ई-स्टैंप व्यवस्था लागू कर दी और दूसरी ओर 1266 करोड़ रुपए के स्टैंप पेपर छापने के हुक्म दे दिए, जिस पर 57 करोड़ रुपए की लागत आनी थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस तजुर्बेकार पूर्व वित्त मंत्री के गलत फ़ैसले से सरकारी खज़ाने को लगभग 60 करोड़ रुपए का घाटा पड़ा। 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक ओर तो उनकी सरकार ने अब तक 31,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दीं और 12710 कच्चे अध्यापकों को रेगूलर किया, जबकि दूसरी ओर पूर्व वित्त मंत्री राज्य के विकास और नौजवानों को नौकरियाँ देने के रास्ते में रोड़ा बने रहे। उन्होंने कहा कि यह भाजपा नेता 9 साल राज्य के खज़़ाना मंत्री रहे और हर समय पर खज़़ाना खाली का राग अलापते रहते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री नकारात्मक सोच के शिकार हैं, जिस कारण विकास के पक्ष से राज्य पिछड़ गया।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ख़ुशी की बात है कि पंजाब के लोगों ने महलों या बंगलों में रहने वाले नेताओं को राजनैतिक अखाड़े से बाहर कर दिया, जो ‘काका जी’ और ‘बीबा जी’ करके जाने जाते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह मौकापरस्त नेता कभी भी लोगों के हक में नहीं खड़े हुए, बल्कि यह नेता अपने निजी हितों के हक में खड़े रहे। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने पंजाब और पंजाबियों की अपेक्षा अपने निजी मुनाफों को प्राथमिकता दी।  

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों ने अकड़ू विरोधी पक्ष को नकार कर बाहर का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि हार के कारण निराशा में डूबे नेता राज्य सरकार के खि़लाफ़ निराधार बयानबाज़ी कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि इन नेताओं को आने वाले समय में भी लोग सबक सिखाएँगे।  

 मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य के लोगों की समस्याओं से अच्छी तरह से अवगत हैं, क्योंकि वह लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए अक्सर राज्य का दौरा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जितने दौरे मैंने डेढ़ साल में पंजाब के किए हैं, उतने दौरे उनसे पहले मुख्यमंत्रियों ने पिछले 15 सालों में नहीं किए।’’ भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह लोग पंजाब की कोई परवाह नहीं करते, जबकि उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया हुआ है।  

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