पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर सोनू खत्री के तीन शूटरों को किया गिरफ़्तार

नेपाल भागने की कोशिश के दौरान सुखमन बराड़ गिरफ्तार, बाकी दो साथियों को गुरुग्राम से किया काबू: डीजीपी गौरव यादव  

CHANDIGARH, 8 SEPTEMBER: पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसियों के तालमेल से गैंगस्टर सोनू खत्री के तीन शूटरों को गिरफ्तार किया। गैंगस्टर सोनू खत्री आतंकवादी हरविन्दर रिन्दा का करीबी साथी है।

पुलिस के डायरैक्टर जनरल (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने गिरफ़्तार किए गए शूटरों की पहचान जालंधर के न्यू दियोल नगर के सुखमनजोत सिंह उर्फ सुखमन बराड़, एसबीएस नगर के गाँव लोधीपुर के जसकरन सिंह उर्फ जस्सी लोधीपुर और जालंधर के गाँव फलोरीवाल के जोगराज सिंह उर्फ जोगा के रूप में की है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने इनके पास से .32 बोर के तीन विदेशी पिस्तौल भी बरामद किए हैं।

डीजीपी ने कहा, ‘‘ख़ुफिय़ा जानकारी पर आधारित इस कार्यवाही में, ए.डी.जी.पी. प्रमोद बान की निगरानी अधीन एजीटीएफ पंजाब की पुलिस टीमों ने नेपाल भागने की कोशिश कर रहे मुलजि़म सुखमन बराड़ को भारत- नेपाल बॉर्डर से काबू किया, जबकि उसके दो अन्य साथियों को गुरूग्राम, हरियाणा से गिरफ़्तार किया। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ़्तार किए गए इन शूटरों की तिकड़ी काठमाण्डू, नेपाल से विदेश भागने के लिए नकली पासपोर्ट तैयार करने की योजना बना रहे थे।

उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार किए गए सभी व्यक्ति कम से कम पाँच कत्ल मामलों, जिनमें मार्च 2022 के दौरान नवांशहर में हुए मक्खन कत्ल केस शामिल हैं और इसके अलावा उक्त व्यक्ति इरादतन कत्ल, आम्र्स एक्ट, कारजैकिंग और जबरन वसूली समेत सात घृणित अपराधों के मामलों में वांछित हैं। उन्होंने बताया कि उक्त दोषी ज़ीरकपुर के मेट्रो प्लाज़ा में दिन-दिहाड़े हुई गोलीबारी में भी शामिल हैं।

इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे एआईजी सन्दीप गोयल ने अधिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि गिरफ़्तार किए गए मुलजि़म गैंगस्टर सोनू खत्री के निर्देशों पर पंजाब राज्य में सनसनीखेज़ वारदातों को अंजाम देते थे और वारदातों को अंजाम देने के बाद वह देश के अलग-अलग हिस्सों और नेपाल स्थित छुपने वाली जगहों में शरण लेते थे।

उन्होंने बताया कि यह भी खुलासा हुआ है कि विदेशी हैंडलर सोनू खत्री द्वारा छुपने वाली जगहों का प्रबंध किया जाता था, जो हवाला लेन-देन के द्वारा शूटरों को नियमित रूप में भुगतान करता था। इस मामले सम्बन्धी आगे की जांच जारी है।

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